अन्नाद्रमुक के संस्थापक सदस्य और संगठन सचिव सी. पोन्नैयन ने राज्य में उसकी सहयोगी भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि उसके साथ गठबंधन ‘चुनावी समझौता’ था और उसकी विचारधारा अन्नाद्रमुक की विचारधारा से पूरी तरह से उलट है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें भाजपा का तमिल विरोधी रुख़ स्वीकार नहीं है.
चेन्नई: अन्नाद्रमुक ने तमिलनाडु में उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर बुधवार को ज़ोरदार हमला बोलते हुए आरोप लगाया किया कि भाजपा तमिल विरोधी है और दावा किया कि पार्टी राज्य में कभी नहीं बढ़ेगी.
अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता सी. पोन्नैयन ने कहा कि भाजपा के साथ गठजोड़ ‘चुनावी समझौता’ था और उसकी विचारधारा अन्नाद्रमुक की विचारधारा से पूरी तरह से उलट है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘हमारी एक विचारधारा है जो भाजपा से अलग है… भले ही हम गठबंधन में हैं, हम कई बातों पर उनसे असहमत हैं. हम हिंदी के खिलाफ हैं, हम उनकी भाषा नीति का समर्थन नहीं करते हैं. नरेंद्र मोदी सरकार का राजपक्षे को समर्थन देना गलत था; भारत को इसके बजाय श्रीलंकाई तमिलों का समर्थन करना चाहिए था.’
पोन्नैयन ने आरोप लगाया कि अन्नाद्रमुक के कड़े विरोध के बावजूद भाजपा लगातार हिंदी ‘थोप’ रही है. उन्होंने कहा, ‘केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों की तुलना में हिंदी को थोपना अब कई गुना अधिक है. हम तमिल और अंग्रेजी की द्विभाषा नीति के साथ मजबूती से खड़े हैं.’
पोन्नैयन अन्नाद्रमुक के संस्थापक सदस्य हैं. वह पार्टी संस्थापक एमजी रामचंद्रन और जे. जयललिता के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल रहे हैं. वह फिलहाल अन्नाद्रमुक के संगठन सचिव और वरिष्ठ प्रवक्ता हैं.
उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा का विरोध कर रही है और आरोप लगाया कि भाजपा तमिलनाडु पर परीक्षा को ‘थोप’ रही है और इससे राज्य के मेडिकल कॉलेजों में सीटों का एक हिस्सा ‘उत्तरी राज्यों के छात्रों’ के पास जाने की स्थिति पैदा हो गई है.
उन्होंने कहा, ‘हम नीट का भी विरोध करते हैं. तमिलनाडु जैसे राज्य में जहां सीबीएसई स्कूल बहुत आम नहीं हैं, हमारे छात्र नीट को पास करने में असफल होते हैं जो काफी हद तक सीबीएसई पाठ्यक्रम पर आधारित है. जब से नीट प्रणाली शुरू की गई, हमारे मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मुख्य रूप से उत्तर भारत से होते हैं, जो तमिलनाडु के छात्रों के हितों के खिलाफ है.’
पूर्व मंत्री ने कहा कि ‘राज्य स्वायत्तता’ उनकी पार्टी का मूल सिद्धांत है और भाजपा नीत केंद्र सरकार ने कर से संबंधित राज्यों के अधिकारों को लेकर राज्य सरकारों को ‘ग्राम पंचायत’ बना दिया है.
वरिष्ठ नेता ने कहा कि केंद्र सरकार संघवाद के मौलिक मानदंडों का उल्लंघन कर जीएसटी के नाम पर राज्य के राजस्व की चोरी कर रही है. उन्होंने कहा, ‘हम शासन की इस अत्यधिक केंद्रीकृत शैली को पसंद नहीं करते हैं. हम इन मुद्दों पर समझौता नहीं करेंगे.’
कावेरी नदी के पानी के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले और मुल्लापेरियार जैसे अंतर-राज्यीय नदी जल मामलों की ओर इशारा करते हुए, उन्होंने तमिलनाडु के प्रति भाजपा के ‘सौतेले’ व्यवहार की निंदा की.
पोन्नैयन ने आरोप लगाया कि भाजपा श्रीलंका की ‘राजपक्षे’ सरकार का सक्रियता से साथ दे रही है जो अब खत्म हो चुके लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल एलेम और सेना के बीच हुए युद्ध के दौरान 2009 में 1.5 लाख तमिलों की ‘हत्या के पीछे’ है.
उन्होंने कहा कि युद्ध से प्रभावित तमिल परिवारों को अबतक वाजिब राहत नहीं मिली है.
अन्नाद्रमुक नेता ने यह भी दावा किया कि तमिल लोगों को समान अधिकार और अवसर देकर उन्हें सशक्त नहीं बनाया गया है.
पोन्नैयन ने कहा कि अन्नाद्रमुक श्रीलंका में तमिल लोगों के अधिकारों के लिए मजबूती से खड़ी है, जिसमें समान रोजगार के अवसर, भूमि अधिकार और तमिल भाषा को उचित सम्मान और मान्यता देना शामिल है.
उन्होंने कहा, ‘हम भाजपा के तमिल जाति विरोध, तमिल विरोधी भावनाओं (रुख) को स्वीकार नहीं करते हैं.’
उन्होंने कहा कि भाजपा तमिलनाडु में कभी भी विस्तार नहीं कर सकती है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पार्टी को राज्य में तभी स्थान मिल सकता है जब वह ऐसे सभी मुद्दों का उचित रूप से समाधान करे.
Present govt(in Center) is behaving worse than Congress.Tamil Nadu should be given an exemption in language policy. TN will have a 2 language policy.State BJP unit should take up the matter in Delhi. You can grow in the state if you respect people's sentiment: C Ponnaiyan, AIADMK pic.twitter.com/gn4CFyEiiu
— ANI (@ANI) June 2, 2022
पोन्नैयन ने यह भी कहा कि यह 100 प्रतिशत सच है कि भाजपा के साथ गठबंधन ने उनकी पार्टी के अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं को अलग-थलग कर दिया है.
उन्होंने कहा, ‘हाल के चुनावों में अल्पसंख्यकों ने हमारे खिलाफ मतदान करने का यही कारण था.’ यह पूछे जाने पर कि क्या अन्नाद्रमुक 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा के साथ अपना गठबंधन जारी रखेगी, उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता. अब हम उस पर कैसे टिप्पणी कर सकते हैं.’
यहां 31 मई को पार्टी के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पोन्नैयन ने कहा था कि तमिलनाडु में भाजपा का उभार अन्नाद्रमुक, राज्य और द्रविड़ नीतियों के लिए भी अच्छा नहीं होगा.
यह पहली बार है जब अन्नाद्रमुक के किसी नेता ने भाजपा की खुले तौर पर आलोचना की है. अन्नाद्रमुक ने 2021 का विधानसभा चुनाव भाजपा, पीएमके और अन्य छोटे दलों के साथ गठबंधन में लड़ा था.
राज्य में इस तरह की धारणा है कि भाजपा प्रदेश प्रमुख ए. अन्नामलाई के नेतृत्व में मुख्य विपक्षी दल का काम अंजाम दे रही है. पोन्नैयन की टिप्पणी इस अवधारणा की पृष्ठभूमि में आई है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)