रांची हिंसा: नाबालिग बेटे को खोने वाले पिता ने पुलिस और उपद्रवियों के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई

पुलिस में दर्ज कराई शिकायत में मुदस्सिर के पिता ने दावा किया है कि उनके बेटे पर पास के एक मंदिर की छत से कुछ लोगों ने गोली चलाई थी. पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ टिप्पणी के विरोध में 10 जून को रांची में हुई हिंसा के दौरान 15 वर्षीय मुदस्सिर आलम और 20 वर्षीय मोहम्मद साहिल की मौत गोली लगने से हो गई थी. दोनों के परिवारों का दावा है कि वे प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थे. साहिल के परिवार ने भी थाने में शिकायत दर्ज कराई है.

Ranchi: Miscreants throw stones on police during a protest over controversial remarks made by two now-suspended BJP leaders about Prophet Mohammad, in Ranchi, Friday, June 10, 2022. (PTI Photo)(PTI06 10 2022 000216B)

पुलिस में दर्ज कराई शिकायत में मुदस्सिर के पिता ने दावा किया है कि उनके बेटे पर पास के एक मंदिर की छत से कुछ लोगों ने गोली चलाई थी. पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ टिप्पणी के विरोध में 10 जून को रांची में हुई हिंसा के दौरान 15 वर्षीय मुदस्सिर आलम और 20 वर्षीय मोहम्मद साहिल की मौत गोली लगने से हो गई थी. दोनों के परिवारों का दावा है कि वे प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थे. साहिल के परिवार ने भी थाने में शिकायत दर्ज कराई है.

रांची में 10 जून को भड़की हिंसा के दौरान की एक तस्वीर. (फोटो: पीटीआई)

रांची: झारखंड की राजधानी रांची में 10 जून की हिंसा के दौरान गोली लगने से मरने वाले 15 वर्षीय किशोर के पिता ने रविवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने वाले पुलिसकर्मियों व उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

शिकायत डेली मार्केट पुलिस थाने में की गई है.

पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ पूर्व भाजपा प्रवक्ताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की टिप्पणियों की प्रतिक्रिया में रांची में हुआ विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था, जिसमें दो मुस्लिम युवकों की मौत हो गई थी.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अपनी शिकायत में मृतक किशोर मुदस्सिर आलम के पिता परवेज आलम ने दावा किया है कि उनके बेटे पर पास के एक मंदिर की छत से कुछ लोगों ने गोली चलाई थी. उन्होंने गोली चलाने वाले एक व्यक्ति की पहचान भैरों सिंह के रूप में की है. भैरों सिंह मुख्यमंत्री हेमत सोरेन के काफिले पर भी हमले करने के एक मामले में आरोपी हैं. उस मामले में वे फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं.

आलम ने कहा कि वह हिंदपीढ़ी इलाके के रायन मोहल्ले में रहते हैं और पेट पालने के लिए फल बेचते हैं.

उन्होंने बताया, ‘मैं फल बेच रहा था तभी उर्दू लाइब्रेरी की तरफ से एक भीड़ आई. मेरा बेटा भीड़ में शामिल हो गया. हनुमान मंदिर से भैरों सिंह और अन्य ने पत्थर फेंकने शुरू कर दिए. भीड़ ने भी उसी तरह जवाबी प्रतिक्रिया दी, जिससे अफरा-तफरी मच गई. पुलिस ने भीड़ पर फायरिंग शुरू कर दी और मंदिर की छत से भी गोलियां चलाई गईं.’

उन्होंने लिखा, ‘एक तरफ मंदिर की छत से और दूसरी तरफ रोड़ पर उपस्थित पुलिसकर्मियों की फायरिंग के कारण मची भगदड़ में एक गोली इसके (मुदस्सिर) सिर में लगी और वो लहूलुहान होकर सड़क पर गिर पड़ा.’

मुदस्सिर को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

आलम की शिकायत में लिखा है कि कुछ बदमाशों (उपद्रवियों) ने पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के लिए उकसाया.

रांची के एसएसपी सुरेंद्र झा ने मीडिया को बताया कि हम सबूत जुटाकर सभी दोषियों को सजा देंगे. हालांकि, उन्होंने आलम की शिकायत पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

हालांकि, सरकारी सूत्रों ने बताया, ‘कुछ वीडियो में मंदिर की खिड़की पर कुछ चमकता देखा जा सकता है. हम जांच कर रहे हैं कि क्या कोई गोली वहां से चलाई गई या फिर वो कैमरे का फ्लैश था.’

