कश्मीरी पंडितों को घर छोड़ने को मजबूर किया जा रहा, भाजपा से कश्मीर नहीं संभल रहा: केजरीवाल

जम्मू कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की लगातार हो रही हत्या के विरोध में विभिन्न दलों ने भाजपा नीत केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि घाटी के राजनीतिक दलों को इन हत्याओं के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है. जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ़ बुख़ारी ने कहा कि अगर इन हत्याओं को बंद नहीं किया गया तो यह शर्म की बात होगी. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि इन हत्याओं के बीच भाजपा फिल्मों के प्रचार में व्यस्त है.

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New Delhi: Delhi CM Arvind Kejriwal speaks during Jan Aakrosh Rally over the recent targeted killings of Kashmiri Pandits in Kashmir, at Jantar Mantar in New Delhi, Sunday, June 5, 2022. (PTI Photo)(PTI06 05 2022 000087B)

जम्मू कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की लगातार हो रही हत्या के विरोध में विभिन्न दलों ने भाजपा नीत केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि घाटी के राजनीतिक दलों को इन हत्याओं के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है. जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ़ बुख़ारी ने कहा कि अगर इन हत्याओं को बंद नहीं किया गया तो यह शर्म की बात होगी. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि इन हत्याओं के बीच भाजपा फिल्मों के प्रचार में व्यस्त है.

दिल्ली में आयोजित जन आक्रोश रैली को संबोधित करते अरविंद केजरीवाल. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली/श्रीनगर/जम्मू/मुंबई: कश्मीर में लक्षित हत्याओं (Targeted Killings) पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार से कार्य योजना पेश करने की मांग करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को दावा किया कि कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़कर जाने को मजबूर किया जा रहा है.

उन्होंने दिल्ली के जंतर मंतर पर आम आदमी पार्टी (आप) की ‘जन आक्रोश रैली’ को संबोधित करते हुए कहा कि कश्मीर में हो रहीं घटनाएं दर्शाती हैं कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कश्मीर को नहीं संभाल सकती और वह केवल ‘घटिया राजनीति’ करना जानती है. उन्होंने पाकिस्तान पर भी निशाना साधा और उस पर कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देने का आरोप लगाया.

केजरीवाल ने कश्मीर में लक्षित रूप से की जा रही हत्याओं के खिलाफ आयोजित रैली में कहा, ‘मैं पाकिस्तान से कहना चाहता हूं कि वह तुच्छ हथकंडे अपनाना बंद करे. कश्मीर हमारा था और हमेशा भारत का हिस्सा रहेगा. यदि भारत ने फैसला कर लिया, तो पाकिस्तान का अस्तित्व नहीं बचेगा.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस मामले पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से समय लेंगे और कश्मीर में हो रहीं हत्याओं को रोकने को लेकर केंद्र की योजना के बारे में जानेंगे.

उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों को अपने घर छोड़कर जाने के लिए ‘मजबूर किया’ जा रहा है. उन्होंने कहा कि 1990 के दशक में जो हुआ था, वही दोबारा हो रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि जम्मू कश्मीर में जब भी भाजपा सत्ता में आई है, कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़कर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक ने रैली में कहा, ‘यह दिखाता है कि भाजपा कश्मीर को नहीं संभाल सकती और उन्हें केवल घटिया राजनीति करनी आती है. कृपया कश्मीर को लेकर राजनीति मत कीजिए.’

उन्होंने कहा, ‘भाजपा सरकार कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम रही है. वे केवल बैठक करते हैं, लेकिन उनके पास कोई योजना नहीं है. इस मामले पर कई बैठकें की गईं और अब हर कोई कार्य योजना के बारे में जानना चाहता है.’

केजरीवाल ने कहा, ‘कश्मीर में जब भी कोई हत्या होती है, तभी यह कहा जाता है कि केंद्रीय गृह मंत्री एक उच्चस्तरीय बैठक कर रहे हैं, लेकिन कार्य योजना कहां है?’

