पुलिस ने बताया कि हाल ही में भाजपा की प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर एक टीवी बहस के दौरान पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ टिप्पणी किए जाने के विरोध में शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद दुकानें बंद कराने के प्रयास के दौरान दो समुदायों के लोग एक दूसरे से भिड़ गए जिसके बाद कानपुर के कुछ हिस्से में हिंसा भड़क गई. 500 से अधिक लोगों के ख़िलाफ़ दंगा और हिंसा को लेकर तीन एफ़आईआर दर्ज की गई हैं.
कानपुर/लखनऊ: पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणियों के विरोध में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद दुकानें बंद कराने के प्रयास के दौरान दो समुदायों के लोगों के द्वारा एक-दूसरे पर पथराव और बम फेंके जाने के बाद यहां के कुछ हिस्से में हिंसा भड़क गई.
पुलिस ने बताया कि कानपुर के बेकनगंज, परेड, नई सड़क और यतीमखाना इलाके में हिंसा हुई है.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाल ही में भाजपा की प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर टीवी पर चर्चा के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी किए जाने के विरोध में जब एक समूह के लोगों ने जबरन दुकानें बंद कराने का प्रयास किया तो दोनों पक्षों ने ना सिर्फ एक-दूसरे पर बम फेंके, बल्कि गोलियां भी चलायीं.
जबरन दुकानें बंद कराने का प्रयास कर रहे लोगों की पुलिस के साथ भी झड़प हुई. पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज करना पड़ा.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, उत्तर प्रदेश पुलिस ने शनिवार को कानपुर में दंगे और हिंसा के लिए 500 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इस हिंसा में 40 से अधिक लोग घायल हुए हैं. एक अधिकारी ने बताया कि शनिवार सुबह से प्रभावित क्षेत्रों में एक तनावपूर्ण शांति बनी हुई है.
कानपुर के पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीना ने पत्रकारों को बताया कि घटनाओं के सिलसिले में अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
शुक्रवार को हुई हिंसा के सिलसिले में शनिवार को पुलिस ने और छह लोगों को गिरफ्तार किया. मीना ने कहा, ‘हमने सीसीटीवी फुटेज और घटनाओं की अन्य वीडियो रिकॉर्डिंग की मदद से हिंसा में शामिल कुल 36 लोगों की पहचान की है. अब तक कुल 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 18 को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था.’
गिरफ्तार किए गए लोगों में मौलाना मोहम्मद अली (एमएमए) जौहर फैंस एसोसिएशन के प्रमुख हयात जफर हाशमी भी शामिल हैं, जिन्हें इस घटना के मास्टरमाइंड में से एक बताया जा रहा है.
मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन हाशमी द्वारा गठित एक स्थानीय सामाजिक समूह है. हाशमी को तीन अन्य लोगों के साथ लखनऊ के हजरतगंज इलाके से गिरफ्तार किया गया.
पुलिस आयुक्त ने कहा, ‘गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश किया जाएगा और हम उनसे घटना की साजिश के बारे में पूछताछ के लिए 14 दिन की पुलिस हिरासत की मांग करेंगे.’
अपराध शाखा की एक टीम ने स्थानीय खुफिया इकाई की मदद से गिरफ्तारियां कीं.
पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा ने कहा, ‘वीडियो के आधार पर और लोगों की पहचान की जा रही है.’ उन्होंने कहा कि साजिशकर्ताओं के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी और उनकी संपत्ति को जब्त कर लिया जाएगा.
कानून-व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए शहर में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
अधिकारी ने यह भी कहा कि पीएफआई (पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) जैसे संगठनों की भूमिका पर भी गौर किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘हम सभी पहलुओं से घटना की जांच कर रहे हैं और पीएफआई और अन्य जैसे समूहों की संलिप्तता पर भी नजर रख रहे हैं. जो भी दोषी पाया जाएगा उसे बख्शा नहीं जाएगा.’
अधिकारी ने कहा कि आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाया जाएगा. मीना ने कहा, ‘हम घटना को रोकने में पुलिस की ओर से संभावित चूक की भी जांच कर रहे हैं.’
