केंद्र की मोदी सरकार ने दशकों पुरानी प्रक्रिया में बदलाव करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में भर्ती संबंधी अग्निपथ नामक योजना की बीते 14 जून को घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती सिर्फ़ चार साल की कम अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी. इस योजना के विरोध में देश के विभिन्न हिस्सों में युवा प्रदर्शन कर रहे हैं.
नई दिल्ली/लखनऊ/रांची/जम्मू: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाई गई संविदा आधारित अल्पकालिक सैन्यभर्ती योजना ‘अग्निपथ’ को वापस लिए जाने की मांग को लेकर बीते 14 मई से जारी प्रदर्शनों के बीच सोमवार को राष्ट्रव्यापी भारत बंद का आह्वान किया गया था.
पिछले कुछ दिनों में प्रदर्शनों के दौरान उत्तर प्रदेश और बिहार में छात्रों का प्रदर्शन उग्र हो गया था और इसे देखते हुए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. देश के कुछ हिस्सों में बड़ी संख्या में पुलिस और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है.
भारत बंद के आह्वान से पहले अग्निपथ योजना, जिसमें भर्ती होने के चार साल बाद 75 प्रतिशत सैनिकों को रोजगार के स्पष्ट रास्ते के बिना रिटायर कर दिया जाएगा, सरकार ने 35 वॉट्सऐप समूहों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो कथित तौर पर फर्जी खबरें फैला रहे थे.
सरकार ने इन समूहों के बारे में या इनके एडमिनिस्ट्रेटर के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू की गई है, की जानकारी नहीं दी है.
सोमवार को भारत बंद के आह्वान को देखते हुए 500 से ज्यादा ट्रेनें रद्द कर दी गई. भारतीय रेलवे की ओर से कहा गया है कि अग्निपथ योजना के खिलाफ आंदोलन के कारण सोमवार को 208 मेल एक्सप्रेस और 379 पैसेंजर ट्रेनों सहित 595 से अधिक ट्रेनें रद्द और 4 मेल एक्सप्रेस और 6 यात्री ट्रेनें आंशिक रूप से रद्द रहीं.
Over 595 trains including 208 mail express and 379 passenger trains cancelled and 4 mail express and 6 passenger trains partially cancelled today due to agitations against #AgnipathScheme: Indian Railways
— ANI (@ANI) June 20, 2022
युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ट्रेन रोकी, कई हिरासत में लिए गए
कांग्रेस की युवा इकाई भारतीय युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अग्निपथ योजना और राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ के विरोध में सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में कनॉट प्लेस के निकट शिवाजी ब्रिज रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन को रोक दिया.
सूत्रों ने बताया कि पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने रेल पटरी को खाली कराया और करीब आधे घंटे बाद ट्रेन की आवाजाही फिर से शुरू हुई.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 16 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया . इससे पूर्व पुलिसकर्मियों ने उन्हें रेल पटरी और स्टेशन से हटाने की कोशिश भी की.
युवा कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, ‘दिल्ली के शिवाजी ब्रिज रेलवे स्टेशन पर युवा कांग्रेस के साथियों ने अग्निपथ योजना के खिलाफ रोकी ट्रेन. अग्निपथ स्कीम के खिलाफ देशभर के युवाओं ने भारत बंद का आह्वान किया है. हम देश के युवाओं के साथ हैं. सरकार मनमानी करते हुए कोई भी फैसला नहीं ले सकती.’
युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार को अग्निवीर योजना को वापस लेने की जरूरत है. युवा कांग्रेस इस देश में बेरोजगार युवाओं के लिए लड़ेगी जो देश की सेवा करना चाहते हैं.’
युवा कांग्रेस सदस्यों ने पास स्थित कनॉट प्लेस में भी विरोध प्रदर्शन किया.
आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त एपी जोशिया ने कहा कि भारत बंद के आह्वान के बीच लोगों और रेलवे की संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया. ट्रेन की आवाजाही बाधित नहीं. यात्री आराम से प्रस्थान कर आ रहे हैं.
Delhi | Amid calls over Bharat Bandh, security arrangements strengthened at Nizamuddin Railway station to ensure safety of people, & Railway property. Train movements not disrupted… Passengers are comfortably departing & arriving:AP Joshiya, Assistant Security Commissioner, RPF pic.twitter.com/G2ARJgnpZB
— ANI (@ANI) June 20, 2022
एनडीटीवी ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि सुरक्षा बलों द्वारा की जा रही जांच के कारण दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेसवे पर यातायात बाधित हुआ.
