केंद्र सरकार द्वारा रक्षाकर्मियों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना के विभिन्न राज्यों में व्यापक विरोध के बीच विपक्ष ने इस योजना को देश की सुरक्षा और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ बताया है. बिहार में भाजपा की सहयोगी जदयू और पंजाब में भाजपा के साथ जुड़े अमरिंदर सिंह ने भी योजना पर पुनर्विचार की मांग की है.
नई दिल्ली/हैदराबाद/जयपुर/मेरठ/चंडीगढ़: देश भर में रक्षाकर्मियों की भर्ती संबंधी केंद्र की नई ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ प्रदर्शनों के हिंसक हो जाने के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता शरद यादव ने शुक्रवार को कहा कि ‘अग्निपथ’ योजना कोई सुधार नहीं है, बल्कि सशस्त्र बलों में भर्ती की मौजूदा व्यवस्था को ‘नुकसान पहुंचाने का प्रयास’ है.
उन्होंने केंद्र से मांग की कि वह इस पहल पर फिर से विचार करे. यादव ने यह भी चिंता व्यक्त की कि एक सैनिक के रूप में चार साल के कार्यकाल के बाद सशस्त्र बलों से बाहर आने पर हासिल किए गए ‘कौशल के दुरुपयोग’ की अधिक आशंका है.
यादव ने एक बयान में कहा, ‘मेरी राय में यह सुधार नहीं है, बल्कि यह सशस्त्र बलों में भर्ती की मौजूदा व्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश है. मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि सेना में चार साल तक सेवा करने वाले युवा को किसी निजी सुरक्षा एजेंसी में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करने के अलावा कोई सम्मानजनक नौकरी मिलेगी.’
उन्होंने कहा कि सेना में उन्हें जो कौशल मिलेगा, उसका किसी भी निजी कंपनी में काम करने पर कोई फायदा नहीं होगा. यादव ने कहा, ‘सशस्त्र बलों से बाहर आने के बाद कौशल के उपयोग की तुलना में इसके दुरुपयोग की अधिक आशंका हैं.’
यादव ने कहा, ‘जैसा कि मैंने कई पूर्व सैन्यकर्मियों से सुना है कि एक लड़ाकू सैनिक को चार साल में प्रशिक्षित नहीं किया जा सकता है और यह योजना राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करती है. मैं इस तर्क से पूरी तरह सहमत हूं.’
यादव ने तर्क दिया कि चार साल बाद सशस्त्र बलों से युवाओं की छंटनी सुरक्षा समस्या पैदा करेगी. उन्होंने कहा, ‘मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि ये अग्निवीर सशस्त्र बलों से बाहर निकलने के बाद सम्मानजनक नौकरी नहीं मिलने पर अपराध गिरोह और अन्य अवैध गतिविधियों के लालच में नहीं आ सकते हैं.’
उन्होंने कहा कि रक्षा खर्च में बचत के लिए देश की सुरक्षा से समझौता करना हमारे जैसे देश के लिए समझदारी भरा कदम नहीं है.
उन्होंने पूछा, ‘मैं सरकार का ध्यान दिलाना चाहता हूं और सुझाव देना चाहता हूं कि इस अग्निपथ योजना के लिए गहन परामर्श की आवश्यकता है और इसलिए इस योजना पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है, ताकि न केवल देश के युवाओं को आश्वस्त किया जा सके कि आज की सरकार उनके बारे में चिंतित है बल्कि सुरक्षा भी देश की प्राथमिकता बनी हुई है.’
‘अग्निपथ’-विरोधी आंदोलन भारत में बेरोजगारी के संकट को दर्शाता है: तेलंगाना के मंत्री
इस बीच तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी एवं उद्योग मंत्री केटी रामाराव ने शुक्रवार को कहा कि यह आंदोलन देश में बेरोजगारी की समस्या को दर्शाता है.
