केंद्र सरकार की नई अग्निपथ योजना को लेकर जारी देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विवादित कृषि क़ानूनों को वापस लेना पड़ा था, उसी तरह उन्हें ‘अग्निपथ’ योजना को वापस लेना पड़ेगा. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस योजना को ‘दिशाहीन’ बताया है.
नई दिल्ली/लखनऊ: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विवादित कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था, ठीक उसी तरह उन्हें युवाओं की मांग को स्वीकार करना होगा और ‘अग्निपथ’ रक्षा भर्ती योजना को वापस लेना पड़ेगा.
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार लगातार आठ वर्षों से ‘जय जवान, जय किसान’ के मूल्यों का ‘अपमान’ कर रही है.
8 सालों से लगातार भाजपा सरकार ने ‘जय जवान, जय किसान' के मूल्यों का अपमान किया है।
मैंने पहले भी कहा था कि प्रधानमंत्री जी को काले कृषि कानून वापस लेने पड़ेंगे।
ठीक उसी तरह उन्हें ‘माफ़ीवीर' बनकर देश के युवाओं की बात माननी पड़ेगी और 'अग्निपथ' को वापस लेना ही पड़ेगा।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 18, 2022
राहुल ने ट्वीट किया, ‘आठ वर्षों से भाजपा सरकार ने ‘जय जवान, जय किसान’ के मूल्यों का लगातार अपमान किया है. मैंने पहले भी कहा था कि प्रधानमंत्री जी को काले कृषि कानून वापस लेने पड़ेंगे. ठीक उसी तरह उन्हें ‘माफीवीर’ बनकर देश के युवाओं की बात माननी पड़ेगी और ‘अग्निपथ’ को वापस लेना ही पड़ेगा.’
सरकार ने मंगलवार को इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा था कि साढ़े 17 से 21 साल तक की उम्र के युवाओं को संविदा के आधार पर चार साल के कार्यकाल के लिए थल सेना, वायुसेना और नौसेना में भर्ती किया जाएगा. सरकार ने कहा था कि रक्षा जरूरतों के आधार पर 25 प्रतिशत जवानों को नियमित सेवा के लिए बरकरार रखा जाएगा.
‘अग्निपथ’ योजना को लेकर बढ़ते विरोध के मद्देनजर भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा गुरुवार को बढ़ाकर 23 साल कर दी गई थी.
नई भर्ती योजना को सरकार ने तीनों सेनाओं में युवाओं की संख्या बढ़ाने के लिए दशकों पुरानी चयन प्रक्रिया में एक बड़े बदलाव के रूप में पेश किया है. हालांकि देश में व्यापक स्तर पर इसका विरोध जारी है.
इस बीच केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा है कि सीएपीएफ, असम राइफल्स में 10 प्रतिशत रिक्तियां ‘अग्निवीरों’ के लिए आरक्षित होंगी.
सोनिया गांधी ने ‘अग्निपथ’ योजना को ‘दिशाहीन’ बताया
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र की ‘अग्निपथ’ योजना को शनिवार को ‘दिशाहीन’ बताया और कहा कि उनकी पार्टी इसे वापस करवाने के लिए संघर्ष का वादा करती है.
उन्होंने इस योजना का विरोध कर रहे युवाओं से अपनी मांगों के लिए शांतिपूर्ण और अहिंसक ढंग से आंदोलन करने की अपील की.
देश के युवाओं के नाम कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी का संदेश: pic.twitter.com/1Opq35phdn
— Congress (@INCIndia) June 18, 2022
देश के युवाओं के नाम एक संदेश में गांधी ने कहा, ‘मुझे दुख है कि सरकार ने आपकी आवाज को दरकिनार करते हुए ‘सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए नई योजना’ की घोषणा की, जोकि पूरी तरह से दिशाहीन है.’
उनके लिए अपनी पार्टी के समर्थन की घोषणा करते हुए, कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि युवाओं के साथ-साथ, कई पूर्व सैनिकों और रक्षा विशेषज्ञों ने भी इस योजना पर सवाल उठाए हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती हैं और श्वांस नली में संक्रमण और कोविड-19 के बाद की जटिलताओं के लिए उनका उपचार जारी है और वह चिकित्सकों की सघन निगरानी में हैं.
