दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निजी सचिव 71 वर्षीय पीपी माधवन के ख़िलाफ़ 26 वर्षीय एक युवती की शिकायत पर बलात्कार का मामला दर्ज किया है. वहीं, माधवन ने कहा कि एफ़आईआर केवल उन्हें बदनाम करने और उनके लंबे और ईमानदार करिअर पर आक्षेप लगाने के लिए है.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निजी सचिव पीपी माधवन के खिलाफ 26 वर्षीय एक युवती की शिकायत पर बलात्कार का मामला दर्ज किया है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी.
पुलिस के मुताबिक, युवती ने आरोप लगाया है कि आरोपी ने उसे नौकरी दिलाने का झांसा दिया और शादी का वादा किया.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने युवती से कथित तौर पर बलात्कार किया और किसी को इस बारे में बताने पर गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी.
द्वारका के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) एम. हर्षवर्धन ने कहा, ‘उत्तम नगर थाने में 25 जून को एक शिकायत मिली थी. भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत एक मामला दर्ज किया गया. हम मामले की जांच कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि पुलिस 71 वर्षीय व्यक्ति के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच कर रही है, जो एक वरिष्ठ नेता के निजी सचिव के तौर पर काम करते हैं. हालांकि, डीसीपी ने नेता का नाम नहीं लिया.
पुलिस के मुताबिक, युवती ने माधवन पर नौकरी दिलाने और शादी करने का झांसा देकर कई मौकों पर उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार करने और परेशान करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है.
युवती ने कहा कि साल 2020 में कोविड लॉकडाउन के दौरान अपने पति को खोने के तुरंत बाद वह आरोपी से मिली थीं. उनके पति पार्टी कार्यालय में एक सहायक के रूप में काम करते थे. उन्होंने कहा कि वह अक्सर नौकरी की तलाश में कांग्रेस कार्यालय जाती थीं.
एफआईआर के अनुसार, युवती ने कहा था कि उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और वह कांग्रेस कार्यालय गई, जहां उसे माधवन का फोन नंबर मिला था.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, एफआईआर में युवती ने आरोप लगाया है, ‘मैंने उनसे कहा था कि मुझे नौकरी की जरूरत है और उन्होंने मेरी मदद करने का वादा किया था. 21 जनवरी (इसी साल) को उन्होंने मुझे एक इंटरव्यू के लिए बुलाया. उन्होंने मुझसे कई सवाल पूछे और मेरे सारे दस्तावेज देखे. फिर उन्होंने मुझसे कहा कि वह मुझसे शादी करना चाहते हैं. मैंने ‘हां’ कह दिया.’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘एक दिन उन्होंने मुझे मिलने के लिए बुलाया. वह मुझे एक कार में लेने आए. उन्होंने अपने ड्राइवर को कार छोड़ने के लिए कहा. उन्होंने मेरा यौन शोषण किया और मेरे साथ बलात्कार करने की कोशिश की. जब मैंने इस पर आपत्ति की तो वह नाराज हो गए और मुझे सड़क पर अकेला छोड़ दिया.’
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आरोपी ने बाद में उनसे माफी मांगी और वे फिर से बात करने लगे. कुछ दिनों के बाद उन्होंने उन्हें फिर से मिलने के लिए बुलाया.
एफआईआर में आरोप लगाया गया है, ‘फरवरी में उन्होंने मुझे मिलने के लिए बुलाया (और) मेरे साथ बलात्कार किया. बाद में उन्होंने मुझे बताया कि उनकी पत्नी ने मेरा मोबाइल नंबर देखा है. यह सब सुनकर मैं चौंक गई. मैंने उनसे उनकी पत्नी के बारे में पूछा, लेकिन वह मुझे नजरअंदाज करते रहे. फिर उन्होंने मुझे किसी और के साथ सेक्स करने के लिए मजबूर किया. मैंने मना कर दिया. उन्होंने मुझे यह कहते हुए धमकी दी कि वे (पार्टी) 70 साल से शासन कर रहे हैं और वह मेरा अपहरण करवा देंगे. मैं डर गई थी.’
पुलिस ने कहा कि युवती ने 25 जून को शिकायत दर्ज कराई और उन्हें मेडिकल जांच के लिए एक अस्पताल भेजा गया. उनके बयान और जांच के आधार पर माधवन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
अधिकारियों ने कहा कि युवती दिल्ली में रहती हैं और उनके पति का निधन साल 2020 में हो गया था. उन्होंने कहा कि युवती के पति कांग्रेस कार्यालय में काम करते थे. साथ ही उन्होंने कहा कि युवती के पति होर्डिंग लगाते थे.
वहीं, सोनिया गांधी के सचिव पीपी माधवन का कहना है कि ‘झूठे’ आरोपों का उद्देश्य राजनीतिक प्रतिशोध से उनकी छवि को खराब करना है.
माधवन ने कहा, ‘यह उनके संज्ञान में लाया गया है कि मीडिया में कई ऐसी खबरें हैं कि उनके खिलाफ दिल्ली के उत्तम नगर पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज की गई है, जिसमें उन पर एक युवती के खिलाफ यौन अपराध करने का आरोप लगाया गया है और आरोपी स्वयं के कांग्रेस कार्यकर्ता होने का दावा करता है जिसे नौकरी देने का वादा किया गया था.’
उन्होंने कहा कि वह 25 जून को उत्तम नगर थाने के प्रमुख (एसएचओ) के सामने पेश हुए थे और अपना स्पष्टीकरण दे दिया था, जिसके बाद उन्हें जाने के लिए कहा गया था.
उन्होंने कहा, ‘मेरे पास यह प्रदर्शित और स्थापित करने के लिए सबूत हैं कि शिकायत राजनीतिक प्रतिशोध के चलते की गई है.’
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, माधवन ने कहा, ‘यह सिर्फ कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने के लिए एक निराधार आरोप है. इसमें कोई सच्चाई नहीं है. यह पूरी साजिश है.’
माधवन ने अपने बयान में कहा, ‘मैं शिकायतकर्ता और उसके पीछे के लोगों द्वारा मेरे खिलाफ चलाए जा रहे कलंक अभियान की निंदा करता हूं. ऐसा लगता है कि समाज की सेवा के लिए जाने जाने वाले एक प्रतिष्ठित 71 वर्षीय व्यक्ति की छवि खराब करने के लिए विकृत मानसिकता से प्रेरित है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मेरे खिलाफ आरोप फरवरी 2022 में हुई एक घटना का उल्लेख करते हैं, जो कि एफआईआर दर्ज होने से चार महीने से अधिक समय पहले की बात है. इससे ही पता चलता है कि एफआईआर केवल मुझे बदनाम करने और मेरे लंबे और ईमानदार करिअर पर आक्षेप लगाने के लिए है.’
माधवन ने कहा, ‘मैं अपने खिलाफ कथित एफआईआर को कानूनी रूप से लड़ने और मेरे खिलाफ दर्ज की गई झूठी और दुर्भावनापूर्ण शिकायत के खिलाफ उपलब्ध कानूनी उपायों का सहारा लेने का अपना अधिकार सुरक्षित रखता हूं. मेरा 47 साल से अधिक का लंबा करिअर रहा है जिसमें मैंने समर्पित रूप से काम किया है सामाजिक क्षेत्र में आज तक मेरी प्रतिष्ठा पर एक भी धब्बा नहीं लगा है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)