प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों को अगले डेढ़ साल में 10 लाख लोगों की भर्ती करने का निर्देश दिया गया है. राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी नौकरियां बनाने में नहीं, नौकरियों पर ‘न्यूज़’ बनाने में एक्सपर्ट हैं. बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि आम चुनाव से पहले भर्ती की घोषणा, नया चुनावी छलावा तो नहीं है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह घोषणा इसलिए की गई, क्योंकि लोकसभा के अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं.
नई दिल्ली/लखनऊ/हैदराबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों को ‘मिशन मोड’ में काम करते हुए अगले डेढ़ साल में 10 लाख लोगों की भर्ती किए जाने के निर्देश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने मंगलवार को सराहना की, जबकि विपक्षी दलों ने इसे ‘जुमलेबाजी’ करार देते हुए याद दिलाया कि उन्होंने तो हर साल दो करोड़ रोजगार दिए जाने का वादा किया था.
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, मोदी ने सभी सरकारी विभागों एवं मंत्रालयों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा करने के बाद यह निर्देश जारी किया.
पीएमओ ने ट्वीट करके कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने सभी सरकारी विभागों एवं मंत्रालयों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा की और मिशन मोड में अगले डेढ़ साल में 10 लाख लोगों की भर्ती करने का निर्देश दिया.’
PM @narendramodi reviewed the status of Human Resources in all departments and ministries and instructed that recruitment of 10 lakh people be done by the Government in mission mode in next 1.5 years.
— PMO India (@PMOIndia) June 14, 2022
इस घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री द्वारा सभी विभागों और मंत्रालयों में अगले डेढ़ साल के दौरान 10 लाख लोगों की भर्ती करने के लिए दिए गए निर्देश को लेकर मंगलवार को आरोप लगाया कि यह जुमलों की नहीं, बल्कि ‘महा जुमलों’ की सरकार है.
उन्होंने यह दावा भी किया कि जैसे हर साल दो करोड़ नौकरियों का ‘झांसा’ दिया गया, उसी तरह अब 10 लाख सरकारी नौकरियों की बारी है.
कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, ‘जैसे 8 साल पहले युवाओं को हर साल 2 करोड़ नौकरियों का झांसा दिया था, वैसे ही अब 10 लाख सरकारी नौकरियों की बारी है. ये जुमलों की नहीं, ‘महा जुमलों’ की सरकार है.’
जैसे 8 साल पहले युवाओं को हर साल 2 करोड़ नौकरियों का झांसा दिया था, वैसे ही अब 10 लाख सरकारी नौकरियों की बारी है।
ये जुमलों की नहीं, 'महा जुमलों' की सरकार है।
प्रधानमंत्री जी नौकरियां बनाने में नहीं, नौकरियों पर 'News' बनाने में एक्सपर्ट हैं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 14, 2022
राहुल गांधी ने आरोप लगाया, ‘प्रधानमंत्री जी नौकरियां बनाने में नहीं, नौकरियों पर ‘न्यूज’ बनाने में एक्सपर्ट (विशेषज्ञ) हैं.’
राहुल गांधी पार्टी कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर कटाक्ष किया है.
कांग्रेस ने कहा कि हर साल दो करोड़ नौकरी देने का वादा करने के बाद अब सरकार ने वर्ष 2024 तक सिर्फ 10 लाख नौकरी देने की बात की है.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘वादा था दो करोड़ नौकरी हर साल देने का, आठ साल में देनी थीं 16 करोड़ नौकरियां. अब कह रहे हैं साल 2024 तक केवल 10 लाख नौकरी देंगे. 60 लाख पद तो केवल सरकारों में खाली पड़े हैं, 30 लाख पद केंद्र सरकार में खाली पड़े हैं. जुमलेबाजी कब तक?’
वादा था 2 करोड़ नौकरी हर साल देने का,
8 साल में देनी थी 16 करोड़ नौकरियाँ ।अब कह रहे हैं साल 2024 तक केवल 10 लाख नौकरी देंगे।
60 लाख पद तो केवल सरकारों में ख़ाली पड़े हैं,
30 लाख पद केंद्रीय सरकार में ख़ाली पड़े हैं।जुमलेबाज़ी कब तक? pic.twitter.com/GYTbudgWUf
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 14, 2022
आम चुनाव से पहले भर्ती की घोषणा, नया चुनावी छलावा तो नहीं है: मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने केंद्र की भर्ती घोषणा पर सवाल उठाते हुए मंगलवार को पूछा कि यह कहीं नया ‘चुनावी छलावा’ तो नहीं है ?
