महाराष्ट्र में सियासी संकट, विधायकों के साथ गुजरात पहुंचे शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे

गुजरात के सूरत में एक होटल में कुछ विधायकों के साथ रह रहे मंत्री एकनाथ शिंदे को शिवसेना ने विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है. वहीं, शिंदे ने बयान जारी करके कहा है कि वह कभी भी सत्ता के लिए धोखा नहीं देंगे और बाल ठाकरे से मिली सीख को नहीं छोड़ेंगे. इस बीच, महाराष्ट्र की एमवीए सरकार में सहयोगी एनसीपी के शरद पवार ने इसे भाजपा द्वारा सरकार गिराने की कोशिश क़रार दिया है.

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Thane: Policemen stand guard outside the residence of Shiv Sena leader Eknath Shinde, amid speculations of him joining BJP along with other Shiv Sena MLAs, in Thane, Tuesday, June 21, 2022

गुजरात के सूरत में एक होटल में कुछ विधायकों के साथ रह रहे मंत्री एकनाथ शिंदे को शिवसेना ने विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है. वहीं, शिंदे ने बयान जारी करके कहा है कि वह कभी भी सत्ता के लिए धोखा नहीं देंगे और बाल ठाकरे से मिली सीख को नहीं छोड़ेंगे. इस बीच, महाराष्ट्र की एमवीए सरकार में सहयोगी एनसीपी के शरद पवार ने इसे भाजपा द्वारा सरकार गिराने की कोशिश क़रार दिया है.

एकनाथ शिंदे. (फोटो साभार: फेसबुक)

मुंबई/सूरत: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार संकट में नजर आ रही है, क्योंकि शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे और कुछ विधायक एकांतवास में चले गए हैं. खबरों के मुताबिक, वे भाजपा शासित गुजरात में सूरत के एक होटल में विधायकों के साथ हैं.

एक दिन पहले संपन्न विधान परिषद चुनाव में ‘क्रॉस-वोटिंग’ होने की आशंकाओं के बीच उनके इस कदम से राज्य में सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी (एवीए) सरकार की स्थिरता सवालों के घेरे में आ गई है.

हालांकि, शिंदे ने फिलहाल अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है. इस बीच, महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने महाराष्ट्र के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम से उनकी पार्टी का कोई भी संबंध होने से इनकार किया है. हालांकि, उन्होंने कहा है कि अगर शिंदे सरकार बनाने का प्रस्ताव लेकर आते हैं तो भाजपा इस पर जरूर विचार करेगी.

वहीं, दिल्ली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में तीसरी बार सरकार गिराने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह शिवसेना का आंतरिक मामला है और उद्धव ठाकरे स्थिति को संभाल लेंगे.

इस बीच लोगों की नजरें अब राजधानी मुंबई से करीब 280 किमी दूर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित गुजरात में सूरत के एक लग्जरी होटल पर टिक गई हैं जहां शिवसेना के असंतुष्ट मंत्री एकनाथ शिंदे और पार्टी के कुछ बागी विधायक ठहरे हुए हैं.

मंगलवार को सुबह से ही होटल की सुरक्षा सख्त कर दी गई और करीब 400 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. इसके साथ ही होटल छावनी में परिवर्तित हो गया है.

होटल में पहले से ठहरे मेहमान एक-एक कर जा रहे हैं. वहीं, सूत्रों ने बताया कि शहर के डुमास रोड स्थित होटल ने अनिश्चितकाल के लिए नई बुकिंग बंद कर दी है.

इस बीच, उत्तर महाराष्ट्र में जलगांव से भाजपा विधायक संजय कुटे दोपहर में अपनी कार से होटल पहुंचे और उन्हें वहां ठहरे शिवसेना नेताओं से मिलने के लिए अंदर जाने दिया गया.

शिवसेना के प्रमुख नेता शिंदे और अन्य विधायकों के सोमवार रात यहां आने के बाद 300 से 400 पुलिसकर्मियों ने होटल परिसर के अंदर और बाहर मोर्चा संभाल लिया. उन्होंने किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को होटल के अंदर प्रवेश करने से रोकने के लिए प्रवेश और निकास दोनों स्थानों पर बैरिकेड लगा दिए.