सरहौल बॉर्डर के पास एक्सप्रेस-वे पर सोमवार को गाड़ियों की लंबी कतारें दिखीं, क्योंकि दिल्ली पुलिस कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से पहले हर वाहन की जांच कर रही है. यह जाम सोमवार सुबह साढ़े आठ बजे लगना शुरू हुआ और धीरे-धीरे बढ़ता चला गया.
हरियाणा में सशस्त्र बलों के उम्मीदवारों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और इस योजना को वापस लेने की मांग की.
फतेहाबाद में युवाओं के एक समूह ने लाल बत्ती चौक को अवरुद्ध कर दिया, जबकि कई अन्य ने रोहतक जिले में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया.
किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए हरियाणा के अंबाला, रेवाड़ी और सोनीपत और पंजाब के लुधियाना, जालंधर और अमृतसर सहित रेलवे स्टेशनों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था.
पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) ने रविवार को राज्य के सभी पुलिस आयुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को भेजे पत्र में कहा था कि केंद्र सरकार के विभागों के कार्यालयों और प्रतिष्ठानों को कड़ी सुरक्षा की जरूरत है, जबकि अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के आसपास सुरक्षा बढ़ाए जाने की जरूरत है.
केरल पुलिस ने कहा है कि भारत बंद के दौरान हिंसा या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए उसका पूरा बल ड्यूटी रहा.
राज्य पुलिस मीडिया सेंटर द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य पुलिस प्रमुख (एसपीसी) अनिल कांत ने कर्मचारियों को जनता के खिलाफ हिंसा को रोकने के साथ-साथ व्यवसायों को जबरन बंद करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे.
मालूम हो कि17 जून को संगठनों ने अग्निपथ योजना को वापस नहीं लेने पर देशव्यापी हड़ताल का आह्वान करते हुए सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया था.
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सेना भर्ती कार्मिक मोर्चा के संयोजक राजू यादव, अगिऑव विधानसभा क्षेत्र से वाम दल के विधायक और आईएनएयूएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज मंजिल, पालीगंज के विधायक और आइसा बिहार इकाई के सचिव संदीप सौरव, डुमरांव के विधायक अजीत कुशवाहा, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) से जुड़े हुए आफताब आलम, विकास यादव और इंकलाबी नौजवान सभा (INAUS) से जुड़े कई अन्य लोगों ने केंद्र सरकार को अग्निपथ योजना को वापस लेने का अल्टीमेटम दिया है.
उत्तर प्रदेश के गौतम बौद्ध नगर नोएडा में प्रशासन ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू कर दी थी. ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेस वे पर जेवर टोल प्लाजा पर शुक्रवार को हुए हिंसक प्रदर्शन के सिलसिले में अब तक 225 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और 15 को गिरफ्तार किया गया है.
समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में ट्रेनें रद्द कर दी गईं. इसके अनुसार, भारत बंद के आह्वान के बीच ट्रेनें रद्द होने से गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर यात्री परेशान रहे. उन्हें 3-4 घंटे से तक ट्रेन का इंतजार करना पड़ा.
UP | Passengers at Gorakhpur Railway Station troubled after trains got cancelled amid Bharat Bandh call over #AgnipathScheme
Have been waiting for 3-4 hours. When we checked train status last night,it didn't say cancellation, but on reaching here we found out about it, they say pic.twitter.com/bAL6DPkH0D
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 20, 2022
उनका कहना है कि कल रात जब हमने ट्रेन का स्टेटस चेक किया तो उसमें कैंसिलेशन नहीं लिखा था, लेकिन यहां पहुंचने पर हमें इसके बारे में पता चला.
आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त एपी जोशिया ने कहा कि भारत बंद के आह्वान के बीच लोगों और रेलवे की संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया. ट्रेन की आवाजाही बाधित नहीं. यात्री आराम से प्रस्थान कर आ रहे हैं.
बिहार में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
बिहार की राजधानी पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा, ‘हमने भारत बंद को देखते हुए पूरी तैयारी कर ली थी. शांति है और भारत बंद का कोई असर नहीं है. अगर कोई सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़/आगजनी करने की कोशिश करता है तो उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. लोग शांतिपूर्ण विरोध कर सकते हैं.’
