भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ़्तार आईएएस अधिकारी संजय पोपली के चंडीगढ़ स्थित घर पर शनिवार को पुलिस और विजिलेंस की टीम तलाशी के लिए गई थी. चंडीगढ़ पुलिस ने बताया कि इस दौरान पोपली के बेटे कार्तिक ने ख़ुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. विजिलेंस की ओर से कहा गया कि घटना होने से पहले ही वे वापस चले गए थे. हालांकि परिजनों ने विजिलेंस टीम पर दबाव डालने और कार्तिक की हत्या का आरोप लगाया है.
चंडीगढ़: भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी संजय पोपली के 27 वर्षीय बेटे कार्तिक की चंडीगढ़ में शनिवार को गोली लगने से मौत हो गई. पुलिस का कहना है कि उन्होंने आत्महत्या की है, जबकि परिवार ने साजिश का अंदेशा जताया है.
दरअसल सतर्कता विभाग (Vigilance Bureau) का एक दल अधिकारी के खिलाफ मामले की जांच के सिलसिले में उनके घर आया हुआ था, जब यह घटना हुई, जिसके बाद से पूरा मामला विवादों में घिर गया है
बीते 19 जून को पंजाब पुलिस के सतर्कता विभाग ने नवांशहर में सीवेज पाइपलाइन बिछाने के लिए निविदा को मंजूरी देने के एवज में कथित रूप से रिश्वत मांगने के मामले में आईएएस अधिकारी संजय पोपली को गिरफ्तार किया था.
पुलिस से लेकर विजिलेंस विभाग समेत अधिकारियों के बयानों में कई विसंगतियां हैं. तलाशी के दौरान विजिलेंस टीम के साथ पुलिसकर्मी और पोपली भी थे.
चंडीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुलदीप चहल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि कार्तिक ने लाइसेंसी हथियार से आत्महत्या की थी और विजिलेंस विभाग कुछ जांच करने के लिए गया था, लेकिन उसके घर में घुसने से पहले ही अंदर से गोली चलने की आवाज आई.
लेकिन दिन में उन्होंने मीडिया को बताया था कि जब घटना हुई तब विजिलेंस के अधिकारी घर के अंदर थे.
चहल ने यह भी दावा किया था कि अधिकारी उस कमरे की ओर भागे जहां से आवाज आई थी, लेकिन उसमें ताला था. चहल ने बताया, ‘जब हमने तोड़कर दरवाजा खोला तो पाया कि कार्तिक ने आत्महत्या कर ली थी.’
दूसरी ओर आईएएस अधिकारी पोपली की पत्नी ने संवाददाताओं को बताया, ‘सतर्कता विभाग के अधिकारी हम पर दबाव डाल रहे थे और उन्होंने जो मामला दर्ज किया था उसके संबंध में गलत बयान देने के लिए मेरे घरेलू सहायक तक को परेशान कर रहे थे. मेरा 27 साल का बेटा चला गया. वह एक अच्छा वकील था. उन्होंने उसे मुझसे छीन लिया.’
अपने बेटे के खून के धब्बे हाथ पर दिखाते हुए पोपली की पत्नी ने कहा, ‘गलत मामला बनाने के लिए उन्होंने मेरा बेटा छीन लिया, कार्तिक पोपली चला गया.’
उन्होंने रोते हुए कहा, ‘मैं अपने इन हाथों को तब तक नहीं धोऊंगी जब तक मुझे न्याय नहीं मिल जाता है. मुझे न्याय चाहिए. मैं अदालत जाऊंगी.’
वह रोते-चिल्लाते बार-बार दोहरा रही थी, ‘मेरा बेटा मारा गया.’ उन्होंने कहा, ‘(पंजाब के मुख्यमंत्री) भगवंत मान को इसका जवाब देना होगा.’
उन्होंने कहा कि उनके पति संजय को अदालत में पेश होना था कि सतर्कता विभाग का दल उनके घर आ धमका.
