पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान में पाकिस्तान की सीमा के पास एक ग्रामीण पर्वतीय क्षेत्र में आए 6.1 तीव्रता वाले भूकंप से हुए विनाश का दायरा बढ़ सकता है. फिलहाल भूकंप से 1,500 से अधिक लोगों के घायल होने की सूचना है. भूकंप का केंद्र अफ़गानिस्तान के पक्तिका प्रांत में खोस्त शहर से क़रीब 50 किमी. दक्षिण-पश्चिम में था. भारत ने अफ़ग़ानिस्तान के लोगों को सहायता एवं समर्थन देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है.
काबुल/इस्लामाबाद/नई दिल्ली: पूर्वी अफगानिस्तान में बुधवार तड़के आए भूकंप में 1,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 1,500 से अधिक लोगों के घायल होने की सूचना है. अधिकारियों ने आशंका जताई कि मृतक संख्या और बढ़ सकती है.
देश की सरकारी समाचार एजेंसी (बख़्तर) ने एक खबर में यह जानकारी दी. देश में दशकों में आया यह सर्वाधिक विनाशकारी भूकंप है.
पाकिस्तान की सीमा के पास एक ग्रामीण पर्वतीय क्षेत्र में आए 6.1 तीव्रता वाले भूकंप से हुए नुकसान के बारे में फिलहाल अधिक विवरण प्राप्त नहीं हो सका है, लेकिन इतने शक्तिशाली भूकंप से दूर-दराज के इलाकों में गंभीर नुकसान होता है, जहां घर और अन्य इमारतें अधिक मजबूत नहीं बनी हुई हैं और भूस्खलन होना आम बात है.
विशेषज्ञों ने भूकंप के केंद्र की गहराई महज 10 किमी बताई है, जो इससे हुए विनाश का दायरा बढ़ा सकता है.
यह आपदा देश पर ऐसे समय में आई है, जब अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान के देश को अपने नियंत्रण में लेने के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अफगानिस्तान से दूरी बना ली है. इस स्थिति के कारण 3.8 करोड़ की आबादी वाले देश में बचाव अभियान को अंजाम देना काफी मुश्किल भरा होने का अंदेशा है.
د #پکتیکا په ګیان او برمل ولسوالیو کې په بېګانۍ زلزله کې سلګونه کسان له خاورو لاندې شوي او سلګونه کورونه ویجاړ شوي دي.
سیمې ته د #اسلامي_امارت ځواکونه او ولسي خلک رسېدلي چې له خاورو لاندې شوي خلک راوباسي. pic.twitter.com/y15yocWLVJ— Bakhtar News Agency (@bnapashto) June 22, 2022
इस आपदा ने तालिबान नीत सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती पेश की है, जिसने पिछले साल सत्ता पर कब्जा कर लिया था.
बचावकर्मी हेलीकॉप्टर से मौके पर पहुंचे, लेकिन कई अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों के अफगानिस्तान से चले जाने के कारण इसमें दिक्कत आने की संभावना है.
अफगानिस्तान में सर्वश्रेष्ठ परिस्थितियों में भी ग्रामीण इलाकों में पहुंचने में मुश्किल होती है और भूकंप से पर्वतीय क्षेत्र की सड़कों को काफी नुकसान पहुंचा है.
इन परिस्थितियों के मद्देनजर तालिबान सरकार के एक अधिकारी ने अंतरराष्ट्रीय मदद मांगी है.
अफगानिस्तान की आपात सेवा के अधिकारी सराफुद्दीन मुस्लिम ने कहा, ‘किसी देश में जब इस तरह की कोई बड़ी आपदा आती है, तब अन्य देशों की मदद की जरूरत पड़ती है.’
पड़ोसी देश पाकिस्तान के मौसम विभाग ने कहा कि भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में खोस्त शहर से करीब 50 किमी दक्षिण-पश्चिम में था.
#BREAKING;
More than 1000 people were killed and over 1500 others injured in Tuesday night’s #earthquake in #Gayan and #Barmal district of #Paktika province alone, Head of Information and Culture Department of the province told BNA.
