बेरोज़गारी अपने चरम पर; 60 लाख स्वीकृत सरकारी पद ख़ाली पड़े हैं: भाजपा सांसद वरुण गांधी

रेलवे में पदों को ख़त्म करने को लेकर भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा कि समाप्त होती हर नौकरी रेलवे की तैयारी कर रहे करोड़ों युवाओं की उम्मीदें तोड़ रही है. यह ‘वित्तीय प्रबंधन’ है या ‘निजीकरण’ की तरफ बढ़ाया जा रहा कदम? वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार नई नौकरियां देने में नहीं, बल्कि बची हुईं नौकरियां छीनने में सक्षम है.

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वरुण गांधी. (फोटो साभार: फेसबुक)

रेलवे में पदों को ख़त्म करने को लेकर भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा कि समाप्त होती हर नौकरी रेलवे की तैयारी कर रहे करोड़ों युवाओं की उम्मीदें तोड़ रही है. यह ‘वित्तीय प्रबंधन’ है या ‘निजीकरण’ की तरफ बढ़ाया जा रहा कदम? वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार नई नौकरियां देने में नहीं, बल्कि बची हुईं नौकरियां छीनने में सक्षम है.

वरुण गांधी. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए शनिवार को कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में केंद्र और राज्य सरकार के 60 लाख से अधिक स्वीकृत पद खाली हैं तथा बेरोजगारी तीन दशकों में अपने सर्वोच्च स्तर पर है.

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से सांसद गांधी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक चार्ट जारी किया, जिसमें क्षेत्रवार सरकारी नौकरियों का जिक्र है.

गांधी ने कहा, ‘जब बेरोजगारी तीन दशकों के सर्वोच्च स्तर पर है तब ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं. जहां भर्तियां नहीं होने से करोड़ों युवा हताश और निराश हैं, वहीं ‘सरकारी आंकड़ों’ की ही मानें तो देश में 60 लाख ‘स्वीकृत पद’ खाली हैं.’

उन्होंने कहा, ‘कहां गया वह बजट, जो इन पदों के लिए आवंटित था? यह जानना हर नौजवान का हक है.’

रविवार को किए गए एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘विगत छह वर्षों में तृतीय-चतुर्थ श्रेणी में 72,000 हजार पद समाप्त कर चुका रेलवे अब एनसीआर जोन के 10,000 पदों को भी समाप्त करने जा रहा है.’

उन्होंने कहा, ‘समाप्त होती हर नौकरी रेलवे की तैयारी कर रहे करोड़ों युवाओं की उम्मीदें तोड़ रही है. यह ‘वित्तीय प्रबंधन’ है या ‘निजीकरण’ की तरफ बढ़ाया जा रहा कदम?’

गांधी ने इस सप्ताह की शुरुआत में भी सरकारी पदों पर रिक्तियों का मुद्दा उठाया था और कहा था कि नौकरी के इच्छुक लोग हताश हैं तथा प्रशासनिक अक्षमता की कीमत चुका रहे हैं.

वह अब निरस्त किए जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के समर्थन में खुलकर सामने आए थे, जबकि केंद्र में उनकी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार कानूनों का बचाव कर रही थी.

वरुण गांधी पिछले कुछ समय से जन-केंद्रित मुद्दों पर पक्ष लेते रहे हैं, जो भाजपा की आधिकारिक स्थिति के अनुरूप नहीं हैं. तीन बार के लोकसभा सांसद को हाल ही में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान अपनी पार्टी के लिए प्रचार करते नहीं देखा गया था.

गांधी परिवार से आने वाले वरुण कभी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव थे और उन्हें विशेष रूप से उत्तर प्रदेश की राजनीति में इसका प्रमुख युवा चेहरा माना जाता था.

मोदी सरकार नौकरियां देने में नहीं, छीनने में सक्षम: राहुल गांधी

दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार नई नौकरियां देने में नहीं, बल्कि बची हुईं नौकरियां छीनने में सक्षम है.

 

उन्होंने भारतीय रेल में गैर संरक्षा श्रेणी के 91 हजार से अधिक पदों पर भविष्य में कभी भर्ती नहीं होने के दावे वाली खबर का हवाला देते हुए सरकार पर निशाना साधा.

राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘मोदी सरकार नई नौकरियां देने में तो नहीं, लेकिन बची हुईं नौकरियां छीनने में जरूर सक्षम है. याद रहे, यही युवा आपके सत्ता के घमंड को तोड़ेगा. इनके भविष्य को बर्बाद करना, इस सरकार को महंगा पड़ेगा.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)