बसपा नेता ने एक ट्वीट में कहा, ‘केंद्र की गलत नीतियों एवं कार्यशैली के कारण गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी एवं रुपये का अवमूल्यन आदि अपने चरम पर है, जिससे सभी त्रस्त एवं बेचैन हैं. केंद्र ने अब अगले डेढ़ वर्ष में अर्थात लोकसभा आम चुनाव से पहले 10 लाख भर्तियों की घोषणा की है . यह कहीं नया चुनावी छलावा तो नहीं है?’
मायावती ने कहा, ‘साथ ही, अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) एवं अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के इससे कई गुणा अधिक सरकारी पद वर्षों से रिक्त पड़े हैं, जिनको विशेष अभियान चलाकर भरने की मांग बसपा संसद के अंदर एवं बाहर भी लगातार करती रही है. उनके बारे में सरकार चुप है, जबकि यह समाज गरीबी एवं बेरोजगारी आदि से सर्वाधिक दुखी व पीड़ित है.’
2. साथ ही, एससी, एसटी व ओबीसी वर्गों के इससे कई गुणा अधिक सरकारी पद वर्षों से रिक्त पड़े हैं जिनको विशेष अभियान चलाकर भरने की माँग बीएसपी संसद के अन्दर व बाहर भी लगातार करती रही है। उनके बारे में सरकार चुप है जबकि यह समाज गरीबी व बेरोजगारी आदि से सर्वाधिक दुःखी व पीड़ित है। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) June 14, 2022
लोकसभा का अगला चुनाव वर्ष 2024 के अप्रैल-मई महीने में होने की संभावना है.
बहरहाल मालूम हो कि बेरोजगारी के मसले पर विपक्ष की ओर से सरकार की लगातार की जा रही आलोचना के बीच प्रधानमंत्री का यह फैसला आया है. विभिन्न सरकारी क्षेत्रों में खाली पड़े पदों का मुद्दा भी पिछले कुछ समय से सुर्खियों में रहा है.
ओवैसी ने केंद्र से पूछा, 16 करोड़ नौकरियां देने के 2014 के वादे का क्या हुआ
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भर्ती अभियान संबंधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मंगलवार को सवाल किया कि मोदी ने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का 2014 में जो आश्वासन दिया था, उसका क्या हुआ.
ओवैसी ने दावा किया कि गुजरात के भुज में दिए उनके उस भाषण के बाद प्रधानमंत्री ने यह घोषणा की, जिसमें उन्होंने भाजपा नेता और सांसद वरुण गांधी द्वारा उपलब्ध कराए गए रोजगार के आंकड़े साझा किए थे.
ओवैसी ने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री से पूछना चाहते हैं. क्या यह सच नहीं है कि आपने 2014 में देश को आश्वासन दिया था कि आप हर साल दो करोड़ रोजगार देंगे, इसलिए आपको आठ साल में 16 करोड़ नौकरियां प्रदान करनी हैं.’
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘आपने अब घोषणा इसलिए की, क्योंकि लोकसभा के अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. आप हमें बताएं कि 16 करोड़ नौकरियों का क्या हुआ? आपने ये नौकरियां क्यों नहीं दीं?’
ओवैसी ने एक ट्वीट में कहा, ‘2014 से पहले पीएम मोदी ने हर साल 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया? लेकिन 2022 में पीएम मोदी बोल रहे है अगले डेढ़ सालों में सिर्फ 10 लाख नौकरियां देंगे. इससे घिनौना मजाक क्या हो सकता है? आज देश में करोड़ों नौजवान बेरोज़गार हैं और 60 लाख से ज़्यादा पद खाली हैं.’
2014 से पहले PM मोदी ने हर साल 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया लेकिन 2022 में PM मोदी बोल रहे है अगले डेढ़ सालों में सिर्फ़ 10 लाख नौकरियां देंगे। इससे घिनौना मज़ाक़ क्या हो सकता है?
आज देश में करोड़ों नौजवान बेरोज़गार हैं और 60 लाख से ज़्यादा पद खाली हैं। 1/n https://t.co/sjKGMiWnLv
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) June 14, 2022
उन्होंने आगे कहा, ‘इसमें पब्लिक सेक्टर बैंक में तकरीबन 2 लाख, सेंट्रल मिनिस्ट्री एंड डिपार्टमेंट में तकरीबन 9 लाख, डिस्ट्रिक्ट एंड लोअर कोर्ट में तकरीबन 5 हजार, स्टेट पुलिस में 5 लाख से ज्यादा, प्राइमरी स्कूल में 8 से ज़्यादा भर्तियां शामिल हैं.’