The death toll is likely to rise, he added. pic.twitter.com/mI8HZy6SFX— Bakhtar News Agency (@bnapashto) June 22, 2022
खोस्त प्रांत में इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है. भूकंप के झटके 375 किमी दूर पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में भी महसूस किए गए.
पक्तिका से प्राप्त फुटेज में यह देखा जा सकता है कि लोग कंबल में लपेट कर घायलों को हेलीकॉप्टर तक पहुंचा रहे हैं. अन्य का इलाज जमीन पर किया जा रहा है.
बख्तर समाचार एजेंसी ने मृतक संख्या (1,000) बताई है, यह 2002 में उत्तरी अफगानिस्तान में आए भूकंप के बराबर है.
आंतरिक मंत्रालय के अधिकारी सलाहुद्दीन अयूबी ने कहा कि अधिकांश मौतों की पुष्टि पूर्वी अफगान प्रांत पक्तिका में हुई, जहां 255 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक घायल हुए थे. उन्होंने कहा कि खोस्त प्रांत में 25 लोग मारे गए और 90 को अस्पताल ले जाया गया.
अधिकारियों का बचाव अभियान जारी है. घायलों तक पहुंचने और चिकित्सा आपूर्ति और भोजन लेने के लिए हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. यूरोपीय भूकंपीय एजेंसी ‘यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंप केंद्र’ (ईएमएससी) ने ट्विटर पर कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और भारत में लगभग 11 करोड़ 90 लाख लोगों ने झटके महसूस किए.
अफगानिस्तान के उत्तर-पूर्वी इलाके और उत्तरी पाकिस्तान में 2015 में आए भूकंप में 200 से अधिक लोग मारे गए थे. वहीं, 1998 में अफगानिस्तान के उत्तर-पूर्वी इलाके में 6.1 की तीव्रता वाले भूकंप में कम से कम 4,500 लोग मारे गए थे.
अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण के भूकंप विज्ञानी रॉबर्ट सेंडर्स ने कहा कि विश्व के ज्यादातर स्थानों पर इतनी तीव्रता के भूकंप से काफी तबाही होती है.
उन्होंने कहा, ‘पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण भूस्खलन भी होने की आशंका है जिसके बारे में खबर आने तक हम कुछ नहीं कह सकते. पुरानी इमारतों के ढहने की आशंका है.’
तालिबान अब भी सरकार के मंत्रालयों को पुनगर्ठित करने की कोशिश कर रहा है और फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि अधिकारी सरकारी समाचार एजेंसी द्वारा बताई गई इतनी अधिक मृतक संख्या तक कैसे पहुंचे.
काबुल में प्रधानमंत्री मोहम्मद हसन अखुंद ने पक्तिका और खोस्त में भूकंप पीड़ितों के लिए राहत कोशिशों में समन्वय के वास्ते राष्ट्रपति भवन में एक आपात बैठक बुलाई है.
तालिबान सरकार के उप-प्रवक्ता बिलाल करीमी ने ट्विटर के जरिये इलाके में बचाव दल भेजने की सहायता एजेंसियों से अनुरोध किया.
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के समन्वयक रमीज अकबारोव ने ट्वीट किया, ‘सहायता पहुंचने को है.’
पिछले साल काबुल की सत्ता पर तालिबान के कब्जा कर लेने के बाद कई अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों और देश के सबसे लंबे युद्ध से अमेरिकी सैनिकों के वापस चले जाने के बाद बचाव अभियान में मुश्किलें आने की संभावना है.
पिछले साल तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा करने के बाद से उसने काबुल और देश के अन्य स्थानों पर हवाईअड्डों को फिर से शुरू करने के लिए काम किया है, लेकिन लगभग सभी अंतराष्ट्रीय एयरलाइन अब भी अफगानिस्तान के लिए उड़ान भरने से कतराती हैं.
साथ ही, राहत सहायता एजेंसियों के द्वारा तालिबान सरकार के खजाने में धन डालने के प्रति अनिच्छुक रहने से सहायता सामग्री एवं उपकरण भेजने में दिक्कत होगी.
