नेपाल विमान हादसा: अधिकारियों ने कहा- किसी के बचने की संभावना नहीं, चार भारतीय समेत 22 लोग थे सवार

नेपाल की सेना ने सोमवार को बताया कि रविवार सुबह दुर्घटनाग्रस्त हुए यात्री विमान का मलबा मस्टांग ज़िले में मिला है. विमान में चार भारतीय, दो जर्मन और 13 नेपाली नागरिकों सहित कुल 22 लोग सवार थे. कनाडा में निर्मित यह विमान पोखरा से मध्य नेपाल स्थित मशहूर पर्यटक शहर जोमसोम की ओर जा रहा था.

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नेपाल के मस्टांग ज़िले में मिला विमान का मलबा. (फोटो साभार: ट्विटर/@NaSpokesperson)

नेपाल की सेना ने सोमवार को बताया कि रविवार सुबह दुर्घटनाग्रस्त हुए यात्री विमान का मलबा मस्टांग ज़िले में मिला है. विमान में चार भारतीय, दो जर्मन और 13 नेपाली नागरिकों सहित कुल 22 लोग सवार थे. कनाडा में निर्मित यह विमान पोखरा से मध्य नेपाल स्थित मशहूर पर्यटक शहर जोमसोम की ओर जा रहा था.

नेपाल के मस्टांग ज़िले में मिला विमान का मलबा. (फोटो साभार: ट्विटर/@NaSpokesperson)

काठमांडू/ठाणे: नेपाल के पर्वतीय मस्टांग जिले में विमानन कंपनी ‘तारा एयर’ के दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान में सवार कोई भी व्यक्ति अभी तक जीवित नहीं मिला है. नेपाली मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई है.

नेपाल की सेना ने सोमवार को बताया कि रविवार की सुबह दुर्घटनाग्रस्त हुए यात्री विमान का मलबा नेपाल के मस्टांग जिले में मिला है. विमान में चार भारतीय, दो जर्मन और 13 नेपाली नागरिकों सहित कुल 22 लोग सवार थे. कनाडा में निर्मित यह विमान पोखरा से मध्य नेपाल स्थित मशहूर पर्यटक शहर जोमसोम की ओर जा रहा था.

विमान के लापता होने के करीब 20 घंटे बाद सोमवार सुबह दुर्घटनास्थल का पता चला.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, गृह मंत्रालय के प्रवक्ता फदींद्र मणि पोखरेल ने कहा, ‘हमें संदेह था कि विमान में सवार सभी यात्रियों की जान चली गई है. हमारे प्रारंभिक आकलन से पता चलता है कि विमान दुर्घटना में कोई नहीं बच सकता था, लेकिन आधिकारिक बयान बाकी है.’

‘माय रिपब्लिक’ समाचार पत्र की खबर के अनुसार, घटनास्थल पर पहुंचे इंदा सिंह ने बताया कि विमान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया. समाचार पत्र ने सिंह के हवाले से कहा, ‘विमान में सवार सभी लोग मृत मिले हैं. शव शिनाख्त करने की स्थिति में हैं.’

सिंह ने बताया कि शव एक खड्ड में हैं, इसलिए उन्हें निकालने में परेशानी हो रही है. उन्होंने बताया कि विमान में आग नहीं लगी थी. विमान संभवत: एक चट्टान से टकराने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हुआ.

नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएएएन) ने एक बयान में बताया कि मस्टांग जिले में विमान के मलबे से 20 शव बरामद किए गए हैं. मस्टांग जिले के थसांग-2 में 14,500 फुट की ऊंचाई पर विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था.

सीएएएन के अनुसार, दुर्घटनास्थल पर नेपाल सेना, एयर डायनेस्टी, कैलाश हेलीकॉप्टर, फिशटेल एयर हेलीकॉप्टर के खोज एवं बचाव दल और अन्य बचाव कर्मचारियों को तैनात किए गए हैं. फिशटेल एयर का 9एन-एजेआर हेलीकॉप्टर दुर्घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचा और सोमवार सुबह आठ बजकर 10 मिनट पर उसने विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की पुष्टि की.

विमानन कंपनी की ओर से जारी यात्रियों की सूची के अनुसार, विमान में मौजूद भारतीयों की पहचान अशोक कुमार त्रिपाठी, उनकी पत्नी वैभवी बांडेकर त्रिपाठी और बच्चों-धनुष त्रिपाठी व ऋतिका त्रिपाठी के तौर पर हुई है. यह परिवार महाराष्ट्र के ठाणे जिले का रहने वाला है.

इससे पहले, सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर नारायण सिल्वाल ने ट्वीट किया, ‘सैनिकों और बचावकर्मियों ने दुर्घटनास्थल का पता लगा लिया है. इससे जुड़ी विस्तृत जानकारी जल्द साझा की जाएगी.’

उन्होंने एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘दुर्घटनास्थल मस्टांग जिले के थसांग-2 के सनोसवेयर में है.’ तस्वीर विमान के मलबे की प्रतीत होती है.

सिल्वाल ने बताया कि पुलिस निरीक्षक लेफ्टिनेंट मंगल श्रेष्ठ और एक गाइड दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं.

उन्होंने कहा, ‘विभिन्न एजेंसियों के अन्य बचाव दल छोटे हेलीकॉप्टर के जरिये दुर्घटनास्थल पर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. वहां पहुंचने के लिए हरसंभव साधन के इस्तेमाल पर विचार किया जा रहा है.’

नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के अनुसार, ‘तारा एयर’ के ‘Otter 9N-AET’ विमान ने पोखरा से रविवार सुबह 10 बजकर सात मिनट पर उड़ान भरी थी, लेकिन करीब 12 मिनट बाद ही उसका नियंत्रण टॉवर से संपर्क टूट गया.

‘तारा एयर’ के प्रवक्ता सुदर्शन बर्तौला ने बताया कि 20 शव बरामद हुए हैं. उन्होंने समाचार पत्र से कहा, ‘शव मुख्य दुर्घटनास्थल से 100 मीटर के दायरे में बिखरे हैं. खोज एवं बचाव दल उन्हें निकाल रहे हैं.’

बर्तोला ने बताया कि विमान पहाड़ से टकराने के कारण टूटकर बिखर गया था. उन्होंने कहा, ‘टक्कर इतनी भीषण थी कि शव इधर-उधर बिखर गए.’

सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर में केवल विमान का पीछे का हिस्सा और एक पर नजर आ रहा है.

वहीं, ऑनलाइन समाचार मंच की एक खबर में स्थानीय लोगों के हवाले से कहा गया कि दुर्घटनाग्रस्त विमान का मलबा मानापथ पर्वत के नीचे सनोसवेयर में मिला है. विमान लांखु नदी के उद्गम स्थल के पास पहाड़ी पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ और कई हिस्सों में टूटकर बिखर गया.

खबर में मस्टांग के प्रमुख जिलाधिकारी नेत्र प्रसाद शर्मा के हवाले से कहा गया है कि विमान समुद्र तल से करीब 4,000 मीटर की ऊंचाई पर एक पहाड़ी पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ.

शर्मा ने फोन पर समाचार एजेंसी एएनआई से पुष्टि की, ‘विमान को मस्टांग में जोमसोम के आसमान के ऊपर देखा गया था और फिर माउंट धौलागिरी की ओर मोड़ दिया गया था, जिसके बाद यह संपर्क में नहीं आया.’

नेपाल के गृह मंत्रालय ने लापता विमान की तलाश के लिए मस्टांग और पोखरा से दो निजी हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं. द हिमालयन टाइम्स अखबार ने बताया कि धौलागिरी क्षेत्र में सुरक्षा बलों और स्थानीय लोगों के समूहों की गश्त और खोज इकाइयां भी पैदल चल रही हैं.

मस्टांग (तिब्बती शब्द मुंटन से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘उपजाऊ मैदान’) पारंपरिक क्षेत्र काफी हद तक शुष्क है. धौलागिरी और अन्नपूर्णा पहाड़ों के बीच खड़ी तीन मील नीचे जाने वाली दुनिया की सबसे गहरी घाटी इस जिले से होकर गुजरती है.

एवरेस्ट सहित दुनिया के 14 सबसे ऊंचे पहाड़ों में से आठ के नेपाल में स्थित हैं. नेपाल में अच्छी खासी संख्या में हवाई दुर्घटनाओं का रिकॉर्ड है.

गौरतलब है कि 2016 में ‘तारा एयर’ का एक अन्य विमान उड़ान भरने के बाद इसी मार्ग पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. हादसे में विमान में सवार सभी 23 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं, मार्च 2018 में यूएस-बांग्ला एयर का विमान त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिससे उसमें सवार 51 लोगों की जान चली गई थी.

अलग-अलग रह रहे पति-पत्नी के मिलन का दर्दनाक अंत

महाराष्ट्र के ठाणे के रहने वाले अशोक कुमार त्रिपाठी और उनकी अलग रह रहीं पत्नी वैभवी के मिलन का नेपाल में हुई विमान दुर्घटना के साथ ही दर्दनाक अंत हो गया, जिसमें दंपत्ति और उनके दो बच्चों की मौत हो गई.

ठाणे के कपूरवाड़ी थाने के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि ओडिशा में एक कंपनी चलाने वाले अशोक त्रिपाठी (54 वर्ष) और ठाणे के पड़ोसी शहर मुंबई में बीकेसी में स्थित एक कंपनी में काम करने वाली वैभवी बांडेकर त्रिपाठी (51 वर्ष) अदालत के आदेश के बाद अलग-अलग रहने लगे थे.

वैभवी, उनका बेटा धनुष (22 वर्ष), और बेटी ऋतिका (15 वर्ष) ठाणे शहर के बालकम इलाके में रुस्तमजी अतीना अपार्टमेंट में रहते थे.

एक अधिकारी ने कहा कि वैभवी त्रिपाठी की बड़ी बहन ने अधिकारियों से उनकी मां को सूचित नहीं करने का अनुरोध किया है, क्योंकि उनकी स्वास्थ्य स्थिति ‘गंभीर’ है.

अधिकारी ने कहा कि वैभवी की 80 वर्षीय मां यहां परिवार के घर में बची एकमात्र सदस्य हैं. उनकी तबीयत ठीक नहीं है और उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है, लिहाजा उनके रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने उन्हें विमान दुर्घटना के बारे में कुछ भी नहीं बताया है.

पुलिस ने कहा कि बुजुर्ग महिला की छोटी बेटी फिलहाल उनका ध्यान रख रही हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)