केटीआर के नाम से जाने जाने वाले रामाराव ने ट्वीट किया, ‘इस ‘अग्निवीर’ योजना के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन देश में बेरोजगारी के संकट की भयावहता को दर्शाते हैं और ये (लोगों की) आंखें खोलते हैं.’
The violent protests against #AgniveerScheme is an eye-opener & acute indicator of the magnitude of unemployment crisis in the country
Pehle Desh ke Kisan Ke Saath खिलवाड़ Aur Ab Desh ke Jawan Ke Saath खिलवाड़
From One Rank – One Pension to proposed No Rank – No Pension!
— KTR (@KTRBRS) June 17, 2022
उन्होंने कहा, ‘पहले देश के किसान के साथ खिलवाड़ और अब अब देश के जवान के साथ खिलवाड़. ‘ ‘एक रैंक-एक पेंशन’ से प्रस्तावित ‘कोई रैंक नहीं-कोई पेंशन नहीं’ तक.’
युवाओं के भविष्य व देश की सुरक्षा से खिलवाड़ है ‘अग्निपथ’: अशोक गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘अग्निपथ’ योजना की आलोचना करते हुए इसे युवाओं के भविष्य व देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करार दिया है.
गहलोत ने केंद्र सरकार से इसे तुरंत वापस लेने व इसका विरोध कर रहे युवाओं से हिंसा से बचने की अपील की.
गहलोत ने बृहस्पतिवार शाम को ट्वीट किया, ‘सेना जैसे संवेदनशील संस्थान में संविदा भर्ती करना अविवेकपूर्ण फैसला है.’
उन्होंने कहा, ‘सेना को अभी तक गैर-राजनीतिक एवं वित्तीय बंधनों से मुक्त रखा गया. एक तरफ तो यह तर्क दिया गया कि सेना में न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) को भी इसलिए ही लागू नहीं किया जिससे सैनिक भविष्य की चिंता किए बगैर अपना योगदान दे सकें. अग्निपथ योजना युवाओं के भविष्य एवं देश की सुरक्षा से खिलवाड़ है.’
मुख्यमंत्री के अनुसार, ‘राजस्थान के हजारों युवा देशसेवा के लिए सेना में भर्ती होते हैं . अग्निपथ योजना से राजस्थान समेत भारत के लाखों युवाओं में रोष एवं नाराजगी है. पूरे देश में जिस तरह युवा आक्रोशित होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उसे देखते हुए इस योजना को केन्द्र सरकार अविलंब वापस लेना चाहिए.’
गहलोत ने युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा,’ मैं युवाओं से अपील करता हूं कि विरोध में हिंसा का रास्ता न अपनाएं.’
‘योजना वापस ली जाए’
इससे पहले विपक्ष ने गुरुवार को अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र पर अपना हमला तेज करते हुए इसे वापस लेने की मांग की.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वे बेरोजगार युवाओं की आवाज सुनें और युवाओं को अग्निपथ पर चलाकर उनके धैर्य की ‘अग्निपरीक्षा’ नहीं लें.
समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस कदम को देश के भविष्य के लिए ‘लापरवाह’ और संभावित रूप से ‘घातक’ बताया.
अखिलेश ने ट्विटर पर लिखा, ‘देश की सुरक्षा कोई अल्पकालिक या अनौपचारिक विषय नहीं है, ये अति गंभीर व दीर्घकालिक नीति की अपेक्षा करती है. सैन्य भर्ती को लेकर जो ख़ानापूर्ति करने वाला लापरवाह रवैया अपनाया जा रहा है, वो देश और देश के युवाओं के भविष्य की रक्षा के लिए घातक साबित होगा. ‘अग्निपथ’ से पथ पर अग्नि न हो.’
