समाचार पत्र नेशनल हेराल्ड, यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड का है. यह मामला पार्टी समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था.
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समाचार पत्र नेशनल हेराल्ड से जुड़े धनशोधन के एक मामले में पूछताछ के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी को बुधवार को समन जारी किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
कांग्रेस अध्यक्ष को ईडी ने आठ जून को पेश होने को कहा है, वहीं माना जा रहा है कि राहुल गांधी को इस मामले में पहले पेश होने को कहा गया है.
Enforcement Directorate summons Congress interim president Sonia Gandhi and party MP Rahul Gandhi over the National Herald case, which was closed by the investigating agency in 2015: Official Sources pic.twitter.com/RKqVNpEDXE
— ANI (@ANI) June 1, 2022
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु संघवी ने संवाददाताओं से कहा कि वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी समन का पालन करेंगी, वहीं राहुल गांधी अगर यहां होंगे तो वह जाएंगे अथवा कोई नई तारीख देने का अनुरोध करेंगे.
यह मामला पार्टी समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था. समाचार पत्र नेशनल हेराल्ड, यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड का है.
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बयान दर्ज करना चाहती है.
समाचार पत्र नेशनल हेराल्ड को एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) प्रकाशित करता है और इसका स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है.
ईडी ने हाल में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल से पूछताछ की थी.
अधिकारियों ने बताया कि ईडी सोनिया गांधी और राहुल गांधी तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से पूछताछ कर वित्तीय लेनदेन, यंग इंडियन के प्रवर्तकों तथा एजेएल की भूमिका के बारे में पता लगाना चाहती है.
यहां की एक निचली अदालत द्वारा यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लेने के बाद एजेंसी ने पीएमएलए के आपराधिक प्रावधानों के तहत एक नया मामला दर्ज किया था.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस संबंध में 2013 में एक शिकायत दर्ज कराई थी.
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी यंग इंडियन के प्रवर्तकों और शेयरधारकों में शामिल हैं.
‘देश को गुमराह करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ़ एक घिनौना व कायरतापूर्ण षड्यंत्र’
इस बीच, कांग्रेस ने इसको लेकर बुधवार को केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया कि देश को गुमराह करने के लिए यह कायरतापूर्ण साजिश रची गई है.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि कांग्रेस और उसका नेतृत्व इससे डरने और झुकने वाले नहीं हैं.
कांग्रेस महासचिव सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘देश को गुमराह करने के लिए आए दिन मुद्दों को भटकाने की राजनीति में माहिर मोदी सरकार बदले की भावना में अंधी हो गई है. सरकार ने कायराना साजिश रची है. नेशनल हेराल्ड मामले में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी एवं राहुल गांधी जी को अपनी कठपुतली ईडी से नोटिस जारी करवाया है.’
उन्होंने दावा किया, ‘साफ़ है कि तानाशाह डर गया है. शासन के सभी मोर्चों पर अपनी नाकामियों को छिपाने में बुरी तरह विफ़ल होने के कारण वह छटपटा रहा है. देश को गुमराह करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व के खिलाफ़ एक घिनौना व कायरतापूर्ण षड्यंत्र रचा जा रहा है. वे जान लें कि स्वतंत्रता के आंदोलन की यह आवाज उनके चक्रव्यूह को भेद डालेगी.’
सुरजेवाला ने जोर देकर कहा, ‘कांग्रेस का नेतृत्व निर्भीक, निडर व अडिग है. हम ऐसे हथकंडों से डरने वाले नहीं, झुकने वाले नहीं, बल्कि सीना ठोक कर जोर से लड़ेंगे.’
पार्टी प्रवक्ता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनुसिंघवी ने कहा, ‘यह एक बड़ी बीमारी है. यह बीमारी विरोधी दलों को निशाना बनाने की है. कश्मीर से कन्याकुमारी तक विरोधी नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है.’
सिंघवी ने कहा, ‘कांग्रेस ने साल 1937 में स्थापित ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार चलाने वाली कंपनी ‘एसोसिएटिड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) को लगभग 10 साल के अरसे में व करीब 100 किश्तों में चेक द्वारा अपनी देनदारी के भुगतान के लिए 90 करोड़ रुपये की राशि दी. इसमें से 67 करोड़ रुपये की राशि का इस्तेमाल नेशनल हेराल्ड ने अपने कर्मचारियों के देय भुगतान के लिए किया व बाकी पैसा बिजली भुगतान, किराया तथा भवन आदि पर खर्च किया गया.’
उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल द्वारा दिया जाने वाला कर्ज न तो अपराध है और न ही गैरकानूनी है. इस बात की पुष्टि निर्वाचन आयोग ने भी अपने पत्र (दिनांक 06 नवंबर, 2012) से की है.
उनके मुताबिक, ‘नेशनल हेराल्ड अखबार आय के अभाव में यह कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं था, इसलिए इसके एवज़ में एजेएल के शेयर ‘यंग इंडिया’ को दे दिए गए, जो कि कानून में एक ‘नॉट फॉर प्रॉफ़िट’ कंपनी है. यानी यंग इंडिया की प्रबंधन समिति के सदस्य (सोनिया, राहुल और दिवंगत मोतीलाल वोरा) किसी प्रकार का मुनाफ़ा, लाभांश, वेतन या कोई वित्तीय फ़ायदा नहीं ले सकते. यही नहीं, प्रबंधन यंग इंडिया के शेयर को भी नहीं बेच सकता.’
सिंघवी ने कहा, ‘यह मामला इसलिए विचित्र है. जब धन या संपत्ति का लेनदेन नहीं हुआ तो धनशोधन कैसे हुआ?’
उन्होंने कहा, ‘साल 2013-14 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक निजी शिकायत अदालत में दायर की थी, जो आज भी विचाराधीन है. उस शिकायत को लेकर भी खूब ऊलजुलूल झूठ बोला गया व दुष्प्रचार किया गया. जब वहां भी कुछ नहीं हुआ, तो अब साढ़े सात साल के बाद मोदी जी की ईडी द्वारा उस निजी शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर समन जारी किए गए हैं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)