अपर पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि बेकनगंज पुलिस थाने में 500 से अधिक लोगों के खिलाफ दंगा और हिंसा को लेकर तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं.
पहली एफआईआर थाना प्रभारी (बेकनगंज) नवाब अहमद ने लगभग 500 लोगों के खिलाफ दर्ज की है और उन पर घातक हथियारों से दंगा करने का आरोप लगाया है.
एफआईआर में मौलाना मोहम्मद अली (एमएमए) जौहर फैंस एसोसिएशन के प्रमुख हयात जफर हाशमी, उनके सहयोगियों यूसुफ मंसूरी और आमिर जावेद अंसारी सहित 36 लोगों के नाम जुमे की नमाज के तुरंत बाद हुई हिंसा के संबंध में हैं.
एसएचओ ने कहा कि हयात और उनके समर्थकों ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी के विरोध में शुक्रवार को दुकानें बंद रखने का आह्वान किया था. एफआईआर में कहा गया है कि दंगाइयों ने घातक हथियारों का इस्तेमाल किया, पेट्रोल बम फेंके और सड़कों पर हंगामा किया, जिससे इलाके में दहशत फैल गई.
पुलिस उप-निरीक्षक (एसआई) आसिफ रजा द्वारा दर्ज की गई दूसरी एफआईआर में दंगे को लेकर 350 अज्ञात लोगों के अलावा 20 लोगों को नामजद किया गया है.
एसआई ने अपनी एफआईआर में आरोप लगाया कि एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन के प्रमुख हयात जफर हाशमी, यूसुफ मंसूरी, अमीर जावेद अंसारी और अन्य के साथ दादा मियां चौराहे पर जमा हुए और दुकानदारों को अपनी दुकानें बंद करने के लिए मजबूर करते हुए यतीमखाना इलाके की ओर गए जिससे अराजकता फैल गई.
तीसरी एफआईआर चंदेश्वर हाटा निवासी मुकेश ने दर्ज करवाई है, जिसने आरोप लगाया है कि सैकड़ों मुसलमानों ने लाठी, लोहे की सरिया और घातक हथियारों से दूसरे समुदाय के लोगों पर हमला किया, उनकी हत्या के इरादे से पेट्रोल बम और पत्थर फेंके. एफआईआर में आरोपी के रूप में ‘हजारों अज्ञात व्यक्तियों की भीड़’ का उल्लेख है.
एफआईआर में एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन के प्रमुख हयात जफर हाशमी, यूसुफ मंसूरी, अमीर जावेद अंसारी, एहतिशाम उर्फ कबाड़ी, जीशान, आकिब, निजाम कुरैशी, आदिल, इमरान उर्फ कालिया, शहरयान, मुदस्सर, मोहम्मद आजाद, जीशान, अब्दुल शकील, इरफान उर्फ चड्डी, शेरा, सैफी, अरफित, इस्राइल, अकी उर्फ खिचड़ी, अदनान, परवेज उर्फ चिकना, शादाब, इशरत अली, मोहम्मद राशिद, अली शान, नासिर, आशिक अली, मोहम्मद आकिब, मोहम्मद सैद, अनस, शाहिद, बिलाल, हाजी मोहम्मद नासिर, हबीब और रहमान तथा अन्य अज्ञात व्यक्ति के नाम शामिल हैं.
जानकारी के अनुसार, मौलाना मोहम्मद अली (एमएमए) जौहर फैंस एसोसिएशन के प्रमुख हयात जफर हाशमी सहित कुछ स्थानीय नेताओं ने शुक्रवार को पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ ‘अपमानजनक’ टिप्पणियों के विरोध में दुकानों को बंद कराने का आह्वान किया था.
अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने जुलूस भी निकाला और उस दौरान दूसरे समुदाय के कुछ लोगों से भिड़ गए, जिसके कारण संघर्ष हुआ.