देश की सुरक्षा कोई अल्पकालिक या अनौपचारिक विषय नहीं है, ये अति गंभीर व दीर्घकालिक नीति की अपेक्षा करती है। सैन्य भर्ती को लेकर जो ख़ानापूर्ति करनेवाला लापरवाह रवैया अपनाया जा रहा है, वो देश और देश के युवाओं के भविष्य की रक्षा के लिए घातक साबित होगा।
‘अग्निपथ’ से पथ पर अग्नि न हो।— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 16, 2022
उन्होंने आगे लिखा, ‘देश के भावी सैन्य बलों पर बल का दुरुपयोग करके भाजपा सरकार युवाओं का मनोबल गिरा रही है. ‘भारत माता’ का उद्घोष झूठे दिखावे का नहीं; सच्ची देशभक्ति का प्रतीक होना चाहिए. सेना का ठेकेदारीकरण देश और सच्चे देश भक्त युवाओं के लिए विश्वासघात के समान है. फ़ौज आउटसोर्स का विषय नहीं है.’
कांग्रेस ने सरकार से इस योजना पर रोक लगाने, सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करने और गुणवत्ता, कार्यक्षमता और इससे जुड़ी आर्थिक स्थिति का निदान करने की मांग की.
अग्निपथ – नौजवानों ने नकारा
कृषि कानून – किसानों ने नकारा
नोटबंदी – अर्थशास्त्रियों ने नकारा
GST – व्यापारियों ने नकारा
देश की जनता क्या चाहती है, ये बात प्रधानमंत्री नहीं समझते क्यूंकि उन्हें अपने ‘मित्रों’ की आवाज़ के अलावा कुछ सुनाई नहीं देता।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 17, 2022
राहुल गांधी ने हिंदी में एक ट्वीट में इस योजना को लेकर केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा, ‘न कोई रैंक, न कोई पेंशन, न 2 साल से कोई सीधी भर्ती, न 4 साल के बाद स्थिर भविष्य, न सरकार का सेना के प्रति सम्मान. देश के बेरोज़गार युवाओं की आवाज़ सुनिए, इन्हें ‘अग्निपथ’ पर चला कर इनके संयम की ‘अग्निपरीक्षा’ मत लीजिए, प्रधानमंत्री जी.’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बेरोजगार युवाओं की आवाज सुननी चाहिए और उनके संयम की ‘अग्निपरीक्षा’ नहीं लेनी चाहिए.’
अजय माकन, सचिन पायलट और पवन खेड़ा के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि पेंशन बिल पर बचत का घोषित उद्देश्य एक कमजोर तर्क है और इसे संदेह से परे साबित नहीं किया गया है.
उन्होंने दावा किया कि छह महीने के प्रशिक्षण और 42 महीनों की लघुकालीन सेवा की जो व्यवस्था की गई है उससे सैन्य बलों की गुणवत्ता, कार्यक्षमता और निपुणता प्रभावित होगी.
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह योजना विवादित है, इसमें कई जोखिम हैं और सैन्य बलों की पुरानी परिपाटी तथा तानेबाने को भंग करने वाली है. इसकी कोई गारंटी नहीं है कि योजना के तहत भर्ती होने वाले सैनिक बेहतर प्रशिक्षित होंगे और देश की रक्षा के लिए ज्यादा प्रेरित होंगे.’
उन्होंने दावा किया कि छह महीने के प्रशिक्षण और 42 महीनों की लघुकालीन सेवा की जो व्यवस्था की गई है उससे सैन्य बलों की गुणवत्ता, कार्यक्षमता और निपुणता प्रभावित होगी.
चिदंबरम ने प्रशिक्षण की अवधि को लेकर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यह सेना का प्रशिक्षण है, कोई ‘स्काउट’ का प्रशिक्षण नहीं है.
चिदंबरम के अनुसार, ‘कई प्रतिष्ठित रक्षा अधिकारियों ने इसका उल्लेख किया है कि एक सैनिक के लिए जरूरी है कि उसे अपनी यूनिट पर गर्व हो, उसमें देश के लिए बलिदान की भावना हो, जोखिम ले सके और नेतृत्व की क्षमता हो. डर है कि इस योजना के तहत ये सभी लक्ष्य पूरा नहीं होंगे.’