10 जून को रांची में हुई हिंसा के दौरान 15 वर्षीय मुदस्सिर आलम के अलावा 20 वर्षीय मोहम्मद साहिल की मौत गोली लगने से हो गई थी. मुदस्सिर 10वीं कक्षा के परीक्षा परिणामों का इंतजार कर रहे थे, साहिल ने 12वीं तक पढ़ाई की थी और एक मोबाइल की दुकान में काम करते थे.

परिवार का दावा, मारे गए युवक प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थे

प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से मारे गए दोनों मुस्लिम युवकों के परिवारों ने दावा किया है कि मृतक प्रदर्शनों का हिस्सा नहीं थे. दोनों दोनों युवकों के परिवार ने गोलीबारी और मौत की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

रांची के हिंदपीढ़ी इलाके में डेली मार्केट के नजदीक रहने वाली मुदस्सिर की मां कहत परवीन ने कहा, ‘क्यों उन्होंने मेरे इकलौते बेटे को मारा? मैं उसके बिना कैसे जिंदा रहूंगी? उसने इसी साल मैट्रिक (10वीं कक्षा) की परीक्षा दी थी और इस सप्ताह उसके नतीजे आने वाले थे.’

मुदस्सिर के चाचा मोहम्मद शाहिद आयूबी ने दावा किया कि वह मुश्किल से 16 साल का था. उन्होंने सरकार से 25 लाख रुपये का मुआजवा और परिवार में एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की.

सरकारी अस्पताल राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के जनसंपर्क अधिकारी डीके सिन्हा ने बताया कि अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक मुदस्सिर की उम्र 22 साल, जबकि साहिल की उम्र 24 साल थी. उन्होंने बताया कि दोनों की इलाज के दौरान मौत हुई.

आयूबी ने कहा, ‘मुदस्सिर अपने पिता की फल कारोबार में मदद करता था. अब उसकी मौत हो चुकी है. बुढ़ापे में मेरे भाई और उनकी पत्नी की अब कौन देखभाल करेगा?’

आयूबी ने दावा किया, ‘पुलिस शुरुआत में हमारी शिकायत लेने को तैयार नहीं थी. हम जानना चाहते हैं कि मुदस्सिर को गोली कैसे लगी और इसके लिए कौन जिम्मेदार है.’

वहीं दूसरे मृतक युवक मोहम्मद साहिल के भाई शाकिब अंसारी ने भी दावा किया कि उनका भाई विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं था.

शाकिब ने कहा, ‘मेरा भाई मोहम्मद साहिल जुमे की नमाज के बाद कुछ काम से रांची की मुख्य सड़क पर गया था. वह प्रदर्शन का हिस्सा नहीं था, लेकिन उसे गोली लगी और उसकी मौत हो गई.’

साहिल के पिता मोहम्मद अफजल ने बताया कि उनका बेटा डेली मार्केट स्थित मोबाइल की दुकान में काम करता था.

उन्होंने कहा, ‘जब यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, उस समय वह दोपहर का भोजन करने घर लौट रहा था. उसका प्रदर्शन से कोई लेना देना नहीं था.’

साहिल के परिवार ने डेली मार्केट पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है और प्रशासन से न्याय दिलाने की मांग की है. परिवार ने मुआवजा देने की भी मांग की है.

इस बीच, आरोप लगे है कि रांची में दंगा भड़काने के लिए उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से कुछ लोग आए थे.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र कुमार झा ने कहा, ‘हम इस मामले की जांच कर रहे हैं. जबतक मामले में कड़ियां जुड़ नहीं जाती, हम कुछ नहीं कह सकते.’

प्रशासन ने रांची जिले के 12 पुलिस थानों में से हिंदपीढी और डेली मार्केट सहित छह थानों में धारा-144 (निषेधाज्ञा) लागू की है.

रांची में स्थिति में सुधार, छह थाना क्षेत्रों से निषेधाज्ञा हटाई गई, 12 व्यक्ति हिरासत में

रांची में शुक्रवार को भड़की हिंसा के बाद स्थिति में तेजी से हो रहे सुधार को देखते हुए रविवार दोपहर जिला प्रशासन ने बारह में से छह थाना क्षेत्रों से निषेधाज्ञा हटा ली. पुलिस ने हिंसा के मामले में जांच का दायरा बढ़ाते हुए 25 एफआईआर दर्ज की हैं जिनमें 24 नामजद समेत सैकड़ों लोगों को आरोपी बनाया गया है.

रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र कुमार झा के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन करके बताया कि रांची में स्थिति में सुधार को देखते हुए 12 में से 6 थाना क्षेत्रों से निषेधाज्ञा हटाने का फैसला किया गया है.