होटल के अंदर उस मंजिल पर भी पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, जहां विधायक ठहरे हुए हैं. सुबह से ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी यहां का दौरा कर रहे हैं. उन्हें तैनात पुलिसकर्मियों को आवश्यक निर्देश देते देखा गया. किसी भी बाहरी व्यक्ति या आगंतुक को होटल परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है और कर्मचारियों को उनके पहचान पत्र (आईडी) की जांच और संबंधित अधिकारियों से अनुमति के बाद ही अंदर जाने की अनुमति है. कैमरामैन और पत्रकारों का एक बड़ा समूह होटल के बाहर डेरा डाले हुए है.

इस नाटकीय घटनाक्रम के बीच एकनाथ शिंदे का भी बयान आया है और उन्होंने कहा है कि वह कभी भी सत्ता के लिए धोखा नहीं देंगे और बाल ठाकरे से मिली सीखों को नहीं छोड़ेंगे.

शिंदे ने मराठी में ट्वीट किया, ‘हम बालासाहेब के कट्टर शिवसैनिक हैं, जिन्होंने हमें हिंदुत्व का पाठ पढ़ाया. हम कभी भी सत्ता के लिए धोखा नहीं देंगे और सत्ता के लिए बालासाहेब एवं आनंद दीघे से मिली सीखों को कभी नहीं छोड़ेंगे.’

शिंदे की वजह से महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट पैदा होने के बीच यह उनकी पहली प्रतिक्रिया थी. दिवंगत दीघे ठाणे से शिवसेना के दिग्गज नेता और शिंदे के राजनीतिक गुरु थे.

वहीं, प्रतिक्रिया में शिवसेना की ओर से महाराष्ट्र विधानसभा में विधायक दल के नेता पद से एकनाथ शिंदे को हटा दिया गया है.

राउत ने संवाददाताओं से कहा कि शिंदे की जगह अजय चौधरी को विधानसभा में शिवसेना का विधायक दल का नेता बनाया गया है.

राउत ने कहा, ‘शिंदे को महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया गया है.’

इस बीच, शिवसेना नेता मिलिंद नरवेकर और रवि पाठक सूरत के ले मेरिडियन होटल में पहुंचे हैं.

बता दें कि महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 106, शिवसेना के 55, राकांपा के 53, कांग्रेस के 44, बहुजन विकास अघाड़ी के तीन और समाजवादी पार्टी, एआईएमआईएम व प्रहार जनशक्ति पार्टी के दो-दो विधायक हैं.

वहीं, मनसे, माकपा, पीडब्ल्यूपी, स्वाभिमानी पक्ष, राष्ट्रीय समाज पार्टी, जन स्वराज्य शक्ति पार्टी और क्रांतिकारी शेतकारी पक्ष के पास राज्य की विधानसभा में एक-एक विधायक हैं. महाराष्ट्र विधानसभा में निर्दलीय विधायकों की संख्या 13 है.

एमवीए के अन्य घटक दलों, राकांपा और कांग्रेस के नेताओं ने हालांकि दावा किया कि राज्य सरकार की स्थिरता पर कोई खतरा नहीं मंडरा रहा है.

वहीं, शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि शिंदे से संपर्क हो गया है. उन्होंने शिंदे को ‘बालासाहेब ठाकरे के वफादार शिवसैनिक’ के रूप में वर्णित किया.

शिंदे और शिवसेना के कुछ अन्य विधायकों के अचानक गायब हो जाने के बाद उद्धव को मुंबई में अपने आधिकारिक आ‍वास ‘वर्षा’ पर पार्टी नेताओं तथा विधायकों की आपात बैठक बुलानी पड़ी.

शिंदे के साथ डेरा डालने वाले विधायकों की संख्या अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन शिवसेना का उसके कई विधायकों से संपर्क टूट गया है.

वरिष्ठ राकांपा नेता और राज्य सरकार में मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि उनकी पार्टी के विधायक स्थिर हैं.