उन्होंने बताया कि जल्द ही सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए और राहगीरों सहित करीब आधा दर्जन लोग हिंसा में गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
कानपुर की जिला मजिस्ट्रेट नेहा शर्मा ने बताया, ‘एक समुदाय के लोग प्रदर्शन करने सड़क पर उतर आए और हिंसा में शामिल हुए. कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.’
उन्होंने बताया, ‘प्रभावित क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. पुलिस ने अतिरिक्त पुलिस बल की मांग की है.’
मौके पर पहुंचे कानपुर के पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा था, ‘50-100 की संख्या में कुछ युवक अचानक सड़कों पर उतर आए और नारेबाजी करने लगे. एक अन्य समूह ने इसका विरोध किया और यह पथराव करने के लिए बढ़ गया. लगभग आठ से 10 पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद थे, जिन्होंने हस्तक्षेप करने की कोशिश की और स्थिति को कुछ हद तक नियंत्रित किया. नियंत्रण कक्ष को तुरंत सूचित किया गया और मेरे सहित वरिष्ठ अधिकारी 10 मिनट के भीतर मौके पर पहुंच गए थे.’
शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने लखनऊ में पत्रकारों को बताया कि कानपुर में उपद्रव करने वालों की पहचान की जा रही है. उन्होंने बताया कि पुलिस के पास पर्याप्त सीसीटीवी फुटेज है और आगे की कार्रवाई में उसकी मदद ली जाएगी.
उन्होंने कहा कि उपद्रवियों के साथ-साथ इसकी साजिश करने वालों के खिलाफ गैंगस्टर कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी और उनकी संपत्ति को जब्त या ध्वस्त कराया जाएगा.
लखनऊ में एडीजी कुमार ने बताया कि कानपुर की घटना को शासन ने अत्यंत गंभीरता से लिया है और अतिरिक्त पुलिस बल को वहां भेजा गया है. उन्होंने बताया कि कुल 12 कंपनी (एक प्लाटून) पीएसी को वहां रवाना किया गया है और इसके अलावा कुछ अधिकारी भी भेजे जा रहे हैं.
कुमार ने कहा कि कानपुर के सभी अल्पसंख्यक सदस्यों से अपील है कि शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें तथा उपद्रवियों को पहचानने में पुलिस की मदद करें. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है कि हर हाल में शांति व्यवस्था बनाए रखें.
कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रशासन तथा उत्तर प्रदेश पुलिस किसी भी स्थिति में शांति व्यवस्था को भंग नहीं होने देगी.
वहीं घटना के बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए पैगंबर मोहम्मद के लिए कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने वाली भाजपा नेता को गिरफ्तार करने की मांग की है.
सपा अध्यक्ष ने शुक्रवार शाम ट्वीट किया, ‘महामहिम राष्ट्रपति जी, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नगर में रहते हुए भी पुलिस और खुफिया-तंत्र की विफलता से भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा दिए गए भड़काऊ बयान से, कानपुर में जो अशांति हुई है, उसके लिए भाजपा नेता को गिरफ्तार किया जाए.’
महामहिम राष्ट्रपति जी, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नगर में रहते हुए भी पुलिस और ख़ुफ़िया-तंत्र की विफलता से भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा दिए गए भड़काऊ बयान से, कानपुर में जो अशांति हुई है, उसके लिए भाजपा नेता को गिरफ़्तार किया जाए।
हमारी सभी से शांति बनाए रखने की अपील है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 3, 2022
बसपा प्रमुख मायावती ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, ‘माननीय राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के यूपी दौरे के दौरान ही कानपुर में दंगा तथा हिंसा भड़कना अति-दुःखद, दुर्भाग्यपूर्ण व चिंताजनक तथा पुलिस खुफिया तंत्र की भी विफलता का द्योतक. सरकार को समझना होगा कि शांति व्यवस्था के अभाव में प्रदेश में निवेश और यहां का विकास कैसे संभव है?’