उन्होंने कहा, ‘हमारी सीमाओं की स्थिति को देखते हुए यह जरूरी है कि हमारे सैनिक सही ढंग से प्रशिक्षित हों, प्रेरित हो, खुश रहें, संतुष्ट रहें और अपने भविष्यय को लेकर आश्वस्त रहे. ‘अग्निपथ’ योजना से इनमें किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होती है.’
चिदंबरम ने कहा, ‘हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह इस योजना को रोके और सेवारत एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार विमर्श करे तथा गुणवत्ता, कार्यक्षमता और इससे जुड़ी आर्थिक स्थिति का निदान किया जाए.’
राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने ‘अग्निपथ’ योजना को युवाओं के साथ धोखा करार देते हुए कहा कि इसे बिना-सोचे समझे लाया गया है जिससे सैन्य बलों की क्षमता भी प्रभावित होगी.
यह जो 4 साल का शिगूफा छोड़ा गया है, यह सिर्फ ठंडे छींटे डालने जैसा है।
देश में निवेश नहीं हो रहा, उद्योग नहीं लग रहे, अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है, इसलिए आपने 'कुछ' करने की एक नाकाम कोशिश की है : श्री @SachinPilot #RollBackAgnipathScheme pic.twitter.com/Yppzd2oqEe
— Congress (@INCIndia) June 17, 2022
उन्होंने कहा, ‘सरकार कह रही है कि ‘अग्निवीरों’ को चार साल के बाद पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भर्ती में वरीयता दी जाएगी. इस तरह से बहुत सारे के युवा अवसर से उपेक्षित रह जाएंगे.’
इसी बीच, अग्निपथ योजना के विभिन्न प्रावधानों पर सवाल उठाते हुए भाजपा सांसद वरुण गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लिखे पत्र में कहा कि इससे युवाओं में और अधिक असंतोष पैदा होगा. उन्होंने सरकार से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा.
वहीं, वाम दलों ने यह आरोप लगाते हुए कि यह योजना भारत के राष्ट्रीय हितों के लिए ‘नुकसानदायक’ है, इस योजना को रद्द करने और इसे संसद में चर्चा के लिए लाए जाने की मांग की.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से अपील की कि सरकार युवाओं को सिर्फ चार साल नहीं बल्कि जीवन भर देश की सेवा करने का मौका दे.
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने इस योजना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए इसे ‘ग्रामीण युवाओं के प्रति अनुचित’ करार दिया. उन्होंने केंद्र से अपने फैसले पर तुरंत पुनर्विचार करने का आग्रह किया.
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने कहा कि उन्होंने रक्षा मंत्री को पत्र लिखकर योजना पर पुनर्विचार करने की मांग की है.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, ‘माकपा पोलित ब्यूरो ‘अग्निपथ’ योजना को सिरे से खारिज करता है. यह योजना भारत के राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने वाली है. पेशेवर सशस्त्र बल को ‘चार साल की संविदा पर सैनिकों की भर्ती करके’ तैयार नहीं किया जा सकता.’
Agnipath scheme does disservice to India's national security.
Criminal to ask youth to make supreme sacrifice without any job security.
Strengthen regular army recruitment. https://t.co/MvfGtDlHzj pic.twitter.com/QIqyQgdqC5— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) June 16, 2022
उन्होंने कहा कि ‘अग्निपथ’ योजना को तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद विनय विश्वम ने भी इस योजना का विरोध किया और इसे वापस लेने की मांग की. विश्वम ने यह भी कहा कि इस विषय पर संसद में चर्चा होनी चाहिए.
भाकपा महासचिव डी. राजा ने कहा, ‘इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए. हमारे युवा उचित, सुरक्षित नौकरी के हकदार हैं.’
Finding jobs has become literally a ‘Path of Fire’ under Modi.