भुजबल और महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता नाना पटोले ने एमवीए सरकार को किसी तरह का खतरा होने की आशंकाओं को खारिज किया.

वहीं, कांग्रेस के मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा कि उनकी पार्टी शिवसेना के घटनाक्रमों पर करीबी नजर रख रही है और उन्होंने मुख्यमंत्री से बात की है तथा जरूरत पड़ी तो एमवीए की बैठक भी की जाएगी.

थोराट ने बताया कि कांग्रेस के सभी विधायकों से फिलहाल मुंबई में ही रहने के लिए कहा गया है.

विधान परिषद चुनाव में एमवीए को झटका लगने के कुछ घंटों बाद यह घटनाक्रम हुआ है, जिसके नतीजे सोमवार रात घोषित किए गए थे.

चुनाव में भाजपा ने उन पांचों सीटों पर विजय हासिल की, जिन पर उसने किस्मत आजमाई थी, जबकि उसके पास महज चार उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए जरूरी वोट थे. शिवसेना और राकांपा के खाते में दो-दो सीटें गईं. वहीं, कांग्रेस के दो उम्मीदवारों में से एक को हार का सामना करना पड़ा.

शिवसेना के एक नेता ने बताया कि शिंदे सोमवार शाम करीब पांच बजे तक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ विधान भवन में मौजूद थे.

उन्होंने बताया कि पार्टी नेतृत्व से कथित तौर पर नाखुश शिवसेना विधायक सोमवार रात सूरत पहुंचे थे और वे ली मेरिडियन होटल में ठहरे हुए हैं.

एक सूत्र ने कहा, ‘महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना के कुछ विधायक सूरत के एक होटल में हैं.’  उसने बताया कि होटल के बाहर भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है.

शिवसेना सांसद संजय राउत ने माना कि शिंदे मुंबई में नहीं है, लेकिन उनसे संपर्क स्थापित कर लिया गया है.

कांग्रेस के एक मंत्री ने कहा कि शिंदे बीते एक हफ्ते से बेचैन हैं और दावा किया कि वह उपमुख्यमंत्री का पद चाहते हैं.

शिवसेना नीत एमवीए सरकार में वरिष्ठ मंत्री शिंदे मुंबई के उपनगरों में अच्छा-खासा प्रभाव रखते हैं. इस बीच, पुलिस ने ठाणे स्थित उनके निजी आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी है.

ठाणे स्थित एकनाथ शिंदे के आवास पर मंगलवार 21 जून को पुलिस की तैनाती कर दी गई. (फोटो: पीटीआई)

उधर, राउत ने राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान और मध्य प्रदेश की तरह महाराष्ट्र में एमवीए सरकार को गिराने की भाजपा की कोशिशें कामयाब नहीं हो सकेंगी.

इस बीच, भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल ने कहा, ‘शिंदे वाले घटनाक्रम से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है. हालांकि, अगर भाजपा को शिंदे से सरकार बनाने का कोई प्रस्ताव मिलता है तो हम यकीनन उस पर गंभीरता से विचार करेंगे. आखिरकार, हमने पहले भी साथ काम किया है, इसलिए उनके साथ काम करना और सरकार चलाना काफी आसान होगा.’

पाटिल ने यह भी दावा किया कि शिवसेना और भाजपा के बीच तल्ख रिश्तों के लिए पूरी तरह से राउत जिम्मेदार हैं.

भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ‘वह (राउत) राज्य को भी काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं… और वह किसी और की तरफ से ऐसा कर रहे हैं.’

बता दें कि मुख्यमंत्री पद साझा करने के मुद्दे को लेकर 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना ने अपने दीर्घकालिक सहयोगी भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ लिया था. शिवसेना ने तब राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर राज्य में सरकार का गठन किया था.

इस पूरे प्रकरण के बीच महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाले केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के राज्यसभा सदस्य नारायण राणे ने शिंदे का समर्थन किया.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘बहुत बढ़िया एकनाथ जी. आपने उचित समय पर उचित निर्णय लिया है. नहीं तो जल्द ही आपका भी आनंद दीघे जैसा हश्र हो सकता था.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)