उन्होंने कहा, ‘योजना क्या है? कश्मीर एक कार्य योजना चाहता है. मैंने कल (शनिवार) देखा कि तीन घंटे तक उच्चस्तरीय बैठक हुई. कई बैठकें हो चुकी हैं. कृपया जमीनी स्तर पर कुछ कार्रवाई कीजिए. लोग मर रहे हैं.’

उन्होंने कहा कि बहुत हो गई मीटिंग. लोग मर रहे हैं. अब भारत को एक्शन चाहिए. जनता एक्शन चाहती है, देश को प्लान बताओ.

‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक ने केंद्र से मांग की कि वह घाटी में हालात से निपटने की अपनी योजना को सार्वजनिक करे.

केजरीवाल ने कहा कि केंद्र को आमजन को बताना चाहिए कि कश्मीर में स्थिति से निपटने के लिए उसकी क्या योजना है. उन्होंने मांग की कि कश्मीरी पंडितों के साथ हस्ताक्षरित वे शपथ-पत्र रद्द किए जाएं, जिनमें कहा गया है कि वे कश्मीर के बाहर काम नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों की सभी मांगें पूरी की जाएं तथा उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए.

कश्मीर में आतंकवादी समूहों, खासकर लश्कर-ए-तैयबा ने हाल में लक्षित रूप से आठ लोगों की हत्या की है, जिनमें गैर मुसलमान, सुरक्षाकर्मी, एक कलाकार और स्थानीय आम नागरिक शामिल हैं.

केजरीवाल ने दावा किया कि लगभग 4,500 कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास किया गया और उन्हें प्रधानमंत्री की राहत योजना के तहत घाटी में नौकरी दी गई, लेकिन उन्हें एक शपथ-पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए भी कहा गया कि वे कश्मीर से बाहर काम नहीं कर सकते.

उन्होंने कहा, ‘कश्मीरी पंडितों की मांग है कि इस शपथ-पत्र को रद्द किया जाए. पूरा देश चाहता है कि यह शपथ-पत्र रद्द किया जाए. कश्मीरी पंडित बंधुआ मजदूर नहीं हैं, वे जहां चाहें वहां काम करने के लिए स्वतंत्र हैं.’

आतंकवादियों ने मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के चदूरा इलाके में 12 मई को कश्मीरी पंडित राहुल भट की हत्या कर दी थी. उसके बाद से सैकड़ों कश्मीरी पंडित प्रदर्शन कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री पैकेज के तहत 2012 में नौकरी पर रखे गए कश्मीरी पंडित सामूहिक पलायन की धमकी दे रहे हैं. उनकी मांग है कि उन्हें घाटी से बाहर स्थानांतरित किया जाए. इस बीच जम्मू कश्मीर प्रशासन ने बीते तीन जून को स्पष्ट किया कि कर्मचारियों को घाटी से बाहर नहीं भेजा जाएगा, लेकिन सुरक्षित स्थानों पर उनका स्थानांतरण किया जाएगा.

केजरीवाल ने कहा कि केंद्र ने 177 कश्मीरी हिंदुओं का कश्मीर में ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर तबादला किया.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘भाजपा के सदस्यों ने उस सूची को सोशल मीडिया पर साझा कर दिया. कश्मीरी पंडितों का अब कहना है कि सूची को इस तरह लीक करना आतंकवादियों को एक तरह से न्योता देना है. तमाम कश्मीरी पंडित इसका विरोध कर रहे हैं और पूछ रहे हैं कि यह सूची क्यों लीक हुई?’

केजरीवाल ने कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए रैली में शामिल सभी लोगों के साथ दो मिनट का मौन रखा.

उन्होंने कहा, ‘जब कश्मीरी पंडित हत्याओं का विरोध करने के लिए आवाज उठाते हैं, तो उन्हें उनके इलाकों में बंद कर दिया जाता है. कश्मीरी पंडित केवल सुरक्षा चाहते हैं और कुछ नहीं.’

