जम्मू कश्मीर: सब-इंस्पेक्टर की हत्या, महीने भर में तीन पुलिसकर्मी आतंकियों का निशाना बने

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, दक्षिण कश्मीर ज़िले के पंपोर इलाके के संबूरा निवासी फ़ारूक़ अहमद मीर की शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात आतंकवादियों ने गोली मारकर तब हत्या कर दी, जब वे अपने धान के खेत में काम करने के लिए घर से निकले थे. वह आईआरपी 23वीं बटालियन में तैनात थे.

Pulwama: People gather for the funeral procession at the house of a police officer Farooq Ahmad Mir, who was killed by militants, at Samboora Pampore in Pulwama, Saturday, June 18, 2022. Photo: PTI

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, दक्षिण कश्मीर ज़िले के पंपोर इलाके के संबूरा निवासी फ़ारूक़ अहमद मीर की शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात आतंकवादियों ने गोली मारकर तब हत्या कर दी, जब वे अपने धान के खेत में काम करने के लिए घर से निकले थे. वह आईआरपी 23वीं बटालियन में तैनात थे.

पुलवामा में पुलिस अधिकारी फ़ारूक़ अहमद मीर के घर पर उनके अंतिम संस्कार के लिए जुटे लोग. (फोटो: पीटीआई)

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकवादियों ने शनिवार को एक और पुलिस अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी. अधिकारियों ने बताया कि सब-इंस्पेक्टर फारूक अहमद मीर का शव उनके घर के पास धान के खेत में मिला.

अधिकारियों के मुताबिक, दक्षिण कश्मीर जिले के पंपोर इलाके के संबूरा निवासी मीर की शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी.

कश्मीर जोन की पुलिस ने ट्वीट किया, ‘संबूरा के फारूक अहमद मीर आईआरपी 23वीं बटालियन में तैनात थे. मीर का शव उनके घर के पास धान के खेत में मिला है. प्रारंभिक जांच से पता चला है कि वह शुक्रवार शाम धान के खेत में काम करने के लिए घर से निकले थे, जहां आतंकवादियों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी.’

न्यूज 18 के मुताबिक, महीने भर के भीतर किसी पुलिस अधिकारी की यह तीसरी हत्या है. 24 मई को श्रीनगर के बाहरी इलाके सौरा में संदिग्ध आतंकियों ने एक पुलिस कॉन्स्टेबल सैफुल्ला कादरी (45 वर्ष) की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसमें उसकी नौ साल की बेटी घायल हो गई थी.

13 मई को पुलवामा जिले में आतंकवादियों ने एक पुलिसकर्मी की उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी. इनकी पहचान कॉन्स्टेबल रेयाज अहमद ठाकोर के रूप में हुई थी.

यह घटना 12 मई की उस घटना के ठीक एक दिन बाद हुई थी, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों ने बडगाम के एक भीड़ भरे सरकारी कार्यालय में एक कश्मीरी पंडित कर्मचारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

बहरहाल, किसी भी आतंकी समूह ने हालिया घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है.

मालूम हो कि कश्मीर घाटी में इस साल जनवरी से अब तक अल्पसंख्यक समुदाय के पुलिस अधिकारियों, शिक्षकों, सरपंचों और आम नागरिकों सहित कम से कम 16 हत्याएं (Targeted Killings) हुई हैं.

बीते 12 मई को जम्मू कश्मीर के राजस्व विभाग के एक कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी राहुल भट, जो पीएम पुनर्वास पैकेज के तहत काम कर रहे थे, की बडगाम जिले के चदूरा स्थित तहसील कार्यालय के अंदर गोली मार हत्या दी गई थी, जिसका समुदाय के लोगों ने व्यापक विरोध किया था.

25 मई को बडगाम जिले के चदूरा में ही 35 वर्षीय कश्मीरी टीवी अभिनेत्री अमरीन भट की उनके घर के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बीते 31 मई  को कुलगाम के गोपालपोरा के एक सरकारी स्कूल की शिक्षक रजनी बाला की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

इसके बाद दो जून को कुलगाम के इलाकाई देहाती बैंक के कर्मचारी विजय कुमार को आतंकियों ने गोली मारी और इसी शाम बडगाम में दो प्रवासी मजदूर आतंकियों की गोली का निशाना बने.

इस बीच, भारतीय बलों का दावा है कि उन्होंने इस साल कश्मीर में कम से कम 110 आतंकियों को मार गिराया है, जो पिछले साल की समान अवधि में मारे गए आतंकियों की संख्या का दोगुना है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)