निरस्त हो चुके तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि संगठन अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे युवाओं का समर्थन करता है और उनसे शांतिपूर्वक विरोध करने की अपील करता है. मोर्चा ने योजना का विरोध करने के लिए 24 जून को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है.
नई दिल्ली: तीन कृषि कानूनों के विरोध में राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के एक नेता ने बुधवार को कहा कि सशस्त्र बलों में अल्पकालिक भर्ती के लिए अग्निपथ योजना युवाओं के पक्ष में नहीं है और इसे वापस लिया जाना चाहिए.
किसान नेता और संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य अभिमन्यु कोहर ने कहा कि संगठन ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक बैठक में योजना का विरोध करने के लिए 24 जून को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना युवाओं के पक्ष में नहीं है और इसे वापस लिया जाना चाहिए.
कोहर ने कहा, ‘विरोध प्रदर्शनों के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को संबोधित खुला ज्ञापन 24 जून को देशभर के जिला मुख्यालयों पर सौंपा जाएगा. ज्ञापन में हम राष्ट्रपति से अग्निपथ योजना को वापस लेने की अपील करेंगे.’
उन्होंने यह भी कहा कि किसान मोर्चा अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे युवाओं का समर्थन करता है और उनसे शांतिपूर्वक विरोध करने की अपील करता है.
बता दें कि केंद्र सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी अग्निपथ नामक योजना की बीते 14 जून को घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती सिर्फ चार साल की कम अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी.
भर्ती के नए प्रारूप की घोषणा के बाद देश के कई हिस्सों में हिंसक विरोध देखा गया. सैन्य भर्ती की नई योजना के तहत केवल चार साल के लिए साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के युवाओं की भर्ती का प्रावधान है, जिनमें से 25 प्रतिशत को और 15 वर्षों के लिए सेवा में बनाए रखने का प्रावधान है. वर्ष 2022 के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया गया है.
योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे. योजना के तहत 17.5 साल से 21 साल तक के युवाओं को चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा और उनमें से 25 फीसदी सैनिकों को अगले 15 और साल के लिए सेना में रखा जाएगा.
तीनों सैन्य सेवाओं की तरफ से मंगलवार को कहा गया कि अग्निपथ योजना सैनिकों की भर्ती की मौजूदा व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं करती और उनकी युद्धक क्षमताओं और संचालनात्मक तैयारियों को प्रभावित नहीं करेगी.
अग्निपथ योजना के तहत रोजगार के पहले वर्ष में एक ‘अग्निवीर’ का मासिक वेतन 30,000 रुपये होगा, लेकिन हाथ में केवल 21,000 रुपये ही आएंगे. हर महीने 9,000 रुपये सरकार के एक कोष में जाएंगे, जिसमें सरकार भी अपनी ओर से समान राशि डालेगी.
इसके बाद दूसरे, तीसरे और चौथे वर्ष में मासिक वेतन 33,000 रुपये, 36,500 रुपये और 40,000 रुपये होगा. प्रत्येक ‘अग्निवीर’ को ‘सेवा निधि पैकेज’ के रूप में 11.71 लाख रुपये की राशि मिलेगी और इस पर आयकर से छूट मिलेगी.
अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों को विफल करने के प्रयास के तहत देश के सैन्य नेतृत्व ने बीते 19 जून को घोषणा की थी कि नई भर्ती योजना के लिए आवेदकों को इस प्रतिज्ञा के साथ एक शपथ-पत्र देना होगा कि उन्होंने किसी भी विरोध, आगजनी या आंदोलन में भाग नहीं लिया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)