उत्तर प्रदेश के चित्रकूट ज़िले के पहाड़ी थाना क्षेत्र का मामला. पुलिस ने बताया कि घटना के वक़्त दलित लड़की अपने घर के बाहर परिजनों के साथ सो रही थी. आधी रात में तीन में से दो आरोपी उसे उठाकर ले गए और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया था. रविवार को पुलिस ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गला दबाने से लड़की की मौत की पुष्टि हुई है.
चित्रकूट: उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के पहाड़ी थाना क्षेत्र में कथित सामूहिक बलात्कार पीड़ित 13 वर्षीय दलित बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई. मामले में पुलिस ने शनिवार को तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
हालांकि रविवार को इस मामले में नया मोड़ आ गया है. पुलिस के अनुसार, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गला दबाने से लड़की की मौत की पुष्टि हुई है.
पहाड़ी थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) अजीत पांडेय ने रविवार को बताया, ‘थाना क्षेत्र के एक गांव की दलित लड़की की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गला दबाने से उसकी मौत होने की पुष्टि हुई है.’
उन्होंने बताया, ‘शनिवार की देर शाम मिली पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बलात्कार किए जाने की भी पुष्टि हुई है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में आंतरिक और बाह्य चोटों के निशान नहीं पाए गए.’
पांडेय ने कहा, ‘ऐसा प्रतीत होता है कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही लड़की की मौत हो चुकी थी.’
एसएचओ ने बताया कि ऐसी सूचना मिली है कि पीड़िता को अस्पताल ले जाने वाले वाहन में लड़की के परिजनों के साथ तीनों आरोपी भी मौजूद थे. पुलिस अब अस्पताल के सीसीटीवी के फुटेज खंगाल रही है, जिससे लड़की के साथ अस्पताल में मौजूद लोगों के बारे में सही जानकारी मिल सके.
इससे पहले चित्रकूट जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अतुल शर्मा ने शनिवार को बताया था, ‘पहाड़ी थाना क्षेत्र की रहने वाली 13 साल की दलित लड़की के साथ बुधवार (एक जून) की रात तीन लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया. उस समय किशोरी अपने परिजनों के साथ घर बाहर दरवाजे पर सो रही थी.’
उन्होंने बताया था कि उसे इलाज के लिए कौशांबी के मंझनपुर कस्बे के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया था, जहां बृहस्पतिवार (दो जून) की रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
एसपी ने बताया था कि परिजनों ने शुक्रवार (तीन जून) को शव घर लाने के बाद पुलिस को सूचित किया.
शर्मा ने बताया थाकि इस सिलसिले में पहाड़ी थाना पुलिस ने आरोपी नदीम, आदर्श पांडेय और विपुल मिश्रा के खिलाफ मामला दर्ज कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया है.
वहीं, पहाड़ी थाने के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) अजीत पांडेय ने दर्ज एफआईआर के आधार पर बताया था कि घटना के वक्त लड़की अपने दरवाजे के बाहर परिजनों के साथ सो रही थी. आधी रात में नदीम व उसका साथी आदर्श पांडेय उसे उठा कर ले गए और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया. उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार की सुबह लड़की बेहोशी हालत में नाले के पास मिली, उसके दोनों हाथ बंधे थे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, तीनों आरोपियों में से एक ठेकेदार है, जबकि दो अन्य (नदीम और आदर्श) मजदूरी का काम करते हैं.
पुलिस ने बताया कि परिवार मामले के दो आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए तैयार था, लेकिन उन्हें एक स्थानीय ठेकेदार ने रोक दिया.
पुलिस ने यह भी कहा कि ठेकेदार ने परिवार को लड़की को कौशांबी के एक अस्पताल ले जाने की सलाह दी, क्योंकि उसकी तबीयत बिगड़ रही थी और परिवार इस बात पर सहमत हो गया था.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया ‘हम एफआईआर में उल्लिखित आरोपों के बारे में जानकारी एकत्र कर रहे हैं. अस्पताल प्रशासन का बयान दर्ज करने के लिए पुलिस की एक टीम कौशांबी जिले में गई है. ठेकेदार पर लड़की के परिवार को थाने जाने और एफआईआर दर्ज नहीं करने देकर दो अन्य आरोपियों की मदद करने का मामला दर्ज किया गया है.’
उन्होंने कहा कि अगर ठेकेदार ने परिवार को शिकायत दर्ज करने से नहीं रोका होता, तो लड़की का तत्काल इलाज हो सकता था.
तीनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 364 (अपहरण), 376डी (सामूहिक बलात्कार) और 304 (गैर इरादतन हत्या), एससी/एसटी अधिनियम और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के तहत केस दर्ज किया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)