सेना भर्ती को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख ने ट्वीट किया, ‘सरकार ने कहा कि 2016-17 और 2018-19 के बीच सेना ने लगभग 1.65 लाख कर्मचारियों की भर्ती की. लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि सेना ने 2016-17 में सिर्फ 54,815, 2017-18 में 52,839 और 2018-19 में 57,266 कर्मचारियों की भर्ती की.’
सरकार ने कहा कि 2016-17 और 2018-19 के बीच सेना ने लगभग 1.65 लाख कर्मियों की भर्ती की। लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि सेना ने 2016-17 में सिर्फ़ 54,815, 2017-18 में 52,839 और 2018-19 में 57,266 कर्मियों की भर्ती की।
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उन्होंने अग्निपथ योजना पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘अग्निपथ भर्ती योजना के तहत भर्तियों की गिनती अब और भी कम करके 45,000 कर दी जाएगी. इसमें से भी 34,000, 4 साल बाद बेरोजगार हो जाएंगे.’
एक जवान जिसने सैन्य रणनीति, विस्फोटकों और हथियारों की ट्रेनिंग ली हो, वो सरकार की नई नीति के तहत 25 साल की उम्र में बेरोजगार हो जाएगा, उसके बाद क्या वह पकोड़े तलेगा या चाय बेचेगा या RSS में भर्ती होगा? n/n
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) June 14, 2022
उन्होंने आगे कहा, ‘एक जवान जिसने सैन्य रणनीति, विस्फोटकों और हथियारों की ट्रेनिंग ली हो, वो सरकार की नई नीति के तहत 25 साल की उम्र में बेरोजगार हो जाएगा, उसके बाद क्या वह पकौड़े तलेगा या चाय बेचेगा या आरएसएस में भर्ती होगा?’
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने एक ट्वीट में कहा कि करोड़ों की संख्या में रोजगार देने के अपने वादे में पूरी तरह विफल साबित होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी यह घोषणा कर रिकॉर्ड बेरोजगारी के मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं.
Having miserably failed in his promise of crores of jobs every year with record high unemployment, Modi now seeks to deflect criticism over his abysmal record by announcing 10 lakh recruitments in "mission mode" in the next year and a half!https://t.co/nP0fBqaUGH
— CPI (M) (@cpimspeak) June 14, 2022
पार्टी नेता सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘2014 में मोदी ने हर साल 2 करोड़ नई नौकरियों का वादा किया था यानी अब तक 16 करोड़. इसके बजाय बेरोजगारी बढ़ी! अब 1.5 साल में 10 लाख सरकारी नौकरियों का एक और झांसा! सबसे पहले केंद्र सरकार के 8,72,243 रिक्त पदों को भरें! मोदी का नवीनतम जुमला.’
In 2014 Modi promised 2 crore new jobs every year- 16 crores by now. Instead unemployment soared!
Now yet another hoax of 10 lakh govt jobs in 1.5 years!
First fill up 8,72,243 vacant central govt posts!
Latest Modi jumla. https://t.co/P65jXaLTO9— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) June 14, 2022
कर्मचारियों की संख्या बनाम पदों की संख्या
वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले व्यय विभाग द्वारा वेतन व भत्तों पर जारी ताजा वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार के कुल नियमित सिविल कर्मचारियों (केंद्र शासित प्रदेशों सहित) की संख्या एक मार्च 2020 की अवधि तक 31.91 लाख थी, जबकि स्वीकृत पदों की कुल संख्या 40.78 लाख थी. इस हिसाब से करीब 21.75 प्रतिशत पद रिक्त थे.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल श्रम शक्ति का करीब 92 प्रतिशत हिस्सा पांच प्रमुख मंत्रालयों या विभागों के अंतर्गत आता है, इनमें रेलवे, रक्षा (सिविल), गृह कार्य, डाक और राजस्व शामिल हैं.
कुल 31.33 लाख पदों की निधार्रित संख्या (संघ शासित प्रदेशों को छोड़कर) में रेलवे की हिस्सेदारी 40.55 प्रतिशत, गृह मामलों की 30.5 प्रतिशत, रक्षा (सिविल) की 12.31 प्रतिशत, डाक की 5.66 प्रतिशत, राजस्व की 3.26 प्रतिशत और अन्य मंत्रालयों व विभागों की 7.72 प्रतिशत है.