केजरीवाल ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, ‘मीडिया कश्मीरी पंडितों के हालात को देश के सामने क्यों नहीं रख रहा? क्या प्रेशर है? रजनी बाला की ये दास्तां बेहद दर्दनाक है. किस तरह उन्हें बलि का बकरा बनाया गया. देश जबरदस्त गुस्से में है. मीडिया के साथियों से प्रार्थना है कि किसी दबाव में न आएं और कश्मीर की सच्चाई सबको बताएं.’

सोमवार को आम आदमी पार्टी ने भाजपा नेता बलदेव राज शर्मा के बयान का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘बेहद शर्मनाक! कश्मीर में हो रहे हिंदुओं के नरसंहार को भाजपा नेता ‘छोटी किलिंग’ बता रहे हैं! क्या पीएम मोदी ने भाजपा नेताओं को कश्मीर में हो रहे नरसंहार को ‘छोटी घटना’ बताकर अपना पल्ला झाड़ लेने का निर्देश दिया है?’

कश्मीर में हत्याओं को लेकर सिसोदिया ने भाजपा की निंदा की

आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की लक्षित रूप से की जा रही हत्या की घटनाओं में हाल में हुई बढ़ोतरी को लेकर भाजपा पर निशाना साधा और दावा किया कि इस दौर को घाटी के इतिहास में सबसे खराब समय के रूप में देखा जाएगा.

दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री ने दावा किया कि कश्मीर में घबराहट और आतंक का माहौल है. सिसोदिया ने ट्वीट किया, ‘यह दौर कश्मीर के इतिहास के सबसे बुरे दौर में गिना जाएगा. लक्षित रूप से लोगों की हत्या के मामले रोकने में भाजपा पूरी तरह विफल हो चुकी है. कश्मीर की हवा में दहशत एवं आतंक फैल गया है.’

आम आदमी पार्टी ने ‘जन आक्रोश रैली’ आयोजित की

आम आदमी पार्टी (आप) ने कश्मीर में ‘कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाकर की जा रहीं हत्याओं’ के मामलों में हाल में हुई बढ़ोतरी के खिलाफ रविवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर रैली आयोजित की और भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधा.

दिल्ली के ​के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और विधायकों सहित ‘आप’ के कई नेता एवं कार्यकर्ता ‘जन आक्रोश रैली’ में शामिल हुए तथा उन्होंने भाजपा विरोधी नारे लगाए.

संजय सिंह ने रैली में कहा कि 1990 के दशक में भाजपा समर्थित सरकार सत्ता में थी और अब जब कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़कर जाने के लिए ‘मजबूर किया’ जा रहा है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में है.

संजय सिंह ने कहा, ‘कश्मीरी पंडित अपनी सुरक्षा के लिए सड़क पर निकल कर आवाज उठाते हैं तो मोदी सरकार उन्हें सुरक्षा नहीं देती, उन्हें लाठियों से पिटवाती है. कश्मीरी पंडित सुरक्षा के लिए बिलखते हैं तो उन्हें उनके घर के अंदर ही जेल बना कर कैद कर दिया जाता है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, सारे केंद्रीय मंत्री और सांसद कश्मीर फाइल्स फिल्म के नाम पर घड़ियाली आंसू बहा रहे थे. आज कश्मीरी पंडितों का नरसंहार हो रहा है तो मैं मोदी जी से पूछता हूं कि आपके मंत्री, सांसद, विधायक किस बिल में जाकर छिप गए हैं?’

‘आप’ ने मांग की कि कश्मीरी पंडितों को पर्याप्त सुरक्षा दी जाए और उनकी आवाज को सुना जाए. पार्टी पिछले कुछ सप्ताह से कश्मीरी पंडितों को ‘निशाना बनाकर की जा रहीं हत्याओं’ के मामलों को उठा रही है.