Violence that happened at Danapur & Masaurhi railway stations is unfortunate. We've registered 12 FIRs & arrested 190 people. We're identifying people on the basis of video footage. Involvement of 6 coaching institutes was found.We'll take strict action: Patna DM#AgnipathScheme pic.twitter.com/HU38AxISJn
— ANI (@ANI) June 20, 2022
उन्होंने आगे कहा कि बीते दिनों दानापुर और मसूरी रेलवे स्टेशनों पर हुई हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है. हमने 12 एफआईआर दर्ज की हैं और 190 लोगों को गिरफ्तार किया है. हम वीडियो फुटेज के आधार पर लोगों की पहचान कर रहे हैं. छह कोचिंग संस्थानों की संलिप्तता पाई गई है. हम कड़ी कार्रवाई करेंगे.
झारखंड में पांच हजार सुरक्षाकर्मी तैनात, स्कूल बंद
भारत बंद के मद्देनजर सोमवार को झारखंड में पांच हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया और राज्य भर में स्कूल बंद रहे.
झारखंड पुलिस के प्रवक्ता और आईजी (अभियान) अमोल वी. होमकर ने बताया कि अब तक राज्य में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है.
राजधानी रांची, जमशेदपुर, पलामू और अन्य जगहों पर दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले रहे.
होमकर ने कहा कि राज्य की राजधानी रांची और प्रमुख प्रतिष्ठानों सहित पूरे राज्य में आरएएफ, आरपीएफ और सीआरपीएफ के पांच हजार से ज़्यादा कर्मचारियों को तैनात किया गया है.
रांची रेलवे स्टेशन पर भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं.
होमकर ने कहा, ‘विरोध को देखते हुए रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की दो बटालियन, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की छह बटालियन और सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) की 24 बटालियन को तैनात किया गया है. अभी तक किसी तरह की हिंसा की खबर नहीं है.’
स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव राजेश कुमार शर्मा ने कहा कि बंद के मद्देनजर सरकारी और निजी स्कूल बंद हैं और नौवीं और 11वीं कक्षाओं की रद्द की गई परीक्षाओं की नई तारीखों की घोषणा जल्द ही की जाएगी.
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि गोरखपुर-हटिया-मौर्य एक्सप्रेस, चोपन-रांची एक्सप्रेस, हटिया-पूर्णिया कोर्ट एक्सप्रेस और रांची-पटना जन शताब्दी एक्सप्रेस सहित कई ट्रेन आज के लिए रद्द कर दी गईं.
पलामू संभाग के आयुक्त जेएस चौधरी ने कहा कि प्रदर्शन के मद्देनजर सीआरपीएफ की कई बटालियन को संभाग में तैनात किया गया है और बल को मेदिनीनगर, हरिहरगंज, लातेहार, बालूमठ, गढ़वा और रंका में मुस्तैद रहने को कहा गया है.
कोडरमा में सुरक्षा बलों ने फ्लैग मार्च किया जबकि लोहरदगा में लंबी दूरी की बसें और मालवाहक वाहन नहीं चले.
इस बीच झारखंड कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार सशस्त्र बलों की नौकरियों का ‘व्यवसायीकरण’ करने पर आमादा है, जबकि देश के युवा सेवा की भावना और राष्ट्र के प्रति लगाव से इस पेशे को अपनाने की इच्छा रखते हैं.
पुलिस का दावा- उत्तर प्रदेश में ‘भारत बंद’ का कोई असर नहीं, अब तक 475 गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोमवार को दावा किया कि ‘भारत बंद’ के आह्वान का राज्य में जनसामान्य पर कोई असर नहीं पड़ा है और इस योजना के विरोध में राज्य में प्रदर्शन और हिंसक घटनाओं में अब तक कुल 39 मुकदमे दर्ज किए गए हैं तथा 475 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने सोमवार को बताया कि राज्य में अब तक कुल 39 मामले दर्ज किए गए हैं और कुल 475 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 330 को योजना के विरोध प्रदर्शन में गंभीर धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस के अनुसार, अब तक कुल 39 अभियोग (एफआईआर) पंजीकृत करते हुए 330 अराजक तत्वों को गंभीर धाराओं में गिरफ्तार किया गया है तथा सीआरपीसी की धारा 151 (किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 151 के तहत संदिग्ध व्यक्तियों की गिरफ्तारी की जाती है) के तहत 145 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया.
