जम्मू कश्मीर: शिक्षिका की हत्या के दूसरे दिन भी विरोध-प्रदर्शन जारी, प्रशासन का पुतला फूंका

मंगलवार को कुलगाम के गोपालपोरा के एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका रजनी बाला की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद से ऐसी लक्षित हत्याओं के ख़िलाफ़ कई ज़िलों में प्रदर्शन हो रहे हैं. पीएम पैकेज के तहत कार्यरत कश्मीरी पंडितों के एक समूह का कहना है कि अगर सरकार जल्द उनकी सुरक्षा के लिए कोई ठोस क़दम नहीं उठाती है तो एक बार फिर सामूहिक पलायन होगा.

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शिक्षिका की हत्या के विरोध में जम्मू पठानकोट हाईवे पर प्रदर्शन करते टीचर्स यूनियन के सदस्य. (फोटो: पीटीआई)

मंगलवार को कुलगाम के गोपालपोरा के एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका रजनी बाला की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद से ऐसी लक्षित हत्याओं के ख़िलाफ़ कई ज़िलों में प्रदर्शन हो रहे हैं. पीएम पैकेज के तहत कार्यरत कश्मीरी पंडितों के एक समूह का कहना है कि अगर सरकार जल्द उनकी सुरक्षा के लिए कोई ठोस क़दम नहीं उठाती है तो एक बार फिर सामूहिक पलायन होगा.

शिक्षिका की हत्या के विरोध में जम्मू पठानकोट हाईवे पर प्रदर्शन करते टीचर्स यूनियन के सदस्य. (फोटो: पीटीआई)

सांबा/श्रीनगर/नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के कुलगाम में एक स्कूल शिक्षिका की हत्या के विरोध में प्रदेश के जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों के विभिन्न हिस्सों में बुधवार को लगातार दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा.

रजनी बाला (36) को आतंकवादियों ने गोली मार दी थी, जिसके बाद पीएम पैकेज के तहत कार्यरत कश्मीरी पंडितों ने अगले 24 घंटों के भीतर सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित नहीं किए जाने पर घाटी से बड़े पैमाने पर पलायन करने की धमकी दी थी.

प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को सांबा में जम्मू-पठानकोट राजमार्ग को जाम कर दिया और उन अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग की जो रजनीबाला को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने में विफल रहे जिसके चलते उनकी हत्या हुई.

इस बीच, इस हत्या के विरोध में सांबा जिले में पूरी तरह बंद रहा. पीड़िता सांबा जिले की रहने वाली थी.

गोपालपुरा के एक सरकारी स्कूल में तैनात रजनीबाला को मंगलवार को आतंकियों ने सिर में गोली मार दी थी. पुलिस के मुताबिक, उन्होंने उपचार के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया.

जम्मू कश्मीर के भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना ने सांबा में शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की, जहां उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा.

रैना ने कहा कि घाटी की हिंदू आबादी को ‘आसान निशाना’ बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हिंदू समुदाय की सुरक्षा के लिए एक सुरक्षा योजना तैयार करने की तत्काल आवश्यकता है क्योंकि पाकिस्तानी आतंकवादी उन्हें लगातार निशाना बना रहे हैं.

इसी दौरान, सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने जम्मू-पठानकोट राजमार्ग की ओर रैली निकाली और सरकार तथा पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए.

प्रदर्शनकारियों ने राजमार्ग पर धरना दिया और यातायात को अवरुद्ध कर दिया . इन लोगों ने उन जिम्मेदार अधिकारियों को, विशेष रूप से कुलगाम के सीईओ को बर्खास्त करने की मांग की, जिन्होंने रजनीबाला के स्थानांतरण के अनुरोध को बार-बार ठुकरा दिया था.

प्रदर्शनकारियों ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के खिलाफ घाटी में सरकारी कार्यालयों में सेवारत हिंदुओं की सुरक्षा में पूरी तरह से विफल रहने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की और प्रशासन का पुतला फूंका.

शिक्षिका का अंतिम संस्कार किया गया

इस बीच बुधवार को यहां रजनी बाला का अंतिम संस्कार कर दिया गया. रजनी बाला के पति राजकुमार ने उन्हें मुखाग्नि दी. लोगों ने ‘रजनी बाला अमर रहे, अमर रहे’ के नारे लगाते हुए उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई दी.

नानके चक गांव में स्थित सरकारी स्कूल में तैनात रजनी बाला के घर पर रजनी के माता-पिता और ससुराल वाले गमगीन थे.

एक सरकारी स्कूल शिक्षक राजकुमार ने कहा कि घाटी में हिंदुओं की चुन-चुनकर की जा रही हत्याओं के मद्देनजर उन्होंने और उनकी पत्नी ने प्रशासन से कई बार अनुरोध किया था कि उन्हें सुरक्षित क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया जाए.

उन्होंने बताया कि उनके और उनकी पत्नी के तबादले के आदेश सोमवार रात को आए थे. उन्होंने बताया कि मंगलवार को गोपालपुरा के स्कूल में बाला का आखिरी दिन था.

