महिला क्रिकेट की अग्रणी खिलाड़ियों में से एक मिताली राज ने सोशल मीडिया पर अपने संन्यास की घोषणा करते हुए लिखा कि अब उनके खेल करिअर का अंत करने का सही समय है क्योंकि टीम कुछ बहुत ही प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों के हाथों में है और भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्ज्वल है.
नई दिल्ली: महिला क्रिकेट की अग्रणी खिलाड़ियों में से एक मिताली राज ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा कर दी. इस दिग्गज भारतीय बल्लेबाज ने 23 साल लंबे अपने अंतरराष्ट्रीय करिअर के दौरान महिला क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई.
मिताली ने अपने करिअर में 232 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में 7,805 रन बनाए जो खेल के इस प्रारूप में रिकॉर्ड रन हैं. उन्होंने इस दौरान 64 अर्द्धशतक और 7 शतक जड़कर कुल 71 पारियों में 50 से अधिक रन बनाए. इस मामले में वे शीर्ष महिला क्रिकेटर हैं. एकदिवसीय क्रिकेट में उनका बल्लेबाजी औसत भी 50 से अधिक (50.68) रहा.
कुल 10,868 अंतरराष्ट्रीय रनों के साथ मिताली महिला क्रिकेट के सभी प्रारूपों में सर्वाधिक रन बनाने वाली बल्लेबाज भी हैं.
इस 39 वर्षीय खिलाड़ी ने 89 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले भी खेले. मिताली को सिर्फ 12 टेस्ट खेलने का मौका मिला, लेकिन इस दौरान वह दोहरा शतक जड़ने में सफल रहीं और टेस्ट क्रिकेट में यह उपलब्धि हासिल करने वाली भारत की एकमात्र महिला बल्लेबाज हैं.
मिताली ने 2019 में टी-20 अंतरराष्ट्रीय प्रारूप को अलविदा कहा था. मार्च में एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्व कप में भारत का अभियान खत्म होने के बाद उनके संन्यास लेने की उम्मीद की जा रही थी. वह इस प्रतिष्ठित आईसीसी टूर्नामेंट में भारत की कप्तान थीं.
मिताली ने संन्यास की घोषणा करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘मैं भारत की नीली जर्सी पहनने की यात्रा पर निकली थी क्योंकि अपने देश का प्रतिनिधित्व करना सबसे बड़ा सम्मान होता है. मैंने अपनी यात्रा के दौरान कई शीर्ष लम्हे देखे और कुछ मुश्किल दौर का भी सामना किया. इस हर लम्हे ने मुझे कुछ नया सिखाया और पिछले 23 साल मेरे जीवन के सबसे संतोषजनक, चुनौतीपूर्ण और आनंददायक वर्ष रहे.’
Thank you for all your love & support over the years!
I look forward to my 2nd innings with your blessing and support. pic.twitter.com/OkPUICcU4u— Mithali Raj (@M_Raj03) June 8, 2022
उन्होंने लिखा, ‘पूरी यात्रा का आनंद लिया, इसका भी अंत होना ही था. आज वह दिन है जब मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूप से संन्यास लेती हूं.’
राजस्थान की इस क्रिकेटर ने दो दशक से अधिक समय तक बल्ले से अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत दिग्गज खिलाड़ी का दर्जा हासिल किया.
मिताली ने 1999 में जब भारत की ओर से पदार्पण किया तो महिला क्रिकेट को अधिक तवज्जो नहीं दी जाती थी, लेकिन अब यह लाखों लड़कियों के लिए करिअर के रूप में पसंद बन चुका है जो उनकी तरह बनना और नाम कमाना चाहती हैं.
मिताली ने लिखा, ‘जब भी मैंने मैदान पर कदम रखा, मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया, मेरा इरादा भारत की जीत में मदद करना था. मैं हमेशा तिरंगे का प्रतिनिधित्व करने के लिए मुझे दिए गए अवसर को संजो कर रखूंगी.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि अब मेरे खेल करिअर का अंत करने का सही समय है क्योंकि टीम कुछ बहुत ही प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों के हाथों में है और भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्ज्वल है.’
मिताली ने कहा, ‘इतने वर्षों तक टीम का नेतृत्व करना सम्मान की बात थी. इसने मुझे निश्चित रूप से एक व्यक्ति के रूप में बेहतर बनाया और उम्मीद है कि भारतीय महिला क्रिकेट भी बेहतर हुआ होगा.’
मिताली ने कहा कि एक और सफर उनका इंतजार कर रहा है क्योंकि वह खेल से जुड़े रहना पसंद करेंगी.
उन्होंने कहा, ‘मैं भारत और दुनिया भर में महिला क्रिकेट से प्यार करती हूं और इसकी प्रगति में योगदान दूंगी. मेरे सभी प्रशंसकों के लिए विशेष उल्लेख, आप सभी के प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद.’
मिताली ने छह एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया और उनके नाम लगातार सात अर्धशतक जड़ने का रिकॉर्ड भी है.
वह भारत की एकमात्र कप्तान (महिला या पुरुष) हैं जिनकी अगुआई में भारत दो बार विश्व कप फाइनल (2005 और 2017) में खेला.
विश्व कप 2017 में टीम के प्रदर्शन से भारत में महिला क्रिकेट को काफी लोकप्रियता मिली. हालांकि, पांच साल बाद न्यूजीलैंड में मिताली अपने करिअर का परी कथा जैसा अंत नहीं कर सकी, जहां भारत शुरुआती चरण से ही बाहर हो गया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)