विभिन्न राजनीतिक दलों ने कश्मीर की स्थिति को लेकर भाजपा पर हमला किया है और हत्या के मामलों में बढ़ोतरी को लेकर केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन से जवाब मांगा है.

सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा, ‘भाजपा की गूंगी-बहरी सरकार ने कश्मीर को अपनी घटिया राजनीति का अड्डा बना दिया. न स्कूल दिए, न अस्पताल, न रोजगार. दिया तो मासूमों का खून, 1990 जैसा खुलेआम आतंकवाद और 80 प्रतिशत कश्मीरी हिंदुओ का पलायन. पूरा देश कश्मीर के साथ खड़ा है. हम अपने भाइयों-बहनों की हत्या कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे!’

मालूम हो की कश्मीर में जारी हत्याओं के खिलाफ आम आदमी पार्टी भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर लगातार हमलावर है. बीते तीन जून एक ट्वीट कर पार्टी ने कहा था, ‘1990 के बाद अब फिर 2022 में भी कश्मीरी पंडितों की हत्याओं के लिए आतंकवादियों के साथ-साथ भाजपा भी है जिम्मेदार है.’

क्या केंद्र कश्मीर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन का सामना करने में सक्षम नहीं है: महबूबा मुफ्ती

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने रविवार को सवाल किया कि क्या केंद्र इतना कमजोर है कि वह कश्मीर में मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन का सामना नहीं कर सकता है.

मुफ्ती की टिप्पणी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कश्मीर में हत्याओं को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र के खिलाफ एक रैली को संबोधित करने के बीच आई है.

मुफ्ती ने कहा कि यह विडंबना है कि घाटी के राजनीतिक दलों को अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों की हत्याओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है, जबकि अन्य राज्यों में दलों को इसकी अनुमति है.

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर लिखा, ‘विडंबना यह है कि कश्मीर में मुख्यधारा के दलों को अल्पसंख्यकों की हत्याओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी गई. क्या इसे जम्मू कश्मीर में सामान्य स्थिति के बिगड़ने को लेकर भारत सरकार की घबराहट के रूप में देख सकते हैं? या वे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का सामना करने में सक्षम नहीं हैं?’

अल्ताफ बुखारी ने जम्मू कश्मीर में लक्षित कर की गई हत्याओं की निंदा की

जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने रविवार को कहा कि केंद्रशासित क्षेत्र में हाल में लक्षित कर की जा रही हत्याएं ‘न केवल व्यवस्था की विफलता है, बल्कि जनता की भी नाकामयाबी है.’ उन्होंने कहा कि अगर इन हत्याओं को बंद नहीं किया गया तो यह बड़े शर्म की बात होगी.

जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने हत्याओं के विरोध में अपने पार्टी कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया. (फोटो: पीटीआई)

बुखारी ने कहा कि उनकी पार्टी निर्दोष लोगों की हत्या को रोकने के लिए जनता का समर्थन जुटाने का भरसक प्रयास करेगी. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि अल्पसंख्यक समुदाय को आगामी अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा प्रदान की जाए.

उन्होंने जम्मू में पार्टी में शामिल हुए नए सदस्यों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘हमें लगता है कि यह (लक्षित कर की गई हत्याएं) न केवल व्यवस्था को विफलता है, बल्कि इससे लोगों की भी नाकामयाबी झलकती है. अगर हम इसे रोकने में सफल नहीं हुए तो इससे ज्यादा शर्म की बात नहीं होगी.’

कांग्रेस के पूर्व नेता भगत राम समेत कई नेता बुखारी की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए.

हिंदुओं और कश्मीरी पंडितों की रक्षा करने में विफल रही केंद्र सरकार: राकांपा

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार हिंदुओं और कश्मीरी पंडितों के जीवन की रक्षा करने में विफल रही है.

राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने एक बयान में कहा कि भाजपा नेताओं ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ (फिल्म) को अपने राजनीतिक हित साधने के लिए प्रचारित किया. तपासे ने कहा कि महाराष्ट्र ही एकमात्र राज्य है जिसने विस्थापित कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा दी, जबकि भाजपा ने केवल उनकी भावनाओं से खिलवाड़ किया.

तपासे ने कहा, ‘हिंदुओं और कश्मीरी पंडितों के जीवन की रक्षा करने में मोदी सरकार बुरी तरह विफल रही है. देश के गृहमंत्री के तौर पर, देश के नागरिकों की जान बचाना अमित शाह का कर्तव्य है.’

उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में आतंकवाद का फिर से उभार और लक्षित हत्याओं से खुफिया विभाग की विफलता का पता चलता है. राकांपा नेता ने कहा कि शाह को व्यक्तिगत रूप से सभी कश्मीरी नागरिकों के जीवन की रक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.

अपने गृह जिलों में स्थानांतरण की मांग को लेकर एक विरोध रैली के दौरान कश्मीर में तैनात जम्मू के सरकारी कर्मचारी. (फोटो: पीटीआई)

तपासे ने कहा कि नरेंद्र मोदी नीत भाजपा सरकार ने घाटी में कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित वापसी का वादा किया था लेकिन यह भी एक और ‘जुमला’ निकला. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने कश्मीरी पंडितों को उनके मूल क्षेत्र में बसाने के लिए कोई ठोस कार्य नहीं किया.

कश्मीर में लक्षित हत्याओं के बीच भाजपा फिल्मों के प्रचार में व्यस्त: संजय राउत

शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की आलोचना करते हुए दावा किया कि पार्टी जम्मू कश्मीर में ‘कश्मीरी पंडितों और मुस्लिम सुरक्षाकर्मियों की लक्षित हत्याओं’ के बीच कुछ फिल्मों के प्रचार में व्यस्त है.

मुंबई में संवाददाताओं से बातचीत में राउत ने आरोप लगाया कि भाजपा कश्मीर घाटी की सुरक्षा को नजरअंदाज कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘क्या सर्जिकल स्ट्राइक (नियंत्रण रेखा के पार भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा आतंकी ठिकानों पर किए गए हमले) से कश्मीरी पंडितों के खिलाफ अत्याचार बंद हो गया, ये और बढ़ गया.’

शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता ने कहा, ‘हिंदुओं और कश्मीरी पंडितों के साथ-साथ मुस्लिम सुरक्षाकर्मियों की भी लक्षित हत्याएं की गई हैं, क्योंकि वे देश की सेवा कर रहे हैं, वहीं, भाजपा ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘सम्राट पृथ्वीराज’ जैसी फिल्मों के प्रचार में व्यस्त में है.’

उन्होंने कोई विवरण दिए बिना दावा किया कि कश्मीर में श्रीनगर से पुलवामा तक कम से कम 20 मुस्लिम सुरक्षाकर्मियों की हत्या की जा चुकी है.

राउत ने कहा, ‘भाजपा नेता इस बारे में कुछ नहीं बोल रहे हैं, वे ताजमहल (आगरा) और ज्ञानवापी मस्जिद (वाराणसी) में ‘शिवलिंग’ खोजने में व्यस्त हैं.’

उन्होंने कश्मीर में हालात ‘अच्छे न होने’ के बीच केंद्र की सत्ता में आठ साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए भी भाजपा पर निशाना साधा.

राउत ने कहा कि 1990 के दशक में जब घाटी से कश्मीरी पंडितों का पहली बार पलायन हुआ था, तब केंद्र में भाजपा की सरकार थी, उनका इशारा संभवत: वीपी सिंह के नेतृत्व वाली तत्कालीन केंद्र सरकार की तरफ था, जो भाजपा के समर्थन से सत्ता में थी. शिवसेना नेता ने आगे कहा कि अभी भी भाजपा ही सत्ता में है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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