राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में अपना नाम वापस लेने वाले फ़ारूक़ अब्दुल्ला दूसरे नेता हैं. इससे पहले राकांपा प्रमुख शरद पवार ने उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया था. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है. राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होगा. मतगणना 21 जुलाई को होगी.
श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में अपना नाम वापस लेते हुए कहा कि वह ‘बेहद महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहे जम्मू कश्मीर’ का रास्ता तय करने में अपनी भूमिका निभाना चाहेंगे.
हालांकि, उन्होंने अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए उनका नाम का प्रस्तावित करने को लेकर विपक्ष के नेताओं को धन्यवाद दिया.
नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा जारी बयान के अनुसार, लोकसभा सदस्य ने कहा कि भारत के राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त विपक्ष के संभावित उम्मीदवार के रूप में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा उनका नाम प्रस्तावित किए जाने पर वह सम्मानित महसूस कर रहे हैं.
अब्दुल्ला ने एक बयान में कहा, ‘ममता दीदी द्वारा मेरे नाम का प्रस्ताव रखे जाने के बाद मुझे विपक्ष के कई नेताओं का कॉल आया और वे उम्मीदवार के रूप में मेरे नाम का समर्थन कर रहे हैं.’
नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख ने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और परिवार के सदस्यों के साथ इस ‘अप्रत्याशित’ घटनाक्रम पर चर्चा की.
उन्होंने कहा, ‘मुझे जो समर्थन मिला है, उससे मैं बहुत खुश हूं और सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि देश के सर्वोच्च पद के लिए मेरे नाम पर विचार किया गया. मेरा मानना है कि जम्मू कश्मीर इस समय बहुत महत्वपूर्ण समय से गुजर रहा है और इन अनिश्चित समय में उसे मेरे प्रयासों की जरूरत है.’
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि ‘सक्रिय राजनीति में अभी उन्हें बहुत कुछ करना है और वह जम्मू कश्मीर तथा देश की सेवा में अभी बहुत कुछ करना चाहते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘इसलिए मैं विचारार्थ अपने नाम को पूरे सम्मान के साथ वापस लेना चाहता हूं तथा मैं संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार का समर्थन करूंगा.’
राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में अपना नाम वापस लेने वाले फारूक अब्दुल्ला दूसरे राजनीतिक नेता हैं. इससे पहले राकांपा प्रमुख शरद पवार ने उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया था.
बीते 15 जून को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में कई दलों के नेताओं ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार को संयुक्त विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था.
सूत्रों के मुताबिक, पवार द्वारा प्रस्ताव को ठुकराए जाने के बाद विपक्ष के संभावित उम्मीदवार के रूप में वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी के नाम भी सामने आए थे.
राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार उतारने पर आम सहमति बनाने के लिए बनर्जी द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की दिल्ली में हुई इस बैठक में कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), राकांपा और समाजवादी पार्टी (सपा) सहित करीब 17 राजनीतिक दलों के नेता शरीक हुए थे.
राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया बीते 15 जून से शुरू हो गई, जो 29 जून तक चलेगी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है. राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होगा. मतगणना 21 जुलाई को होगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)