महिला साइकिलिस्ट ने कोच पर ‘ग़लत आचरण’ का आरोप लगाया, जांच समिति गठित

भारतीय खेल प्राधिकरण ने बताया कि स्लोवेनिया में उनके एक खेल शिविर के दौरान एक कोच द्वारा होटल में साइकिल खिलाड़ी के साथ अनुचित व्यवहार की शिकायत मिली है, जिसके बाद खिलाड़ी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें तुरंत भारत बुला लिया गया है. प्राधिकरण और भारतीय साइकिलिंग संघ ने आरोपों की जांच के लिए दो अलग-अलग समितियों का गठन किया है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

भारतीय खेल प्राधिकरण ने बताया कि स्लोवेनिया में उनके एक खेल शिविर के दौरान एक कोच द्वारा होटल में साइकिल खिलाड़ी के साथ अनुचित व्यवहार की शिकायत मिली है, जिसके बाद खिलाड़ी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें तुरंत भारत बुला लिया गया है. प्राधिकरण और भारतीय साइकिलिंग संघ ने आरोपों की जांच के लिए दो अलग-अलग समितियों का गठन किया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: देश की एक अग्रणी महिला साइकिलिस्ट ने राष्ट्रीय टीम के कोच आरके शर्मा के खिलाफ ‘गलत आचरण’ का आरोप लगाया है जिसके बाद भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) और साइकिलिंग महासंघ ने जांच समिति का गठन किया.

उनकी शिकायत पर साई ने जांच के लिए सोमवार को समिति गठित की. उधर भारतीय साइकिलिंग संघ (सीएफआई) ने कहा कि वह इस मामले में अपने खिलाड़ी के साथ खड़ा है.

साई से जारी बयान के मुताबिक, ‘साई को स्लोवेनिया में शिविर के दौरान एक कोच द्वारा खिलाड़ी के साथ अनुचित व्यवहार की शिकायत मिली है. इस कोच की नियुक्ति सीएफआई की सिफारिश पर की गई थी.’

उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ी की शिकायत के बाद उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए साई ने उसे तुरंत भारत बुला लिया और मामले की जांच के लिए एक समिति भी गठित की है. मामले को प्राथमिकता से निपटाया जा रहा है और जल्द ही इसे सुलझा लिया जाएगा.’

यह शिविर 18-22 जून 2022 तक दिल्ली में होने वाली एशियाई ट्रैक साइकिलिंग चैंपियनशिप के लिए है.

सीएफआई ने कहा कि वह अपने खिलाड़ी का पूरा समर्थन कर रहा है. सीएफआई ने कहा, ‘सीएफआई शिकायतकर्ता के साथ खड़ा है. इस मामले से साई को अवगत करा दिया गया है. हम साई की समिति के फैसले का पूरा समर्थन करेंगे.’

सीएफआई ने भी इस मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया है. इसमें उसके महासचिव मनिंदर पाल सिंह, केरल साइकिलिंग के अध्यक्ष एसएस सुदीश कुमार महाराष्ट्र साइकिलिंग टीम की मुख्य दीपाली निकम और सहायक सचिव वीएन सिंह शामिल है.

भारतीय टीम के बाकी सभी खिलाड़ी कोच आरके शर्मा के साथ 14 जून को लौटेंगे.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, साई और सीएफआई ने आरोपों की जांच के लिए दो अलग-अलग जांच समितियों का गठन किया है.

शर्मा 2014 से टीम के साथ जुड़े हुए हैं. पूर्व वायु सेना एचआर मैनेजर पिछले आठ वर्षों से भारत के जूनियर और सीनियर साइकिलिंग कार्यक्रमों का हिस्सा रहे हैं.

साई ने कहा, ‘कोच को साइकिलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की सिफारिश पर नियुक्त किया गया था.’ वहीं, सीएफआई ने कहा है कि साई द्वारा गठित समिति के निर्णय को महासंघ का पूर्ण समर्थन प्राप्त होगा.

महासंघ की अपनी जांच समिति में सीएफआई महासचिव मनिंदर पाल सिंह, केरल साइकिलिंग अध्यक्ष एसएस सुदीश कुमार, महाराष्ट्र कोच दीपाली निकम और सीएफआई के सहायक सचिव वीएन सिंह शामिल हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, स्लोवेनिया की यात्रा करने वाली आठ सदस्यीय टीम में शिकायतकर्ता एकमात्र महिला साइकिल चालक हैं.

मनिंदर पाल सिंह ने बताया कि स्लोवेनिया में दुराचार की दो अलग-अलग घटनाएं हुईं. कोच को समिति के समक्ष सफाई देने के लिए कहा गया है. उन्होंने यह भी बताया कि शिकायतकर्ता का मेल कोच को भेज दिया गया है और उन्हें तत्काल इसका जवाब देने का निर्देश दिया गया है.

उन्होंने बताया, ’15 अप्रैल को जब टीम स्लोवेनिया में होटल की लॉबी में पहुंची, तो शिकायतकर्ता के लिए एक भी कमरा उपलब्ध नहीं था. केवल डबल शेयरिंग वाले कमरे बुक किए गए थे, जैसा नहीं होना चाहिए था. आरोपी कोच ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता से कहा कि वे उसके साथ कमरा साझा कर सकती हैं और साथ में रह सकती हैं, जो अनुचित था. इस बीच साई के अधिकारियों द्वारा महिला के लिए एक अलग कमरे की व्यवस्था की गई.’

उन्होंने कहा, ‘फिर 29 मई को टीम के दो सदस्य- एसो एल्बेन और रोनाल्डो आरोपी कोच के साथ जर्मनी में हुई एक प्रतियोगिता से लौटे. कोच शिकायतकर्ता के होटल के कमरे में गया और दरवाजा खटखटाया. जब उन्होंने दरवाजा खोला, तो वह कथित तौर पर उनकी सहमति के बिना कमरे में जाकर वहीं बैठ गया. यह एक दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक घटना है. हम सीएफआई में महिलाओं की सुरक्षा से समझौता नहीं करते हैं.’

सिंह ने कहा, ‘लेकिन हमारे पास शिकायतकर्ता को बताने के लिए केवल एक ही बात है कि खेल प्राधिकरण को सीधे लिखने से पहले उन्हें आदर्श रूप से इन घटनाओं के बारे में फेडरेशन को सूचित करना चाहिए था. हम कोच के खिलाफ उचित कार्रवाई करते.’

उल्लेखनीय है कि जनवरी 2020 में आई एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि भारतीय खेल प्राधिकरण में 10 साल में यौन उत्पीड़न के 45 मामले सामने आए थे, जिनमें से 29 कोचों के खिलाफ थे.

रिपोर्ट में आरटीआई से प्राप्त जानकारी के आधार पर बताया गया था कि प्राधिकरण की 24 अलग-अलग इकाइयों में कई मामलों में आरोपियों को मामूली सजा देकर छोड़ दिया गया, जिसमें तबादलों से लेकर वेतन या पेंशन में मामूली कटौती तक की सजा हुई. वहीं, लगभग एक दर्जन शिकायतों की जांच सालों से चली आ रही थी, जिसमें उस समय तक कोई खास प्रगति नहीं हुई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)