शुक्रवार को औरंगाबाद में हुए एक प्रदर्शन के दौरान यहां से एआईएमआईएम सांसद और पूर्व पत्रकार इम्तियाज़ जलील ने नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि अगर उन्हें (शर्मा को) फांसी देनी है तो उसी चौराहे पर देनी चाहिए. पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस बयान से दूरी बनाते हुए कहा कि पार्टी का रुख़ जलील के बयान से अलग है.
नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) सांसद इम्तियाज़ जलील द्वारा औरंगाबाद में हुए एक प्रदर्शन के दौरान भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को ‘फांसी’ देने की मांग से पार्टी ने किनारा कर लिया है.
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को कहा कि नुपुर शर्मा को पैगंबर मोहम्मद के बारे में उनकी टिप्पणी के लिए गिरफ्तार किया जाना चाहिए. इस मुद्दे पर किसी को भी हिंसा में शामिल नहीं होना चाहिए और न ही पुलिस को कानून अपने हाथ में लेना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को औरंगाबाद में संभागीय आयुक्त कार्यालय के समीप दिल्ली गेट इलाके में प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए सांसद और पूर्व पत्रकार इम्तियाज जलील ने कहा, ‘अगर नूपुर शर्मा को फांसी देना है तो औरंगाबाद के इसी चौराहे के अंदर फांसी दें.’
Here is AIMIM leader and MP Imtiyaz Jaleel provoking a crowd of thousands by stating, "Isko phansi dena hai to Aurangaband ki isi chourahe pe de.". This is hate speech, pure and simple. pic.twitter.com/QfuSjvbqJ3
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) June 11, 2022
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इसके बाद जलील ने टीवी चैनलों से बात करते हुए कहा, ‘इस्लाम शांति का धर्म है. सच है कि लोग गुस्सा हैं, हमारी मांग है कि नूपुर शर्मा को फांसी मिलनी चाहिए. अगर उन्हें आसानी से छोड़ दिया गया तो ऐसे भावनाएं आहत की जाती रहेंगी. हमारा कहना है कि किसी को भी अन्य जाति, धर्म, धार्मिक नेता के अनुयायियों की धार्मिक भावनाएं आहत नहीं करनी चाहिए. इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए तथा कड़ा संदेश दिया जाना चाहिए. उन्हें पार्टी से निकालना सख्त कार्रवाई नहीं है.’
इस बीच, शनिवार को गुजरात पहुंचे पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जलील के बयान से दूरी बनाते हुए कहा कि पार्टी का रुख स्पष्ट है कि उन्हें (नूपुर को) कानून के अनुसार गिरफ्तार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘पार्टी का सोचना जलील साहब ने जो कहा, उससे अलग है. यह पार्टी का आधिकारिक रुख है, जिसका सभी को पालन करना होगा.’
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर किसी को भी हिंसा में शामिल नहीं होना चाहिए और न ही पुलिस को कानून अपने हाथ में लेना चाहिए.
उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि एक टीवी बहस के दौरान शर्मा की टिप्पणियों के बाद भाजपा ने उनके खिलाफ समय पर कार्रवाई नहीं की, जिससे एक बड़ा विवाद पैदा हो गया.
ओवैसी ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘नुपुर शर्मा को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है. कानून के अनुसार, उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए. उन्हें इतने दिनों से गिरफ्तार नहीं किया गया है. आप उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं करते और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं करते? आपको कौन रोक रहा है?’
उन्होंने कहा, ‘नुपुर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई करें, उन्हें कानून के अनुसार गिरफ्तार करें. हम मांग करते हैं कि उन्हें गिरफ्तार किया जाए और कानून के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. अगर भाजपा गंभीर होती, तो वह उन्हें उसी वक्त बताती (कि उनके बयान आपत्तिजनक थे), लेकिन ऐसा करने में दस दिन लग गए.’
ओवैसी ने कहा कि टिप्पणी पर शर्मा का माफीनामा पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा, ‘हमें माफी नहीं चाहिए. कानून को अपना काम करना चाहिए.’
वहीं, शनिवार को इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए इम्तियाज जलील ने कहा, ‘मुझे प्रदर्शन स्थल पर पुलिस कमिश्नर ने बुलाया था क्यों हालत नाजुक थे और भीड़ का पारा चढ़ा हुआ था. मुझे भीड़ की ही भाषा बोलनी पड़ी.’
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें नूपुर को ‘फांसी’ देने वाले बयान को लेकर पछतावा है, उन्होंने कहा, ‘हम बनाना रिपब्लिक नहीं हैं. एक सांसद के तौर पर मैं जानता हूं कि लोगों को सड़कों पर फांसी देना निंदनीय है. मेरा इरादा यह कहने का था कि उनके खिलाफ कुछ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.’
उन्होंने जोड़ा, ‘एक तरफ हमारे पास एक महिला है जो एनसीपी प्रमुख शरद पवार के खिलाफ अपने कथित बयान के चलते अब एक महीने से अधिक समय जेल में बिताने जा रही है. दूसरी ओर, हमारे पास ऐसा कोई है जिसने उन पैगंबर का अपमान किया है, जिन्हें अरबों मुसलमान मानते हैं… मैं केवल इस बात का समर्थन कर रहा था कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वालों के खिलाफ एक कानून होना चाहिए.’
मालूम हो कि पैगंबर को लेकर टिप्पणियों पर कई इस्लामी देशों में तीखी प्रतिक्रिया और भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान के बाद भाजपा ने नुपुर शर्मा को निलंबित और नवीन जिंदल को निष्कासित कर दिया है. टिपण्णी को लेकर भारतीय शहरों में भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और शर्मा के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं.
औरंगाबाद में शुक्रवार को हुए प्रदर्शन को लेकर भी इसके अनाम आयोजकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. औरंगाबाद पुलिस का कहना है कि यह अहिंसक प्रदर्शन था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)