उन्होंने कहा, ‘सतर्कता विभाग के लोग कार्तिक को ऊपर के कमरे में ले गए और जब मैं ऊपर गई तो वे मेरे बेटे को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे. हमारे मोबाइल फोन भी ले लिए गए थे.’
इधर, शाम को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में विजिलेंस विभाग ने कार्तिक की मां श्री पोपली के दावों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने विजिलेंस विभाग के अधिकारियों द्वारा कार्तिक की ‘हत्या’ की बात कही थी. विभाग की ओर से दावा किया गया कि वे घटना होने से पहले वापस चले गए थे.
पुलिस उपाधीक्षक अजय कुमार ने कहा कि वे (घर के) यार्ड में एक स्टोर रूम से ठीकठाक सामान जब्त करने के बाद वे घर से ‘चले गए’ थे. विजिलेंस विभाग ने पोपली के घर में प्रवेश नहीं किया था.
विजिलेंस विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कार्तिक के आत्महत्या करने के 20 मिनट बाद चंडीगढ़ पुलिस ने उस कमरे का दरवाजा तोड़ कर खोला था.
रिपोर्ट के अनुसार, जिस हथियार से कार्तिक ने कथित तौर पर खुद को मार डाला, उसको लेकर भी अलग-अलग बयान सामने आए हैं.
पोपली की गिरफ्तारी के एक दिन बाद 20 जून को विजिलेंस विभाग ने उनके घर से तलाशी के दौरान अनगिनत कारतूस पाए जाने का दावा किया, जिसमें किसी लाइसेंसी हथियार का जिक्र नहीं था, जिसके बाद पोपली पर आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया था.
लेकिन शनिवार को कार्तिक की मौत के बाद विजिलेंस विभाग के अधिकारियों ने कहा कि परिवार के पास 0.3 बोर का एक लाइसेंसी हथियार और कारतूस थे, जिन्हें तलाशी के दौरान जब्त नहीं किया गया था, क्योंकि वे वैध थे.
अधिकारियों ने जो कीमती सामान शनिवार को पोपली के घर से बरामद होने का दावा किया है, वह सामान पोपली की गिरफ्तारी के बाद ही उनके परिवार ने घर से क्यों नहीं हटाया, यह पूछे जाने पर एक जांच अधिकारी ने कहा, ‘पोपली ने उन्हें सोने और अन्य सामान के बारे में नहीं बताया होगा. सभी लोग परिवार के सदस्यों को सब कुछ नहीं बताते हैं.’
सतर्कता विभाग के उपाधीक्षक अजय कुमार ने बताया, ‘हम उनके घर से कुछ बरामदगी करने के बाद वहां से लौट आए थे. हम आरोपी के साथ लौटे थे.’
उन्होंने कहा, ‘हमारी टीम में कौन-कौन थे, इसका ब्योरा यहां के सेक्टर 11 थाने में दिया गया है.’
यह पूछने पर कि परिवार साजिश का आरोप लगा रहा है, उन्होंने इन आरोपों को आधारहीन करार दिया. उन्होंने कहा कि हमारी टीम का कोई भी सदस्य घर के अंदर गया ही नहीं था.
उन्होंने परिवार के सदस्य के इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि टीम के कुछ सदस्यों ने उनके साथ मारपीट की थी.
सतर्कता विभाग के प्रवक्ता की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि पोपली के घर से 12 किलो सोना, तीन किलो चांदी, पांच मोबाइल फोन, दो स्मार्ट वॉच बरामद किया है.
प्रवक्ता ने बरामद किए गए सामान में एक-एक किलो वजन वाले सोने की नौ ईंट, सोने के 49 बिस्किट, सोने के 12 सिक्के और एक-एक किलो वजन वाले चांदी की तीन ईंट शामिल हैं.
इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने पोपली के बेटे की मौत पर आम आदमी पार्टी की सरकार पर हमला बोला और पूछा कि अब कार्तिक को कौन वापस लाएगा.
कार्तिक के निधन पर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि हमें संजय पोपली के बेटे की मौत का गहरा दुख है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)