उत्तर प्रदेश के फतेहपुर की ज़िलाधिकारी अपूर्वा दुबे की बीमार गाय के इलाज के लिए सात पशु चिकित्सा अधिकारियों की रोज़ाना लगी ड्यूटी का एक आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इस मामले को ज़िलाधिकारी ने उनके ख़िलाफ़ षड्यंत्र और दूषित मानसिकता बताया.
फतेहपुर: उत्तर प्रदेश में फतेहपुर की जिलाधिकारी की बीमार गाय के इलाज के लिए सात पशु चिकित्सा अधिकारियों की रोजाना लगी ड्यूटी का एक आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
इस मामले को जिलाधिकारी ने उनके खिलाफ षड्यंत्र और दूषित मानसिकता का बताते हुए दावा किया है कि उन्हें इस आदेश की कोई प्रतिलिपि भी नहीं भेजी गई थी.
हालांकि, नौ जून को जारी अपने इस आदेश को कार्यवाहक मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (सीवीओ) ने दूसरे दिन निरस्त भी कर दिया था.
फतेहपुर की जिलाधिकारी (डीएम) अपूर्वा दुबे की एक गाय बीमार होने पर सात डॉक्टरों की टीम देखरेख के लिए भेजी गई थी.
टीम गठन का पत्र वायरल होने से प्रशासन में हड़कंप मच गया और डीएम ने पूरे प्रकरण की जानकारी लेने के बाद इसमें मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी की मनमर्जी बताई है और इसे षड्यंत्र तथा दूषित मानसिकता वाला बताया.
DM Fatehpur Apurva Dubey has also written to the state administration recommending suspension of the chief veterinary officer and his deputy citing several irregularities and dereliction.
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) June 12, 2022
कार्यवाहक मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एसके तिवारी का नौ जून के आदेश का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. इसमें प्रतिदिन पशु चिकित्साधिकारी भिटौरा डॉ. मनीष अवस्थी, ऐरायां के डॉ. भुवनेश कुमार, उकाथू के डॉ. अनिल कुमार, गाजीपुर के डॉ. अजय कुमार दुबे, मलवां के डॉ. शिवस्वरूप, असोथर के डॉ. प्रदीप कुमार, हसवा के डॉ. अतुल कुमार की ड्यूटी लगाई गई थी.
आदेश में स्पष्ट लिखा गया है कि डीएम की गाय की चिकित्सा के लिए प्रतिदिन सुबह-शाम की ड्यूटी लगाई गई है. ये डॉक्टर सनगांव के डॉ. दिनेश कुमार को ड्यूटी के बाद फोन पर जानकारी देंगे. किसी की अनुपस्थिति पर उस दिन का काम डॉ. सुरेश कुमार कनौजिया देखेंगे. कार्य में शिथिलता नहीं बरतने की चेतावनी भी दी गई है.
डीएम ने इस मामले में रविवार को सफाई दी और कहा कि उन्होंने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया था. कार्यवाहक मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने मनमाने तरीके से आदेश दिया है और इस आदेश की जांच की गई और दूसरे दिन आदेश निरस्त कर दिया गया.
उन्होंने कहा कि उन्हें आदेश की प्रति भी नहीं भेजी गई है. इसमें षड्यंत्र और दूषित मानसिकता से काम किया गया है और यह पत्र ट्विटर के माध्यम से उनके संज्ञान में आया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, डीएम ने कहा कि उन्होंने उस अधिकारी के खिलाफ पशु चिकित्सा विभाग में शिकायत की है, जिसकी कार्यशैली पूर्व में अच्छी नहीं रही है. उन्होंने कहा कि पूर्व में भी उन्हें कई बार चेतावनी दी जा चुकी है.
टाइम्स ऑफ इंडिया डीएम ने कहा, ‘मैं पिछले डेढ़ साल से फतेहपुर में काम कर रही हूं और मैं गर्मियों में गो-आश्रयों में पुआल संग्रह, पानी की व्यवस्था और पर्याप्त चिकित्सा सहायता की लगातार निगरानी कर रही हूं और मुख्य पशु चिकित्साधिकारी और डिप्टी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी की ओर से ढिलाई पाया है. पहले से ही है वरिष्ठों को उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करते हुए लिखा है.’
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (फतेहपुर) डॉ. आरडी अहिरवार से संपर्क किया, तो उन्होंने कहा, ‘मैं 28 मई से छुट्टी पर हूं और मेरे डिप्टी डॉ. एसके तिवारी कार्य कर रहे हैं.’
अहिरवार ने दावा किया कि उन्हें अपने डिप्टी द्वारा हस्ताक्षरित पत्र के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)