राजस्थान: 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर ओबीसी समुदाय का धरना जारी

भरतपुर ज़िले में नौकरी और उच्च शिक्षा में 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर सैनी, कुशवाहा, माली, मौर्य और शाक्य समुदायों के लोग आंदोलन कर रहे हैं. प्रदेश आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी ने कहा कि समुदायों के लिए उपलब्ध वर्तमान आरक्षण पर्याप्त नहीं है. 

/
नौकरी और उच्च शिक्षा में 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर लोगों ने जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग में चक्काजाम किया. (फोटो: सोशल मीडिया)

भरतपुर ज़िले में नौकरी और उच्च शिक्षा में 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर सैनी, कुशवाहा, माली, मौर्य और शाक्य समुदायों के लोग आंदोलन कर रहे हैं. प्रदेश आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी ने कहा कि समुदायों के लिए उपलब्ध वर्तमान आरक्षण पर्याप्त नहीं है.

नौकरी और उच्च शिक्षा में 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर लोगों ने जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग में चक्काजाम किया. (फोटो: सोशल मीडिया)

जयपुर: राजस्थान के भरतपुर जिले में नौकरी और उच्च शिक्षा में 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय के लोग आंदोलन कर रहे हैं. इन लोगों ने जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर अरोदा गांव में चक्काजाम कर रखा है.

भरतपुर प्रशासन ने जिले की चार तहसीलों- नदबई, उच्चैन, वैर, भुसावर में मोबाइल इंटरनेट सेवा को बुधवार सुबह 11 बजे तक निलंबित कर दिया है.

भरतपुर के संभागीय आयुक्त सांवरलाल वर्मा ने बताया कि मोबाइल इंटरनेट सेवा के निलंबन की अवधि को बुधवार सुबह 11 बजे तक बढ़ा दिया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, भरतपुर के जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने कहा, ‘प्रशासन प्रदर्शनकारियों के साथ लगातार बातचीत कर रहा है. हमने धरना क्षेत्र से करीब 10-20 किलोमीटर पहले हाईवे पर ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया है. प्रदर्शनकारी अपनी आबादी के अनुपात में 12 फीसदी आरक्षण चाहते हैं. अब तक कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है.’

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सैनी, कुशवाहा, माली, मौर्य और शाक्य समुदायों के लोग बड़ी संख्या में विभिन्न जिलों से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए निकले हैं और सरकार द्वारा मांगें नहीं मानी जाने पर रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध कर दिया जाएगा.

प्रदेश आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, ‘हमने 12 जून को राजमार्ग पर अपना विरोध शुरू किया. हमें सरकार से कोई लिखित आश्वासन नहीं मिला है. हमने मांग की है कि सरकार की एक प्रामाणिक समिति हमारे साथ 12 प्रतिशत आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा करे. अगर सरकार ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो हम रेल पटरियों को अवरुद्ध करने के लिए आगे बढ़ेंगे.’

सैनी ने कहा कि समुदायों के लिए उपलब्ध वर्तमान आरक्षण पर्याप्त नहीं है.

सैनी ने भरतपुर के अरोडा गांव के पास विरोध स्थल से कहा, ‘हमारे पास ओबीसी के तहत आरक्षण है, लेकिन राजस्थान में लगभग 80 प्रतिशत माली, सैनी, कुशवाहा, शाक्य और मौर्य समुदाय बीपीएल श्रेणी से हैं. हमारे बच्चों को नौकरी नहीं मिल रही है.’

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत माली समुदाय से हैं. विरोध करने वाले ओबीसी समुदायों की आबादी पूरे राजस्थान में फैली हुई है.

राजस्थान के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने आरक्षण की मांग कर रहे आरक्षण संघर्ष समिति के नेताओं के वार्ता के लिए नहीं पहुंचने पर मंगलवार को कहा कि ताली एक हाथ से नहीं बजती. उन्हें वार्ता के लिए आना चाहिए.

भरतपुर में संभागीय आयुक्त कार्यालय मे संवाददाताओं से बातचीत में सिंह ने कहा, ‘ताली दो हाथ से बजती है. आप ताली एक हाथ से नहीं बजा सकते और वही हाल आज हो रहा है ताली एक हाथ से बजाने की कोशिश हो रही है.’

उन्होंने कहा, ‘सरकार ने अपनी तरफ से प्रयास किए हैं और हम बातचीत के लिए संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल का इंतजार कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘मैं अपील करता हूं कि आप (प्रतिनिधिमंडल) भतरपुर आएं, ताकि आम आदमी को राहत मिल सके और आपकी बात आगे पहुंचाई जा सके. मुझे तो लगता है कि इनमें (आरक्षण संघर्ष समिति में) कोई नेता है ही नहीं. यदि मुरारी सैनी नेता बन रहे हैं तो उन्हे आगे आना चाहिए. दिक्कत कहां है.’

उल्लेखनीय है कि आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी सैनी ने सरकार और प्रशासन से बातचीत के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है.

राजस्थान में 12 प्रतिशत अलग से आरक्षण देने की मांग को लेकर सैनी, माली, कुशवाहा, शाक्य, मौर्य आरक्षण संघर्ष समिति के नेतृत्व में आंदोलन शुरू किया गया है.

समाज के नेताओं का कहना है कि वर्तमान में इन लोगों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में शामिल किया गया है और इस श्रेणी में अन्य जातियों के होने के कारण उनके समाज को फायदा नहीं मिल रहा है.

द हिंदू के मुताबिक, राज्य के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए भरतपुर जिला मुख्यालय में डेरा डाले हुए हैं.

संघर्ष समिति के नेता दिलीप सिंह ने बताया कि 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को मंत्री और संभागीय आयुक्त सांवर मल वर्मा से मिलने भरतपुर गया था, लेकिन पहले दौर की बातचीत का कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला.

इसी बीच पुलिस ने राष्ट्रीय राजमार्ग-21 अवरुद्ध करने के संबंध में मामला दर्ज किया है. स्थिति को नियंत्रण में रखने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राजस्थान सशस्त्र बल और विशेष कार्य बल सहित पर्याप्त बल को विरोध स्थल के पास तैनात किया गया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)