भाजपा के संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा की गई. निर्वाचित होने पर वे आदिवासी समुदाय से ताल्लुक़ रखने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति होंगी.
नई दिल्ली: झारखंड की पूर्व राज्यपाल और आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू (64) आगामी राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार होंगी. भाजपा की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था, संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने उनकी उम्मीदवारी की घोषणा की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित संसदीय बोर्ड के अन्य सदस्य संसदीय बोर्ड की बैठक में शामिल हुए.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, नड्डा ने कहा, ‘सत्ताधारी दल ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर आम सहमति बनाने के प्रयास किए लेकिन चर्चा में कोई सहमति नहीं बनी. यूपीए ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. हमने अपने सहयोगियों के साथ इस पर चर्चा की है. लगभग 20 नामों पर विचार किया गया.’
उन्होंने कहा, ‘अपने सहयोगियों के साथ बात करने के बाद हमने पूर्व से एक महिला उम्मीदवार को नामित करने का फैसला किया है, जो एक आदिवासी समुदाय से भी है.’
उन्होंने कहा कि मुर्मू इस पद के लिए चुने जाने के बाद पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी. नड्डा ने मुर्मू की पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन से तुलना की. उन्होंने कहा, ‘राधाकृष्णन की तरह उनका जीवन भी शिक्षा से घनिष्ठ रूप से जुड़ा रहा है. वह पेशे से शिक्षिका थीं.’
पार्टी सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री का विश्वास हासिल करने वाली मुर्मू नेतृत्व की पहली पसंद थीं. संयोग से उनके नाम को 2017 में राष्ट्रपति पद के दावेदार के रूप में राउंड किया था- लेकिन भाजपा ने अंततः रामनाथ कोविंद को नामित किया था.
राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों की ओर से संयुक्त उम्मीदवार के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारा गया है.
मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है. विपक्षी उम्मीदवार के रूप में सिन्हा के नाम की घोषणा के बाद अगले राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए 18 जुलाई को मतदान होना अब तय माना जा रहा है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया जारी है. 29 जून नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है.
गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव में संख्या बल के आधार पर भाजपा नीत राजग मजबूत स्थिति में है और उसे यदि बीजद या आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस जैसे दलों का समर्थन मिल जाता है तो उसकी जीत निश्चित हो जाएगी.
द्रौपदी मुर्मू: ओडिशा सरकार में कनिष्ठ सहायक से लेकर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार तक
ओडिशा में सिंचाई और बिजली विभाग में एक कनिष्ठ सहायक से लेकर भाजपा के नेतृत्व वाले राजग की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार नामित होने तक का सफर आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू के लिए बेहद लंबा और मुश्किल सफर रहा है.
निर्वाचित होने पर मुर्मू आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति होंगी.
संथाल समुदाय में जन्मीं मुर्मू ने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत में एक पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और वह वर्ष 2000 में ओडिशा सरकार में मंत्री बनीं. बाद में उन्होंने 2015 में झारखंड के राज्यपाल पद की जिम्मेदारी भी संभाली.
रायरंगपुर से दो बार विधायक रहीं मुर्मू ने 2009 में तब भी अपनी विधानसभा सीट पर कब्जा जमाया था, जब बीजद ने राज्य के चुनावों से कुछ हफ्ते पहले भाजपा से नाता तोड़ लिया था, जिसमें मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजद ने जीत दर्ज की थी.
बीस जून 1958 को जन्मीं मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनने का गौरव भी रखती हैं.
बेहद पिछड़े और दूरदराज के जिले से ताल्लुक रखने वालीं मुर्मू ने गरीबी और अन्य समस्याओं से जुझते हुए भुवनेश्वर के रमादेवी महिला कॉलेज से कला में स्नातक किया और ओडिशा सरकार के सिंचाई और बिजली विभाग में एक कनिष्ठ सहायक के रूप में अपना करिअर शुरू किया था.
मुर्मू को 2007 में ओडिशा विधानसभा द्वारा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उनके पास ओडिशा सरकार में परिवहन, वाणिज्य, मत्स्य पालन और पशुपालन जैसे मंत्रालयों को संभालने का अनुभव है.
मुर्मू भाजपा की ओडिशा इकाई की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष और बाद में अध्यक्ष भी रहीं. उन्हें 2013 में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी (एसटी मोर्चा) के सदस्य के रूप में भी नामित किया गया था.
मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ और दंपती के तीन संतान- दो बेटे और एक बेटी हुईं. मुर्मू का जीवन व्यक्तिगत त्रासदियों से भरा रहा है क्योंकि उन्होंने अपने पति और दोनो बेटों को खो दिया है.
द्रौपदी मुर्मू को केंद्र ने ‘जेड प्लस’ सुरक्षा मुहैया कराई
केंद्र ने राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों से लैस ‘जेड प्लस’ सुरक्षा प्रदान की है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सशस्त्र दस्ते ने बुधवार तड़के मुर्मू की सुरक्षा का जिम्मा संभाल लिया.
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति उम्मीदवार की घोषणा के तुरंत बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ को मुर्मू की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने के लिए अपने ‘वीआईपी’ सुरक्षा दल को तैनात करने का निर्देश दिया था.
द्रौपदी मुर्मू देश की एक महान राष्ट्रपति होंगी: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार के रूप में झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा के बाद मंगलवार को कहा कि उन्हें समृद्ध प्रशासनिक अनुभव है और राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल भी उत्कृष्ट रहा है.
मोदी ने उम्मीद जताई कि वह देश की एक महान राष्ट्रपति साबित होंगी.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘लाखों लोग, जिन्होंने गरीबी का अनुभव किया है और जीवन में कठिनाइयों का सामना किया है, वे द्रौपदी मुर्मू के जीवन से शक्ति प्राप्त करते हैं. नीतिगत मुद्दों पर उनकी समझ और उनकी दयालु प्रवृत्ति से देश को बहुत फायदा होगा.’
Millions of people, especially those who have experienced poverty and faced hardships, derive great strength from the life of Smt. Droupadi Murmu Ji. Her understanding of policy matters and compassionate nature will greatly benefit our country.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 21, 2022
मोदी ने कहा, ‘द्रौपदी मुर्मू ने समाज की सेवा और गरीबों, वंचितों और शोषितों के सशक्तिकरण में अपना जीवन खपा दिया. उनके पास समृद्ध प्रशासनिक अनुभव है और राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल भी उत्कृष्ट रहा. मुझे विश्वास है कि वह हमारे देश की एक महान राष्ट्रपति साबित होंगी.’
वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनाया जाना आदिवासी गौरव को नई ऊंचाई पर ले जाएगा.
अमित शाह ने मंगलवार को झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव के लिए राजग की उम्मीदवार घोषित किए जाने के फैसले की सराहना की और कहा कि यह कदम आदिवासी गौरव को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का काम करेगा.
शाह ने कई ट्वीट करके कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए मुर्मू की उम्मीदवारी की घोषणा महिलाओं और आदिवासियों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अटूट संकल्प का प्रतिबिंब है.
उन्होंने कहा, ‘आज देश के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण क्षण है, जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व व जेपी नड्डा की अध्यक्षता में राजग ने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के तौर पर द्रौपदी मुर्मू जी के नाम की घोषणा की है.’
शाह ने कहा, ‘द्रौपदी मुर्मू जी ने जनजातीय समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने व जनप्रतिनिधि के रूप में लम्बे समय तक जनसेवा करते हुए सार्वजनिक जीवन में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है. इस गरिमामई पद की प्रत्याशी बनने पर उनको शुभकामनाएं देता हूं व मुझे विश्वास है कि वो निश्चित रूप से जीतेंगी.’
नवीन पटनायक ने कहा- ओडिशा के लिए गर्व का क्षण है
बीजू जनता दल प्रमुख एवं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने द्रौपदी मुर्मू को भाजपा नीत राजग द्वारा राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनाए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मंगलवार को कहा कि यह उनके राज्य के लोगों के लिए गर्व का क्षण है.
पटनायक ने मुर्मू को उनकी उम्मीदवारी पर बधाई देते हुए ट्वीट किया, ‘माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मेरे साथ इस पर चर्चा की तो मुझे खुशी हुई. यह वास्तव में ओडिशा के लोगों के लिए गर्व का क्षण है.’
पटनायक ने कहा कि उन्हें यकीन है कि मुर्मू देश में महिला सशक्तिकरण के लिए एक उदाहरण स्थापित करेंगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)