पिछले हफ़्ते एक अधिकारी ने दावा किया था कि नूपुर शर्मा को समन देने के लिए दिल्ली गई मुंबई पुलिस की एक टीम उन्हें नहीं ढूंढ पाई थी. फ़िर उन्हें ईमेल के ज़रिये समन भेजकर 25 जून को दक्षिण मुंबई के पायधुनी थाने में पेश होने के लिए कहा गया था. इसी तरह अमहर्स्ट स्ट्रीट थाने में शिकायत दर्ज होने के बाद कोलकाता पुलिस ने उन्हें समन जारी कर पेश होने को कहा था.
मुंबई/कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी की निलंबित नेता नूपुर शर्मा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणियां करने को लेकर अपने खिलाफ दर्ज मामले के सिलसिले में बयान दर्ज कराने के लिए शनिवार को मुंबई और कोलकाता पुलिस के समक्ष पेश नहीं हुईं.
मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शर्मा के खिलाफ 28 मई को पायधुनी पुलिस थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई थी और पुलिस ने ईमेल के जरिये उन्हें समन भेजे थे, जबकि यहां की एक टीम उन्हें इसकी प्रति देने के लिए दिल्ली भी गई थी.
अधिकारी ने बताया, ‘चूंकि वह बयान दर्ज कराने के लिए नहीं आईं ऐसे में हम आगे की कार्रवाई के बारे में सोमवार को फैसला करेंगे.’
बीते 17 जून को मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने दावा किया था कि नूपुर शर्मा को समन देने के लिए दिल्ली गई मुंबई पुलिस की एक टीम उन्हें नहीं ढूंढ पाई थी.
उन्होंने आरोप लगाया था कि दिल्ली पुलिस भी अपेक्षित सहयोग नहीं कर रही है, जिसके चलते उन्होंने ईमेल के जरिये शर्मा को समन भेज दिया है.
उनके अनुसार, दक्षिण मुंबई के पायधुनी थाने की एक टीम शर्मा को व्यक्तिगत रूप से समन सौंपने के लिए बीते पांच दिन से दिल्ली में थी. समन में उन्हें जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है.
नूपुर शर्मा के खिलाफ 28 मई को रजा अकादमी के संयुक्त सचिव इरफान शेख की शिकायत पर दक्षिण मुंबई के पायधुनी थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी.
यह एफआईआर एक टीवी चैनल पर परिचर्चा के दौरान पैगंबर मोहम्मद के बारे में की गई टिप्पणी के लिए दर्ज की गई थी, जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया था. शर्मा को बयान दर्ज कराने के लिए 25 जून को दिन में 11 बजे पायधुनी थाने में पेश होने के लिए कहा गया था.
इससे पहले महाराष्ट्र की भिवंडी पुलिस ने नूपुर शर्मा को इस मामले में तलब कर बीते 15 जून को अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा था.
पुलिस ने बताया था कि रजा अकादमी के एक प्रतिनिधि द्वारा 30 मई को दर्ज कराई गई शिकायत के बाद भिवंडी पुलिस ने नूपुर शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया था. पुलिस ने बताया था कि उसने नवीन कुमार जिंदल के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है.
इससे पहले ठाणे में मुंब्रा पुलिस ने नूपुर शर्मा को 22 जून को उनके सामने पेश होकर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी के मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा था.
इस महीने की शुरुआत में भाजपा की तत्कालीन प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ पुणे के कोढवा पुलिस थाने में भी एक एफआईआर दर्ज की गई थी. पैंगबर के खिलाफ उनकी टिप्पणी को लेकर यह मामला दर्ज किया गया था.
मुंबई पुलिस के अलावा नूपुर शर्मा एक बार फिर कोलकाता पुलिस के सामने पेश नहीं हुईं. एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी.
शर्मा की टिप्पणी के खिलाफ पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए थे.
शर्मा ने अमहर्स्ट स्ट्रीट थाने को भेज गए ई-मेल में कहा है कि यदि वह कोलकाता पहुंचीं तो उन पर हमला हो सकता है, इसलिए उन्होंने पुलिस अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा है.
इस सप्ताह नरकेलडंगा थाने की तरफ से जारी समन पर भी वह उन्हीं कारणों का हवाला देते हुए पेश नहीं हुई थी.
कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, हमें नूपुर शर्मा की ओर से ईमेल मिला है, जिसमें उन्होंने अमहर्स्ट स्ट्रीट थाने के अधिकारियों के समक्ष पेश होने में असमर्थता प्रकट की है. उन्होंने चार सप्ताह का समय मांगा है और आशंका जताई है कि अगर वह कोलकाता आईं, तो उन पर हमला हो सकता है.
पुलिस ने अमहर्स्ट स्ट्रीट थाने में शिकायत दर्ज होने के बाद बीते 23 जून को उनके खिलाफ समन जारी किया था.
मालूम हो कि निलंबित भाजपा नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल द्वारा पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी को लेकर उनकी गिरफ्तारी की मांग पर बीते 10 जून को देश भर के कई शहरों और कस्बों में विरोध प्रदर्शन हुए थे.
झारखंड की राजधानी रांची में हिंसक प्रदर्शन के दौरान दो लोगों की मौत हो गई थी. उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद और और सहारनपुर समेत कई जिलों तथा पश्चिम बंगाल के हावड़ा में भी विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था. श्रीनगर में बंद के अलावा दिल्ली और मध्य प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, बिहार और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे.
विवादों में घिरीं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के खिलाफ बीते 10 जून को बिहार के मुजफ्फरनगर जिले की एक अदालत में अर्जी दी गई थी, जिसमें कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद का नाम भी सह-आरोपी के रूप में दिया गया है.
याचिका में आरोप लगाया गया है कि शर्मा, जिंदल और नरसिंहानंद के बयान से सांप्रदायिक हिंसा भड़क सकती है.
बीते नौ जून को दिल्ली पुलिस ने नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी संत यति नरसिंहानंद समेत 31 लोगों के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित तौर पर सार्वजनिक शांति भंग करने और लोगों को भड़काने वाले संदेश पोस्ट तथा साझा करने के लिए एफआईआर दर्ज की हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)