Govt is trying to hoodwink the restive youth by #AgnipathScheme. It’ll make our army contract based & jeopardise the future of our youth.
It should be withdrawn immediately! Youth deserve proper, secure jobs! pic.twitter.com/PW9cLHOBzK
— D. Raja (@ComradeDRaja) June 16, 2022
रालोद का धरना-प्रदर्शन का ऐलान
‘अग्निपथ’ योजना के विरोध में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में युवाओं के प्रदर्शन के बीच राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने 18 जून को सेना भर्ती में अग्निपथ योजना एवं व्यापक बेरोजगारी के खिलाफ राज्य के सभी जिलों में धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया है.
पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि पार्टी ने दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी की अगुवाई में 28 जून से 16 जुलाई तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में ‘युवा पंचायतें’ आयोजित करने की घोषणा की है.
अग्निपथ योजना वापस लो!
18 जून 2022,शनिवार को
सेना भर्ती में अग्निपथ योजना एवं व्यापक बेरोजगारी के खिलाफ राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ता सभी जिलों में धरना-प्रदर्शन कर ज्ञापन देंगे।समय- प्रातः 11 बजे
स्थान- जिला मुख्यालय #Agnipath #AgnipathScheme #RLDwithYouth https://t.co/YcBUPkx3Go pic.twitter.com/yrXBptuFxg— Rashtriya Lok Dal (@RLDparty) June 16, 2022
उन्होंने बताया कि इन पंचायतों के माध्यम से अग्निपथ योजना से युवाओं को होने वाले नुकसान के बारे में चर्चा की जाएगी और सरकार पर इसे वापस लेने के लिये दबाव बनाया जाएगा.
वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर अग्निपथ योजना का विरोध किया. उन्होंने ट्वीट में कहा ‘केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना से चार साल बाद सरकारी बेरोजगार अग्निवीरों की फौज तैयार होगी, जो न देशहित में है न समाज हित में. सरकार या तो चार साल बाद अग्निवीरों को बेरोजगारी भत्ता दे या रोजगार की गारंटी.’
अमरिंदर सिंह ने ‘अग्निपथ’ योजना पर पुनर्विचार का सुझाव दिया
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के सहयोगी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को ‘अग्निपथ’ योजना पर पुनर्विचार करने का सुझाव दिया. साथ ही आश्चर्य जताया कि सरकार को इस तरह के ‘मौलिक’ बदलाव करने की जरूरत क्यों पड़ी.
सेना में कप्तान रहे अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘यह लंबे समय से मौजूद रेजिमेंट के विशिष्ट लोकाचार को कमजोर करेगा.’
एक बयान के अनुसार, सिंह ने आश्चर्य जताया कि सरकार को भर्ती नीति में इस तरह के ‘मौलिक बदलाव’ करने की आवश्यकता क्यों पड़ी, जोकि ‘‘इतने सालों से देश के लिए बेहतर तरीके से काम कर रही है.’
अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस राज्य में भाजपा की सहयोगी है. अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘तीन साल की प्रभावी सेवा के साथ चार साल के लिए सैनिकों को भर्ती करना, सैन्य रूप से एक अच्छा विचार नहीं है.’
गौरतलब है कि इस दौरान भाजपा की सहयोगी जद (यू) ने इस योजना पर पुनर्विचार करने की मांग की है.
जद (यू) अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने हिंदी में एक ट्वीट में कहा, ‘अग्निपथ योजना के निर्णय से बिहार सहित देशभर के नौजवानों, युवाओं एवं छात्रों के मन में असंतोष, निराशा व अंधकारमय भविष्य (बेरोजगारी) का डर स्पष्ट दिखने लगा है. केंद्र सरकार को अग्निवीर योजना पर अविलंब पुनर्विचार करना चाहिए क्योंकि यह निर्णय देश की रक्षा व सुरक्षा से भी जुड़ा है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)