बख़्तर समाचार एजेंसी के महानिदेशक अब्दुल वाहिद रयान ने ट्विटर पर बताया कि पक्तिका में 90 मकान नष्ट हो गए हैं और दर्जनों लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है. उन्होंने बताया कि अफगान रेड क्रीसेंट सोसाइटी ने करीब 4,000 कंबल, 800 तंबू और 800 किचन किट प्रभावित इलाकों को भेजी हैं.
अफगानिस्तान में अब भी संचालित हो रही इतालवी मेडिकल सहायता समूह ‘इमरजेंसी’ ने बताया कि उसने सात एंबुलेंस और चिकित्सा कर्मी भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में भेजे हैं.
अफगानिस्तान में इमरजेंसी के ‘कंट्री डायरेक्टर’ स्तेफानो सोजा ने कहा, ‘यह आशंका है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि कई लोग ध्वस्त हो गए भवनों के मलबे में दबे होंगे.’
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बयान में भूकंप से मची तबाही पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उनका देश अफगानिस्तान के लोगों को सहायता प्रदान करेगा.
वेटिकन में पोप फ्रांसिस ने भूकंप में मारे गए लोगों और घायलों के लिए प्रार्थना की.
यूरोपीय भूकंप विज्ञान एजेंसी के अनुसार, भूकंप के झटके 500 किमी से अधिक क्षेत्र में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत में महसूस किए गए.
अफगानिस्तान का पर्वतीय क्षेत्र और हिंदुकुश पर्वत से लगे दक्षिण एशिया के क्षेत्र लंबे समय से विनाशकारी भूकंप का सामना कर रहे है.
पाकिस्तान के कई हिस्सों में 6.1 तीव्रता के भूकंप के झटके, एक व्यक्ति की मौत
इधर, पाकिस्तान के कई हिस्सों में बीती रात 6.1 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए जिससे खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में एक व्यक्ति की मौत हो गई. स्थानीय मीडिया ने यह जानकरी दी.
पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (पीएमडी) के अनुसार, भूकंप अफगानिस्तान में खोस्त से 44 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में 50.8 किलोमीटर की गहराई पर केंद्रित था. भूकंप देर रात स्थानीय समयानुसार एक बजकर 54 मिनट पर आया.
पेशावर, इस्लामाबाद, लाहौर के साथ ही पंजाब और खैबर-पख्तूनख्वा के अन्य हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए.
खैबर-पख्तूनख्वा में भूकंप के झटके की वजह से एक घर की छत गिरने से एक व्यक्ति की मौत होने की खबर है.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने पुलिस के हवाले से कहा कि छत गिरने से स्थानीय फुटबॉल टीम के सदस्य लक्की मारवात की मौत हो गई, जो अपने घर में सोए हुए थे.
भूकंप के झटकों से दहशत फैल गई और लोग जान बचाने के लिए खुले स्थानों की ओर भागने लगे.
पाकिस्तान भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है और अक्सर यहां भूकंप आता रहता है. एक सप्ताह के भीतर आया यह दूसरा भूकंप है. 17 जून को देश में 5.2 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. देश में 2005 में एक भीषण भूकंप में 74,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.
भारत ने अफगानिस्तान में भूकंप से लोगों की मौत पर शोक प्रकट किया
भारत ने अफगानिस्तान के पूर्वी पक्तिका प्रांत में आए शक्तिशाली भूकंप में काफी संख्या में लोगों के मारे जाने पर बुधवार को शोक प्रकट किया और जरूरत की इस घड़ी में अफगानिस्तान के लोगों को सहायता एवं समर्थन देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘भारत, अफगानिस्तान में आए भयावह भूकंप के पीड़ितों एवं उनके परिवारों तथा इससे प्रभावित होने वाले सभी लोगों के प्रति शोक एवं सहानुभूति प्रकट करता है.’
India expresses sympathy and condolences to the victims and their families, and to all those impacted by the tragic earthquake in Afghanistan.
We share the grief of the people of Afghanistan and remain committed to provide assistance and support in this hour of need.
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) June 22, 2022
उन्होंने कहा कि हम अफगानिस्तान के लोगों की पीड़ा को साझा करते हैं और इस जरूरत की घड़ी में उन्हें सहायता एवं समर्थन देने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)