भीड़ हिंसा: सुरक्षा न मिल पाने के कारण मोहम्मद अख़लाक़ की बेटी की अदालत में गवाही टली

उत्तर प्रदेश में गौतम बौद्ध नगर ज़िले के दादरी क्षेत्र के बिसाहड़ा गांव निवासी 52 वर्षीय मोहम्मद अख़लाक़ की 28 सितंबर 2015 को भीड़ द्वारा गोकशी का आरोप लगाकर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना में उनके बेटे भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे. अख़लाक़ की बेटी शाइस्ता मामले में चश्मदीद गवाह हैं.

मोहम्मद अखलाक. (फोटो: पीटीआई)

उत्तर प्रदेश में गौतम बौद्ध नगर ज़िले के दादरी क्षेत्र के बिसाहड़ा गांव निवासी 52 वर्षीय मोहम्मद अख़लाक़ की 28 सितंबर 2015 को भीड़ द्वारा गोकशी का आरोप लगाकर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना में उनके बेटे भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे. अख़लाक़ की बेटी शाइस्ता मामले में चश्मदीद गवाह हैं.

मोहम्मद अखलाक. (फोटो: पीटीआई)

नोएडा: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) जिले के जारचा थाना क्षेत्र स्थित बिसाहड़ा गांव में वर्ष 2015 में भीड़ द्वारा गोकशी का आरोप लगाकर मोहम्मद अखलाक नामक व्यक्ति की कथित तौर पर पीट-पीटकर की गई हत्या के मामले में शुक्रवार को उनकी बेटी शाइस्ता की गवाही दर्ज नहीं हो सकी.

अखलाक के परिवार का प्रतिनिधित्व कर रहे यूसुफ सैफी ने कहा कि अखलाक की बेटी शाइस्ता शुक्रवार (17 जून) कोसूरजपुर में जिला एवं सत्र न्यायालय में जस्टिस अनिल कुमार सिंह के समक्ष पेश नहीं हो सकीं, क्योंकि उनके लिए पुलिस सुरक्षा नहीं मिल पाई थी.

उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी शुक्रवार को कानून व्यवस्था की ड्यूटी में लगे हुए थे.

उन्होंने बताया कि शाइस्ता का फास्ट ट्रैक कोर्ट के अपर जिला जज अनिल कुमार सिंह की अदालत में बयान दर्ज होना था.

सैफी ने कहा, ‘शाइस्ता ने 14 जून को अपना बयान दर्ज कराया था. उन्हें आज अपने बयान की रिकॉर्डिंग जारी रखनी थी. हालांकि उचित सुरक्षा की अनुपलब्धता के कारण वह अदालत नहीं जा सकीं, जिसके बाद अदालत ने अगली तारीख सोमवार (20 जून) को तय की है.’

शाइस्ता इस मामले में चश्मदीद गवाह हैं.

उन्होंने बताया कि शाइस्ता ने अपनी गवाही में कुछ और लोगों के नाम भी लिए हैं. अदालत उन नामों पर अब विचार कर रही है.

गौरतलब है कि गौतम बौद्ध नगर में दादरी क्षेत्र के बिसाहड़ा गांव निवासी 52 वर्षीय मोहम्मद अखलाक की 28 सितंबर 2015 को भीड़ द्वारा गोकशी का आरोप लगाकर कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना में उनके बेटे भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

एक बार सभी गवाहों के बयान दर्ज हो जाने के बाद सात साल पुराने इस मामले में सुनवाई साक्ष्य के चरण (Evidence Stage) में चली जाएगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)