2. सरकार इस घटना की धर्म, जाति व दलगत राजनीति से ऊपर उठकर स्वतंत्र व निष्पक्ष उच्च-स्तरीय जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करे ताकि ऐसी घटना आगे न हो। साथ ही, लोगों से शान्ति व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उत्तेजक भाषणों आदि से बचने की भी अपील। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) June 4, 2022
उन्होंने आगे कहा, ‘सरकार इस घटना की धर्म, जाति व दलगत राजनीति से ऊपर उठकर स्वतंत्र व निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करे ताकि ऐसी घटना आगे न हो. साथ ही लोगों से शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उत्तेजक भाषणों आदि से बचने की भी अपील है.’
उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘भाजपा ने भीड़तंत्र के रूप में जो भस्मासुर पाले हैं, अब वे रंग दिखा रहे हैं. कितनी गंभीर बात है कि देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सभी कानपुर में हैं, उसके बाद भी वहां हिंसा भड़क गई. यूपी में कानून का राज खत्म हो चुका है. आम जनता से अपील है कि कृपया शांति बनाएं रखें.’
भाजपा ने भीड़तंत्र के रूप में जो भस्मासुर पाले हैं, अब वे रंग दिखा रहे हैं। कितनी गंभीर बात है कि देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सभी कानपुर में हैं, उसके बाद भी वहां हिंसा भड़क गई
यूपी में कानून का राज खत्म हो चुका है। आम जनता से अपील है कि कृपया शांति बनाएं रखें pic.twitter.com/Hsd6UNcqLC
— UP Congress (@INCUttarPradesh) June 3, 2022
एक अन्य ट्वीट में पार्टी ने कहा, ‘जिस शहर में देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री मौजूद हों, वहां पर दो गुटों में झड़प और हिंसा समझ से परे है. जनता को भाजपा की ‘बांटो और राज करो’ की यह साजिश समझनी चाहिए. आपसे अपील है कि किसी भी बात पर उग्र हुए बिना, हर हाल में शांति बनाए रखें.’
मालूम हो कि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी करने को लेकर भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ बीते 28 मई को दक्षिण मुंबई के पायधुनी थाने में केस दर्ज किया गया था.
शर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 295ए (विद्वेषपूर्ण कार्य जो किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आशय से किए गए हों), 153ए (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 505 (2) (विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के आशय से झूठे बयान आदि फैलाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
इसके बाद नूपुर शर्मा के खिलाफ ठाणे जिले के कोंढवा पुलिस स्टेशन में भी बीते 31 मई को एक और एफआईआर दर्ज किया गया था.
योगी आदित्यनाथ ने अमन-चैन खराब करने वालों के साथ सख्ती से निपटने का निर्देश दिया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर नगर की हिंसा का संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को प्रशासनिक अधिकारियों को हिदायत दी कि प्रदेश में कायम अमन-चैन के माहौल को बिगाड़ने का प्रयास करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाए.
शुक्रवार शाम गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से संवाद किया और कहा कि मंत्रीस्तरीय समूह आगामी 11 जून से पुन: मंडलीय व जनपदीय दौरे पर जाएंगे और यह समूह इन बिंदुओं के साथ कानून-व्यवस्था की भी समीक्षा करेंगे कि किसी भी प्रकार की लापरवाही मिलने पर संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी.
शुक्रवार मध्य रात्रि को जारी एक सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि प्रदेश में कायम अमन-चैन के माहौल को खराब करने का प्रयास करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाए.
उन्होंने कानपुर नगर की घटना के संबंध में निर्देशित किया कि उपद्रवियों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए और आवश्यकता होने पर वहां अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाए.
योगी ने कहा कि अनावश्यक बयानबाजी कर माहौल खराब करने की कोशिश करने वालों के खिलाभ भी कड़ी कार्यवाही की जाए. योगी ने जोर देकर कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सड़कों पर धार्मिक गतिविधियां न आयोजित हों.
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देशित किया कि आगामी 10 जून तक सभी सड़कें अतिक्रमण मुक्त होनी चाहिए और अवैध टैंपो स्टैंड हटा दिए जाएं. साथ ही बसों को भी उनके निर्धारित स्थान पर ही खड़ा कराया जाए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)