वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए इस साल सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की मंशा जताई थी. सूत्रों का कहना है कि नीति आयोग ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज़ बैंक के निजीकरण की सिफ़ारिश की है.
नई दिल्ली: वित्तीय सेवा विभाग के सचिव संजय मल्होत्रा ने सोमवार को कहा कि बजट घोषणा के अनुरूप सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की दिशा में काम चल रहा है.
मल्होत्रा ने छह जून से 12 जून के बीच आयोजित होने वाले ‘आइकॉनिक वीक’ समारोह के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘बैंकों के निजीकरण के संदर्भ में वित्त मंत्री संसद के पटल पर बयान दे चुकी हैं. इस दिशा में काम आगे बढ़ चुका है.’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए इस साल सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की मंशा जताई थी.
नीति आयोग निजीकरण के लिए गठित सचिवों के कोर ग्रुप को दो बैंकों के नाम पहले ही सुझा चुका है. सूत्रों का कहना है कि नीति आयोग ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक के निजीकरण की सिफारिश की है.
कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाला कोर ग्रुप बैंकों के निजीकरण के बारे में अपना प्रस्ताव मंजूरी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था (एएम) को भेजेगा. फिर उसे केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष अंतिम मंजूरी के लिए रखा जाएगा.
इस समूह में आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव, व्यय सचिव, कंपनी मामलों के सचिव, विधि मामलों के सचिव, सार्वजनिक उद्यम सचिव, दीपम सचिव और प्रशासकीय विभाग के सचिव शामिल हैं.
इससे पहले बीते अप्रैल माह में वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहीन कांत पांडेय ने जानकारी दी थी कि आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया जारी है और प्रचार-प्रसार का काम खत्म होने के बाद हिस्सेदारी बिक्री की मात्रा तय की जाएगी.
फिलहाल आईडीबीआई बैंक का प्रबंधकीय नियंत्रण एलआईसी के ही पास है.
मालूम हो कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के अपने बजट भाषण में कहा था कि भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), एयर इंडिया, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, बीईएमएल लिमिटेड, पवन हंस, नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड सहित कई विनिवेश कार्यक्रम 2021-22 में पूरे हो जाएंगे.
सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री (विनिवेश या निजीकरण) से वित्त वर्ष 2021-22 में 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था. सरकार ने उस समय अगले वित्त वर्ष में दो सरकारी बैंकों तथा एक बीमा कंपनी में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री का इरादा भी जताया था.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021-22 में सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पीएसई) नीति पेश करते हुए कहा था कि चार रणनीतिक क्षेत्रों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों की सरकारी कंपनियों का विनिवेश किया जाएगा. यह नीति रणनीतिक और गैर-रणनीतिक क्षेत्रों में विनिवेश की स्पष्ट रूपरेखा पेश करेगी.
उन्होंने कहा था कि अगले वित्त वर्ष में आईडीबीआई बैंक, बीपीसीएल, शिपिंग कॉरपोरेशन, नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड और अन्य कंपनियों का विनिवेश किया जाएगा. इसके अलावा एलआईसी के आईपीओ के लिए विधायी संशोधन भी 2021-22 में लाए जाएंगे. एलआईसी का आईपीओ इसी मई महीने की शुरुआत में लाया जा चुका है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)