Protests against #AgnipathScheme | 39 FIRs registered and 330 hooligans arrested so far across Uttar Pradesh. Stringent action under Section 151 CrPC taken against 145 protesters
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 20, 2022
प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशांत कुमार ने कहा कि राज्य में सिविल पुलिस के अलावा 141 कंपनी पीएसी और दस कंपनी केंद्रीय पुलिस बल को तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है और स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है.
पुलिस मुख्यालय से जारी एक बयान के अनुसार सोशल मीडिया पर अग्निपथ योजना के विरोध में सोमवार को ‘भारत बंद’ के आह्वान संबंधी मैसेज वायरल हुए थे, जिसकी किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली थी, इसको ध्यान में रखते हुए पुलिस सुबह से ही कानून-व्यवस्था कायम करने के लिए सक्रिय थी.
बयान में कहा गया कि इस ‘भारत बंद’ के आह्वान का कोई असर जनसामान्य पर नहीं पड़ा है. पुलिस की सक्रियता के कारण सभी प्रतिष्ठान और बाजार रोज की भांति खुले रहे.
पुलिस के अनुसार, ‘अग्निपथ’ योजना के विरोध में किए जा रहे प्रदर्शनों में जब तक प्रतियोगी छात्रों की सहभागिता रही, तब तक पुलिस द्वारा संवेदनशील रूप से यथोचित व्यवहार किया गया, लेकिन कुछ स्थानों पर अराजक तत्वों द्वारा कानून व्यवस्था को प्रभावित किए जाने के बाद संगीन धाराओं में अराजक तत्वों के खिलाफ मुकदमे कायम किए गए और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया.
एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि भर्तियों के संबंध में जो कोचिंग संचालक हैं, उन्हें सूचीबद्ध किया गया है और उनसे भी सहायता अपेक्षित है तथा बहुत से कोचिंग संचालकों ने पुलिस की मदद के लिए छात्रों से अपील की है.
उन्होंने चेतावनी दी कि जो कोचिंग संचालक लड़कों को भड़का रहे हैं, उनको गिरफ्तार किया जाएगा और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि जो कोई भी हिंसा में लिप्त पाया जाएगा या युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान की भरपाई उनसे ही की जाएगी.
अधिकारी ने कहा कि यूपी सरकार और पुलिस को यह विश्वास है कि जो योजना लाई गई है वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और इसे लागू करने के लिए पूरे मनोयोग से प्रयत्न किया जा रहा है.
रविवार को गृह विभाग की ओर से जारी बयान के मुताबिक प्रदेश में अग्निपथ योजना के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों के मामले में राज्य के 14 जिलों में कुल 34 मुकदमे दर्ज कर 387 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. यूपी के विभिन्न जिलों में 16 जून को अग्निपथ योजना के विरोध की शुरुआत हुई थी.
जम्मू में ‘अग्निपथ’ के खिलाफ प्रदर्शन, कई हिरासत में
‘अग्निपथ’ योजना को वापस लेने की मांग को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) सहित कई अन्य दलों व संगठनों के सदस्यों ने सोमवार को जम्मू में प्रदर्शन किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि प्रदर्शन के दौरान राजमार्ग को बाधित करने पर पुलिस को कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेना पड़ा.
देश के कुछ हिस्सों में भारत बंद के आह्वान के मद्देनजर पुलिस ने शहर भर में सुरक्षा बढ़ा दी थी और कानून-व्यवस्था की स्थिति को बाधित करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी जारी की थी.
उदय छिब के नेतृत्व में युवा कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता शहर में एकत्रित हुए और अग्निपथ के खिलाफ रैली निकाली, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. पुलिस ने छिब सहित एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया.
एक अन्य प्रदर्शन में ‘आप’ कार्यकर्ताओं ने ज्वेल चौक इलाके में रैली निकाली और उन्हें भी हिरासत में ले लिया गया.
सरकार पर निशाना साधते हुए छिब ने आरोप लगाया कि अग्निपथ योजना का मकसद उन भारतीय युवाओं के भविष्य को बर्बाद करना है, जो सशस्त्र बलों में सेवा देने की ख्वाहिश रखते हैं. उन्होंने इस योजना को तत्काल रद्द करने की मांग भी की.
