मध्य प्रदेश के विदिशा शहर में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) कार्यालय के बाहर आरटीआई कार्यकर्ता 42 वर्षीय रंजीत सोनी की दिनदहाड़े अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी. वह अशोकनगर का रहने वाले थे. पुलिस ने बताया कि कार्यालय में लगा सीसीटीवी काम नहीं कर रहा था और हमलावरों को पता लगाने के लिए पुलिस शहर के बाकी फुटेज देख रही है.
विदिशा: मध्य प्रदेश के विदिशा शहर में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) कार्यालय के बाहर 42 वर्षीय एक आरटीआई कार्यकर्ता की बृहस्पतिवार को दिनदहाड़े अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी.
विदिशा जिले की पुलिस अधीक्षक मोनिका शुक्ला ने बताया, ‘आरटीआई कार्यकर्ता रंजीत सोनी की यहां पीडब्ल्यूडी कार्यालय के बाहर पोर्च में शाम सवा पांच बजे के आसपास अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी.’
उन्होंने कहा कि रंजीत सोनी के सिर के पीछे नजदीक से गोली मारी गई थी. उन्होंने बताया कि ऐसा लगता है कि उनके किसी परिचित ने ही गोली मारी हो. शुक्ला ने कहा कि सोनी का झोला उनकी मोटरसाइकिल में टंगा हुआ था.
उन्होंने बताया कि पीडब्ल्यूडी कार्यालय में लगा सीसीटीवी काम नहीं कर रहा था और हमलावरों को पता लगाने के लिए पुलिस शहर के बाकी फुटेज देख रही है.
उन्होंने कहा कि सोनी मध्य प्रदेश के अशोकनगर का रहने वाले थे और वह छह साल पहले पीडब्ल्यूडी में ठेकेदारी का काम करते थे. पुलिस अधिकारी के अनुसार बाद में उन्होंने ठेकेदारी छोड़ दी और फिर पीडब्ल्यूडी में आरटीआई की याचिका लगाते थे.
विदिशा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक समीर यादव ने बताया कि घटना के बाद हत्यारे मौके से फरार हो गए और पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए विभिन्न सुरागों पर काम कर रही है.
उन्होंने कहा कि पुलिस को शक है कि घटना के पीछे व्यक्तिगत दुश्मनी ही वजह हो सकती है और वह सभी कोणों से इस घटना की जांच कर रही है.
उन्होंने कहा कि सोनी आरटीआई अधिनियम का उपयोग करके अक्सर सरकारी कार्यों से संबंधित जानकारी एकत्र करते थे.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, यादव ने बताया कि आरटीआई कार्यकर्ता सोनी जनपद कार्यालय से कुछ दस्तावेज लेने गए थे, तभी उन्हें गोली मार दी गई.
अधिकारियों ने कहा कि वे उनके बैग में मिले कुछ दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं.
मालूम हो कि इसी साल जनवरी में मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के 33 वर्षीय दलित आरटीआई कार्यकर्ता को ग्राम पंचायत से संबंधित जानकारी मांगने पर कुछ लोगों ने उनकी पिटाई की थी और जूते में पेशाब पीने को विवश किया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)