यूपी: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के गवाह किसान नेता पर हमला, गोलियां चलाई गईं

भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के ज़िला अध्यक्ष और लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गवाह दिलबाग सिंह की गाड़ी पर दो हमलावरों ने तब गोलियां चलाईं जब वे गोला कोतवाली क्षेत्र में अलीगंज-मुडा रोड से घर लौट रहे थे. सिंह को इस हमले में कोई चोट नहीं आई. इस मामले से जुड़े दो अन्य गवाहों पर भी पूर्व में हमले हो चुके हैं.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के ज़िला अध्यक्ष और लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गवाह दिलबाग सिंह की गाड़ी पर दो हमलावरों ने तब गोलियां चलाईं जब वे गोला कोतवाली क्षेत्र में अलीगंज-मुडा रोड से घर लौट रहे थे. सिंह को इस हमले में कोई चोट नहीं आई. इस मामले से जुड़े दो अन्य गवाहों पर भी पूर्व में हमले हो चुके हैं.

लखीमपुर खीरी के तिकोनिया इलाके में 3 अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा में क्षतिग्रस्त हुआ एक वाहन. (फोटो: पीटीआई)

लखीमपुर खीरी: भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के जिला अध्यक्ष और लखीमपुर हिंसा के गवाह दिलबाग सिंह पर यहां दो अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि हमला मंगलवार रात उस समय हुआ जब दिलबाग सिंह गोला कोतवाली क्षेत्र में अलीगंज-मुडा रोड से अपने एसयूवी से घर वापस लौट रहे थे और इसी दौरान दो लोगों ने उन पर गोली चला दी. सिंह को इस हमले में कोई चोट नहीं आई.

सिंह तीन अक्टूबर, 2021 के तिकुनिया हिंसा के गवाहों में से एक हैं. तिकुनिया हिंसा में चार किसानों, एक पत्रकार समेत आठ लोगों की मृत्यु हुई थी. केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा इसी मामले में जेल में है.

सिंह ने कहा कि बदमाशों ने उनकी एसयूवी का एक टायर पंक्चर कर दिया जिसकी वजह से उन्हें वाहन रोकना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘बाइक पर सवार बदमाशों ने एसयूवी का दरवाजा और खिड़की खोलने का प्रयास किया, लेकिन जब वे विफल रहे तो उन्होंने ड्राइवर सीट की ओर विंडो पेन पर दो गोलियां चलाईं.’

सिंह ने कहा कि वह खुद वाहन चला रहे थे और एसयूवी में अकेले थे. उन्होंने बताया कि हमलावरों की मंशा भांपते हुए उन्होंने ड्राइविंग सीट को मोड़ दिया और नीचे की ओर झुक गए. चूंकि विंडो पर काली फिल्म चढ़ी थी और बाहर से कुछ दिखाई नहीं दे रहा था, इसलिए हमलावर एसयूवी में उनकी स्थिति देख नहीं सके और अपनी मोटरसाइकिल पर भाग निकले.

दिलबाग सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने आधिकारिक गनमैन को छुट्टी पर भेज दिया था क्योंकि उसका बेटा अचानक बीमार पड़ गया था. सिंह ने इस हमले के तुरंत बाद गोला कोतवाली थाना में शिकायत दर्ज कराई है और इस घटना के बारे में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के प्रवक्ता राकेश टिकैत को जानकारी दे दी है.

दैनिक भास्कर के मुताबिक, लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के दो अन्य गवाहों पर भी पूर्व में हमले हो चुके हैं.

इस बीच, अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अरुण कुमार ने बताया कि दिलबाग सिंह की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है और फॉरेंसिक टीम को घटनास्थल पर भेजा गया है. उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और हमलावरों की पहचान करने का प्रयास जारी है.

एएसपी ने आगे बताया कि दिलबाग सिंह ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सूचित किए बिना अपने गनमैन को छुट्टी पर भेज दिया था.

उन्होंने कहा, ‘अगर गनमैन को छुट्टी देने की बात हमें बताई जाती, तो हम उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर एक अन्य गनमैन उपलब्ध करा देते.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)