छिब ने कहा, ‘युवाओं के लिए चार साल की नौकरी की नीति लाना न सिर्फ उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है, बल्कि सशस्त्र बलों का अपमान करने और उनके स्तर को घटाने जैसा भी है.’
‘आप’ कार्यकर्ताओं ने भी सरकार विरोधी नारे लगाए और योजना को वापस लिए जाने की मांग की.
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, संसद में बिना किसी चर्चा या बहस के और सार्वजनिक मंच पर सूचना दिए बगैर सरकार द्वारा युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने के लिए योजना लाई गई. यह भाजपा सरकार के अहंकार को दर्शाता है.
जम्मू-कश्मीर के कठुआ, सांबा, रियासी और राजौरी जिलों में भी विरोध प्रदर्शन हुए. हालांकि, पुलिस ने कहा कि केंद्र-शासित प्रदेश में कहीं से भी हिंसा की कोई खबर नहीं है.
अग्निपथ योजना और विरोध
केंद्र सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी अग्निपथ नामक योजना की बीते 14 जून को घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती सिर्फ चार साल की कम अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी.
योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे. योजना के तहत 17.5 साल से 21 साल तक के युवाओं को चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा और उनमें से 25 फीसदी सैनिकों को अगले 15 और साल के लिए सेना में रखा जाएगा.
हालांकि बाद में सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा को बढ़ाकर 23 साल कर दिया. इस नई योजना के तहत भर्ती रंगरूटों को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा.
मालूम हो कि अग्निपथ योजना के तहत रोजगार के पहले वर्ष में एक ‘अग्निवीर’ का मासिक वेतन 30,000 रुपये होगा, लेकिन हाथ में केवल 21,000 रुपये ही आएंगे. हर महीने 9,000 रुपये सरकार के एक कोष में जाएंगे, जिसमें सरकार भी अपनी ओर से समान राशि डालेगी.
इसके बाद दूसरे, तीसरे और चौथे वर्ष में मासिक वेतन 33,000 रुपये, 36,500 रुपये और 40,000 रुपये होगा. प्रत्येक ‘अग्निवीर’ को ‘सेवा निधि पैकेज’ के रूप में 11.71 लाख रुपये की राशि मिलेगी और इस पर आयकर से छूट मिलेगी.
यह भर्ती ‘अखिल भारतीय, अखिल वर्ग’ के आधार पर की जाएगी. इससे उन कई रेजींमेंट की संरचना में बदलाव आएगा, जो विशिष्ट क्षेत्रों से भर्ती करने के अलावा राजपूतों, जाटों और सिखों जैसे समुदायों के युवाओं की भर्ती करती हैं.
सशस्त्र बलों द्वारा समय-समय पर घोषित की गई संगठनात्मक आवश्यकता और सेना की नीतियों के आधार पर चार साल की सेवा पूरी होने पर ‘अग्निवीर’ को सशस्त्र बलों में स्थायी नामांकन के लिए आवेदन करने का अवसर प्रदान किया जाएगा.
बताया जा रहा है कि इस योजना का मकसद रक्षा विभाग के बढ़ते वेतन और पेंशन खर्च को कम करना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक में योजना को मंजूरी मिलने के थोड़ी ही देर बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मीडिया को नई पहल के बारे में पूरा ब्योरा उपलब्ध कराया.
अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद पिछले चार दिन से बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और तेलंगाना समेत अनेक राज्यों में उग्र प्रदर्शन के बाद रविवार को तुलनात्मक शांति देखी गई, जबकि कई जगहों पर शांतिपूर्ण आंदोलन हुए.
इस दौरान बीते 17 जून को तेलंगाना के सिकंदराबाद स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आरपीएफ द्वारा की गई फायरिंग में एक 24 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी. हिंसा के दौरान किसी की मौत का यह पहला मामला है. मृत युवक की पहचान वारंगल जिले के दबीरपेट गांव के रहने वाले 24 वर्षीय राकेश के रूप में हुई है.
विरोध प्रदर्शनों को विफल करने के प्रयास के तहत सेना ने बीते रविवार को घोषणा की है कि नई भर्ती योजना के लिए आवेदकों को इस प्रतिज्ञा के साथ एक शपथ-पत्र देना होगा कि उन्होंने किसी भी आगजनी या आंदोलन में भाग नहीं लिया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)