गांधी ने कहा कि वह सेना में लाखों पद खाली होने के बावजूद भर्ती में ‘तीन साल की देरी’ को लेकर युवाओं के दर्द को समझ सकती हैं. उन्होंने कहा, ‘वायुसेना में भर्ती की परीक्षा देकर परिणाम और नियुक्ति का इंतजार कर रहे युवाओं के साथ भी मेरी पूरी सहानुभूति है.’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘कांग्रेस आपके साथ पूरी मजबूती से खड़ी है और इस योजना को वापस करवाने के लिए संघर्ष करने और आपके हितों की रक्षा करने का वादा करती है.’
गांधी ने कहा, ‘हम एक सच्चे देशभक्त की तरह सत्य, अहिंसा, संयम एवं शांति के मार्ग पर चलकर सरकार के सामने अपनी आवाज उठाएंगे. मैं आपसे भी अनुरोध करती हूं कि अपनी जायज मांगों के लिए शांतिपूर्ण एवं अहिंसक ढंग से आंदोलन करें. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आपके साथ है.’
गौरतलब है कि सशस्त्र बलों में भर्ती से संबंधित ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ युवा देशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं. कई जगहों पर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं और उग्र युवकों ने कई जगहों पर ट्रेन में आग लगा दी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है.
अग्निपथ के खिलाफ जंतर मंतर पर सत्याग्रह करेगी कांग्रेस
कांग्रेस के सांसद और नेता सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए पेश की गई ‘अग्निपथ’ योजना का विरोध कर रहे युवाओं के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के वास्ते रविवार सुबह जंतर मंतर पर ‘सत्याग्रह’ करेंगे.
देशभर में युवा इस योजना के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं और कई शहरों व कस्बों से हिंसा की घटनाएं दर्ज की गई हैं.
Delhi | Congress to do a satyagraha tomorrow at Jantar Mantar in solidarity with the youth protesting against #AgnipathRecruitmentScheme. All MPs, CWC members, and AICC office bearers will participate
— ANI (@ANI) June 18, 2022
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस के सांसद, उसकी कार्य समिति के सदस्य और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी 19 जून को सुबह 10 बजे जंतर मंतर पर शुरू होने वाले ‘सत्याग्रह’ में हिस्सा लेंगे.
पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘यह निर्णय इसलिए लिया गया, क्योंकि ‘अग्निपथ’ योजना ने हमारे देश के युवाओं को आक्रोशित कर दिया है और वे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रकट कर रहे हैं. हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनके साथ खड़े रहें.’
देश पर मनमाने तरीके से लिए गए फैसले थोपे जा रहे: अखिलेश यादव
इस बीच समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि देश पर मनमाने तरीके से लिए गए फैसले थोपे जा रहे हैं, जिससे देश की ऊर्जा और जनशक्ति बर्बाद हो रही है.
राय
सलाह
मंत्रणा
सम्मति
मशवरा
परामर्श
विचार-विमर्श
संयुक्त निर्णय
सामूहिक बैठकये लोकतांत्रिक शब्द भाजपाई शब्दकोश में नहीं हैं।तभी बार-बार देश पर मनमानी भरे फ़ैसले थोपे जा रहे हैं,जिससे देश की ऊर्जा व जनशक्ति सरकार की जनविरोधी नीतियों व योजनाओं के विरोध में ही बर्बाद हो रही है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 18, 2022
अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘राय, सलाह, मंत्रणा, सम्मति, परामर्श, विचार-विमर्श, संयुक्त निर्णय और सामूहिक बैठक. ये लोकतांत्रिक शब्द भाजपाई शब्दकोश में नहीं हैं. तभी बार-बार देश पर मनमाने तरीके से किये गये फैसले थोपे जा रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि देश की ऊर्जा और जनशक्ति सरकार की जनविरोधी नीतियों व योजनाओं के विरोध में बर्बाद हो रही है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)