राजस्थान सरकार में मंत्री अशोक चांदना ने एक ट्वीट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका पर निशाना साधते हुए कहा है कि उनके सभी विभागों का प्रभार उन्हें (रांका को) दे दिया जाए, क्योंकि वे ही सभी विभागों के मंत्री हैं. गहलोत का कहना है कि चांदना की टिप्पणी को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए.
जयपुर: राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायकों की नाराजगी का एक और मामला गुरुवार को तब सामने आया जब खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अशोक चांदना ने सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री कार्यालय के आला अधिकारी के प्रति अपनी नाराजगी जताई. उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उन्हें मंत्री पद से मुक्त करने तक का आग्रह कर दिया.
चांदना ने गुरुवार रात मुख्यमंत्री गहलोत को संबोधित करते हुए ट्वीट किया, ‘माननीय मुख्यमंत्री जी मेरा आपसे व्यक्तिगत अनुरोध है कि मुझे इस जलालत भरे मंत्री पद से मुक्त कर मेरे सभी विभागों का चार्ज (प्रभार) कुलदीप रांका जी को दे दिया जाए, क्योंकि वैसे भी वो ही सभी विभागों के मंत्री हैं.’
माननीय मुख्यमंत्री जी मेरा आपसे व्यक्तिगत अनुरोध है की मुझे इस ज़लालत भरे मंत्री पद से मुक्त कर मेरे सभी विभागों का चार्ज श्री कुलदीप रांका जी को दे दिया जाए, क्योंकि वैसे भी वो ही सभी विभागों के मंत्री है।
धन्यवाद— Ashok Chandna (@AshokChandnaINC) May 26, 2022
बता दें कि रांका मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव हैं. वहीं, चांदना से इस बारे में संपर्क नहीं हो सका.
सूचना व जनसंपर्क राज्यमंत्री चांदना का यह ट्वीट उस समय सामने आया है जब पिछले हफ्ते ही सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक और युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश घोघरा ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री गहलोत को भेजा है. विधायक ने डूंगरपुर जिले में उन पर हंगामा करने का मुकदमा दर्ज होने के बाद यह कदम उठाया.
उल्लेखनीय है कि राज्य से राज्यसभा की चार सीटों के लिए अगले महीने चुनाव होने जा रहे हैं और इससे पहले कांग्रेस एकजुटता दिखाने की कोशिश कर रही है. चुनाव 10 जून को होना है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने गुरुवार दिन में भी ही कहा था कि ‘कांग्रेस एक है और एकजुट है, राज्यसभा की चार में से तीन सीटें जीतेगी.’
वहीं मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चांदना के ट्वीट को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस पर निशाना साधा.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने चांदना के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, ‘जहाज डूब रहा है… 2023 के रुझान आने शुरू.’
पूनियां ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘यह अशोक गहलोत सरकार के शासन और पार्टी आलाकमान की कमजोरी का एक उदाहरण है. यह सरकार पर नौकरशाही के असर को भी दिखाता है.’
वहीं, इस मसले पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि खेल मंत्री चांदना की ‘उन्हें मंत्री पद से मुक्त करने’ की टिप्पणी को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि हो सकता है कि मंत्री ने किसी प्रकार के तनाव के चलते ऐसी बात कह दी हो.
इस बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने राज्य में प्रस्तावित ग्रामीण ओलंपिक का जिक्र किया. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘राज्य में ग्रामीण ओलंपिक होने हैं जिनमें 30 लाख से अधिक लोग भाग लेंगे. इतना बड़ा भार उन (चांदना) पर है. हो सकता है कि वह किसी प्रकार के तनाव में आ गए हों और टिप्पणी कर दी.’
गहलोत ने कहा, ‘उसको (टिप्पणी) ज्यादा गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. मेरी उनसे (अशोक चांदना) बातचीत नहीं हुई है. दबाव में काम करते लग रहे हैं, इतनी बड़ी जिम्मेवारी उन पर आ गई है, देख लेंगे.’
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, हफ्ते भर के भीतर यह तीसरा मामला है जहां किसी कांग्रेस विधायक या मंत्री ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है.
गणेश घोघरा द्वारा इस्तीफा सौंपे जाने और अशोक चांदना की टिप्पणी के अलावा बेगूं (चित्तौड़गढ़) विधायक राजेंद्र सिंह बिधूड़ी ने भी बुधवार को मुख्यमंत्री पर विधायकों की अनदेखी करने का आरोप लगाया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)