संघ शासित प्रदेशों और दूतावासों सहित केंद्र सरकार के नियमित सिविल कर्मचारियों के वेतन व भत्तों पर कुल खर्च (प्रोडक्टिविटी-लिंक्ड बोनस या तदर्थ बोनस, मानदेय, अर्जित छुट्टियों का नकदीकरण और यात्रा भत्ता को छोड़कर) वर्ष 2019-20 में 2,25,744.7 करोड़ रुपये था, जबकि मार्च 2018-19 में यह आंकड़ा 2,08,960.17 करोड़ रुपये था.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय सुरक्षा बलों में कुल स्वीकृत पदों 10.16 लाख के मुकाबले मार्च 2020 में 9.05 लाख कर्मचारी थे.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, विभिन्न विभागों और मंत्रालयों से रिक्त पदों की विस्तृत जानकारी मांगी गई थी, और इसकी पूरी समीक्षा करने के बाद प्रधानमंत्री ने 10 लाख लोगों की भर्ती के निर्देश दिए.
भाजपा नेताओं ने घोषणा की सराहना की
प्रधानमंत्री की घोषणा की जहां विपक्ष ने आलोचना की है, वहीं भाजपा नेताओं ने उनके इस कदम की सराहना की है.
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक ट्वीट में कहा, ‘अगले डेढ़ वर्षों में विभिन्न सरकारी मंत्रालयों और विभागों में 10 लाख लोगों की भर्ती के इस नए मिशन के लिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं.’
We are grateful to our Hon. PM Shri @narendramodi for this new mission of recruiting 10 lakh people into different government departments and ministries in 1.5 years. This shows our government’s emphasis on job creation for our youth and focus on efficient management of workload. pic.twitter.com/6XtdTK4LZm
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 14, 2022
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के फैसले दर्शाते हैं कि उनकी सरकार का जोर युवाओं के लिए रोजगार निर्माण पर है और उसका ध्यान काम के बोझ के प्रभावी प्रबंधन पर है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अगले डेढ़ साल में सभी सरकारी विभागों में ‘मिशन मोड’ पर 10 लाख भर्तियां करने का प्रधानमंत्री मोदी का निर्देश युवाओं में नई उम्मीद और विश्वास लेकर आएगा.
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री देश के उन युवाओं को सशक्त बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं जो नए भारत के आधार हैं.
शाह ने ट्वीट किया, ‘नए भारत का आधार इसकी युवा शक्ति है, उन्हें सशक्त बनाने के लिए मोदी लगातार काम कर रहे हैं. 1.5 साल में सभी सरकारी विभागों और मंत्रालयों में ‘मिशन मोड’ में 10 लाख भर्तियां करने का श्री मोदी का निर्देश युवाओं में नयी उम्मीद और विश्वास लाएगा.’
नए भारत का आधार उसकी युवा शक्ति है, जिसको सशक्त बनाने के लिए मोदी जी निरंतर कार्यरत है।
मोदी जी द्वारा सभी सरकारी विभागों व मंत्रालयों में 1.5 साल में मिशन मोड में 10 लाख भर्ती करने का निर्देश युवाओं में नयी आशा और विश्वास लायेगा।
इसके लिए @narendramodi जी का धन्यवाद करता हूँ। pic.twitter.com/9RdzdTU259
— Amit Shah (@AmitShah) June 14, 2022
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया और साथ ही कहा कि एक करोड़ से अधिक ‘स्वीकृत परंतु रिक्त’ पदों को भरने के लिए भी सार्थक प्रयास किए जाने चाहिए.
बेरोजगार युवाओं की पीड़ा एवं मर्म समझने के लिए धन्यवाद प्रधानमंत्री जी।
नए रोजगार का सृजन करने के साथ साथ हमें 1 करोड़ से अधिक ‘स्वीकृत परंतु रिक्त’ पदों को भरने हेतु सार्थक प्रयास करना होगा।
हर वर्ष 2 करोड़ रोजगार देने का संकल्प पूरा करने के लिए और तेज गति से कदम बढ़ाने होंगे। https://t.co/VVhAC0i63O
— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 14, 2022
पीएमओ के ट्वीट को टैग करते हुए गांधी ने लिखा, ‘बेरोजगार युवाओं की पीड़ा एवं मर्म समझने के लिए धन्यवाद प्रधानमंत्री जी. नए रोजगार का सृजन करने के साथ साथ हमें एक करोड़ से अधिक ‘स्वीकृत परंतु रिक्त’ पदों को भरने हेतु सार्थक प्रयास करना होगा.’
उन्होंने कहा, ‘हर वर्ष दो करोड़ रोजगार देने का संकल्प पूरा करने के लिए और तेज गति से कदम बढ़ाने होंगे.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)