उन्होंने बताया कि आज (रविवार) दोपहर से मेन रोड और आसपास के छह थाना क्षेत्रों को छोड़कर शहर के अन्य छह थाना क्षेत्रों से निषेधाज्ञा हटा ली गई.

उन्होंने बताया कि अपराह्न एक बजे से शाम पांच बजे तक हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को अपने आवश्यक कार्यों के लिए घरों से बाहर निकलने की इजाजत दी गई, लेकिन सभी को यह निर्देश है कि वे किसी भी हाल में चार से अधिक की संख्या में एकसाथ बाहर न निकलें.

इससे पूर्व रांची समेत राज्य के सभी भागों में तनाव में कमी को देखते हुए राजधानी रांची में पिछले 36 घंटे से बंद इंटरनेट सेवा आज तड़के बहाल कर दी गई. दूसरी ओर रांची और आसपास के इलाकों में अर्धसैनिक बलों एवं पुलिस की भारी तैनाती यथावत जारी रखी गई है.

झारखंड पुलिस के प्रवक्ता एवं महानिरीक्षक (कार्रवाई) एवी होमकर ने रांची में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद सैकड़ों लोगों की भीड़ द्वारा किए गए पथराव, तोड़फोड़ और हिंसा के सिलसिले में कार्रवाई में तेजी लाते हुए पुलिस ने 24 नामजद समेत पांच हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ अब तक 25 एफआईआर दर्ज की हैं.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि ज्यादातर एफआईआर शहर के हिंदपीढ़ी और डेली मार्केट पुलिस थानों में दर्ज की गईं हैं. इस बीच गोली लगने से जान गंवाने वाले दोनों मृतकों के रिश्तेदार डेली मार्केट पुलिस थाने पर जुटे.

एसएसपी सुरेंद्र झा भी गोलियों से घायल हुए थे, उन्होंने कहा, ‘हमने एसआईटी का गठन किया है. मैं दोहराना चाहता हूं कि निर्दोष लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. हम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की निगरानी कर रहे हैं और अगर कोई धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से बयानबाजी करता हुआ पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी.’

पुलिस के प्रवक्ता एवं महानिरीक्षक (कार्रवाई) एवी होमकर ने बताया कि पूछताछ के लिए 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा शनिवार को हिरासत में लिए गए छह व्यक्तियों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है.

होमकर ने बताया कि राजधानी रांची समेत पूरे प्रदेश में स्थिति शांतिपूर्ण एवं नियंत्रण में है तथा पिछले 24 घंटे के दौरान कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. उन्होंने बताया कि इसे देखते हुए आज तड़के पांच बजे से राजधानी रांची में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई.

उन्होंने बताया कि उपद्रवियों की हिंसा और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए की गई पुलिस की कार्रवाई में 11 पुलिसकर्मियों समेत 24 व्यक्तियों शुक्रवार को रांची में घायल हो गए थे.

उन्होंने बताया कि इनमें से शुक्रवार देर रात्रि दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी जिससे पूरे शहर में तनाव व्याप्त हो गया था, जिसके चलते रांची में शनिवार को 12 थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई थी. उन्होंने बताया कि वहीं पूरे रांची जिले में शुक्रवार शाम ही इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी.

पुलिस प्रवक्ता होमकर ने बताया कि पुलिस की विशेष जांच टीम हिंसा की जांच कर रही है और क्षेत्र के सभी सीसीटीवी कैमरों के फुटेज एवं अन्य वीडियो को खंगाला जा रहा है और अपराधियों की पहचान की जा रही है जिससे उनकी गिरफ्तारी की जा सके.

इस बीच राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रवक्ता डॉ. डीके सिन्हा ने बताया कि संस्थान में भर्ती 13 घायलों में से छह को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी कर दी गई है. उन्होंने बताया कि भर्ती घायलों में अभी एक घायल नदीम अंसारी की हालत गंभीर बनी हुई है और उसे अस्पताल के गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती किया गया है.

घटना के दौरान 24 वर्षीय नदीम अंसारी के गले में गोली लगी थी और वह रिम्स अस्पताल में वेंटिलेटर पर हैं.

उनकी बहन नुसरत परवीन ने कहा, ‘वह इलेक्ट्रिशियन के तौर पर काम करता था और हमें नहीं पता कि वह कैसे प्रदर्शन का हिस्सा बन गया. उसकी एक बेटी है और उसकी (नदीम) हालत गंभीर बनी हुई है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)