कुमार ने आरोप लगाया, ‘मैंने कुलगाम के मुख्य शिक्षा अधिकारी को एक आवेदन दिया था. हमने उनसे कहा था कि यह स्कूल मेरी पत्नी के लिए सुरक्षित नहीं है लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया.’

उन्होंने कहा, उन्होंने और उनकी पत्नी ने सोमवार को श्रीनगर में स्कूली शिक्षा निदेशक से मुलाकात की थी. कुमार ने कहा, ‘हमने उनसे हम दोनों को एक ही स्कूल में तैनात करने का अनुरोध किया था. हम दोनों को सोमवार रात उस स्कूल में स्थानांतरित कर दिया गया था.’

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘अगर प्रशासन ने उन्हें पहले सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया होता, तो वह आज जीवित होती. स्थानांतरण आदेश के एक दिन बाद ही उन्हें आतंकवादियों ने मार दिया.’

उन्होंने कहा कि वह अपनी पत्नी को उसके स्कूल छोड़ने के गए थे और कुछ मिनट बाद ही उन्हें गोली मार दी गई. ग्रामीणों ने मांग की कि नानके चक में एक स्कूल का नाम बाला के नाम पर रखा जाए.

कश्मीरी पंडित कर्मचारी सामूहिक पलायन की तैयारी में जुटे

वहीं, कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के एक समूह ने घाटी में गैर मुस्लिम कर्मचारियों की आतंकवादियों द्वारा लक्षित हत्या के खिलाफ बुधवार को सामूहिक पलायन की तैयारी शुरू कर दी. इन्हें समुदाय के लिए प्रधानमंत्री के पैकेज के तहत नौकरियां दी गई हैं.

समूह ने कहा कि वे बुधवार को ट्रक-मालिकों से मिल रहे हैं जहां वे उनके समान को ले जाने के भाड़े पर बातचीत करेंगे.

शिक्षिका रजनी बाला की हत्याके कुछ घंटे बाद कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के एक संगठन ने धमकी दी थी कि अगर उन्हें 24 घंटे में सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित नहीं किया गया तो वे घाटी छोड़ देंगे.

यहां उनके एक प्रतिनिधि ने कहा, ‘हम ट्रक मालिकों से भाड़ा तय करने के लिए आए हैं. देखते हैं, आज शाम तक सरकार कोई फैसला लेती है या नहीं. अगर नहीं तो, फिर हम कल से यहां से पलायन शुरू कर देंगे.’

एक कर्माचारी ने कहा, ‘अगर सरकार 24 घंटे में हमारी (सुरक्षा के लिए) कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तो एक बार फिर सामूहिक पलायन होगा.’

अनंतनाग जिले में पीएम पैकेज के तहत कार्यरत कश्मीरी पंडित कर्मचारियों का प्रदर्शन. (फोटो: पीटीआई)

उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों की लक्षित हत्या जारी है और समुदाय अब सरकार से अपील करते-करते थक गया है.

उन्होंने कहा, ‘हमें स्थानांतरित किया जाना चाहिए ताकि हमें बचाया जा सके. हमारा प्रतिनिधिमंडल पहले उपराज्यपाल से मिला था और हमने उनसे हमारी सुरक्षा के लिए कहा था. हम घाटी में स्थिति सामान्य होने तक दो से तीन साल के लिए अस्थायी तौर पर स्थान परिवर्तन की मांग कर रहे हैं. कश्मीर को आतंकवाद से मुक्त बनाने के लिए आईजीपी (पुलिस महानिरीक्षक) कश्मीर ने भी यही समय सीमा रखी है.’

दक्षिण कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमेश तलाशी ने मौजूदा हालात के लिए भाजपा पर निशाना साधा है.

तलाशी ने ट्वीट किया कि 1990 दोहराता हुआ. उन्होंने कहा, ‘कश्मीरी पंडित कश्मीर में लगातार होती लक्षित हत्याओं के बाद जम्मू स्थानांतरित होने के वास्ते ट्रक चालकों से भाड़ा तय करने के लिए निकले.’

कश्मीरी पंडित धरने पर, भाजपा सरकार आठ साल का जश्न मनाने में व्यस्त: राहुल गांधी

इधर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कश्मीर में एक हिंदू शिक्षिका की हत्या की घटना को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि कश्मीरी पंडित धरने पर हैं, लेकिन सरकार अपने आठ साल पूरे होने का जश्न मनाने में व्यस्त है.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘कश्मीर में पिछले 5 महीनों में 15 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 18 नागरिकों की हत्या कर दी गयी. कल भी एक शिक्षिका की हत्या कर दी गयी.’

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ’18 दिनों से कश्मीरी पंडित धरने पर हैं लेकिन भाजपा सत्ता में अपने आठ साल पूरे होने का जश्न मनाने में व्यस्त है. प्रधानमंत्री जी, ये कोई फ़िल्म नहीं है बल्कि आज कश्मीर की सच्चाई है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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