भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना के बाग़ी एकनाथ शिंदे ने गुरुवार दिन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी, जिसके बाद स्वयं फडणवीस ने शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए जाने का ऐलान किया था.
मुंबई: करीब दस दिन की सियासी खींचतान के बाद शिवसेना के बाग़ी नेता एकनाथ शिंदे गुरुवार को महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बन गए. शाम को हुए एक संक्षिप्त शपथ ग्रहण समारोह में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोग से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
Mumbai: Eknath Shinde takes oath as the Chief Minister of Maharashtra pic.twitter.com/F7GpqxGozq
— ANI (@ANI) June 30, 2022
उनके साथ भाजपा नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देंवेंद्र फडणवीस ने भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
Mumbai: Devendra Fadnavis takes oath as the Deputy Chief Minister of Maharashtra pic.twitter.com/UM5XmxBCPZ
— ANI (@ANI) June 30, 2022
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शाम साढ़े सात बजे के बाद दक्षिण मुंबई स्थित राजभवन में उन्हें पद की शपथ दिलाई.
शिंदे ने इस दौरान दिवंगत शिवसेना नेताओं, बाल ठाकरे और आनंद दिघे, को श्रद्धांजलि दी. उनकी शपथ पूरी होते ही उनके समर्थकों ने ठाकरे और दिघे की प्रशंसा में नारे लगाए.
शिंदे ने समारोह के बाद कहा, ‘राज्य का विकास मेरी प्राथमिकता है. मैं समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलूंगा.’
इससे पहले, दिन में एक चौंकाने वाले घटनाक्रम के बीच देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रेस कांफ्रेंस में स्वयं घोषणा की थी कि महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे होंगे, जबकि इस बात के पूरे कयास थे कि फडणवीस ही तीसरी बार मुख्यमंत्री बनेंगे.
बहरहाल, फडणवीस और शिंदे की राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात के बाद सारी कवायद शुरू हुई थी.
राज्यपाल से मुलाकात के बाद फडणवीस ने राजभवन में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि शिंदे अकेले ही गुरुवार को शाम साढ़े सात बजे राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और मंत्रिमंडल का विस्तार बाद में किया जाएगा. इस दौरान शिंदे भी उनके साथ प्रेस वार्ता में मौजूद थे.
हालांकि, कुछ ही देर बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ऐलान किया कि फडणवीस, राज्य के भावी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के मंत्रिमंडल में शामिल होंगे.
नड्डा ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा कि भाजपा ने महाराष्ट्र की जनता की भलाई के लिए बड़े मन का परिचय देते हुए एकनाथ शिंदे का समर्थन करने का निर्णय किया.
उन्होंने कहा, ‘देवेंद्र फडणवीस ने भी बड़ा मन दिखाते हुए मंत्रिमंडल में शामिल होने का निर्णय किया है, जो महाराष्ट्र की जनता के प्रति उनके लगाव को दर्शाता है.’
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि महाराष्ट्र में शिंदे को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सत्ता हासिल करना पार्टी का उद्देश्य नहीं है बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश और महाराष्ट्र की जनता की सेवा करना ही उसका ‘परम लक्ष्य’ है.
शिंदे और फडणवीस को बधाई देते हुए उन्होंने कहा, ‘आज ये सिद्ध हो गया कि भाजपा के मन में कभी मुख्यमंत्री पद की लालसा नहीं थी. 2019 के चुनाव में स्पष्ट जनादेश नरेंद्र मोदी एवं फडणवीस को मिला था. उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद के लालच में हमारा साथ छोड़कर विपक्ष के साथ सरकार बनाई थी.’
भाजपा अध्यक्ष नड्डा के कहने पर फडणवीस ने शिंदे मंत्रिमंडल में शामिल होने का फैसला किया: शाह
प्रेस वार्ता में फडणवीस का कहना कि शिंदे अकेले ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और बाद में उनके द्वारा स्वयं भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बीच के कारण को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया है.
उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष नड्डा के कहने पर देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बनने वाली नई सरकार में शामिल होने का फैसला किया.
शाह ने एक ट्वीट कर यह जानकारी दी.
भाजपा अध्यक्ष श्री @JPNadda जी के कहने पर श्री @Dev_Fadnavis जी ने बड़ा मन दिखाते हुए महाराष्ट्र राज्य और जनता के हित में सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया है।
यह निर्णय महाराष्ट्र के प्रति उनकी सच्ची निष्ठा व सेवाभाव का परिचायक है। इसके लिए मैं उन्होंने हृदय से बधाई देता हूँ।
— Amit Shah (@AmitShah) June 30, 2022
उन्होंने कहा, ‘भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के कहने पर देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा मन दिखाते हुए महाराष्ट्र राज्य और जनता के हित में सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया है.’
उन्होंने कहा कि यह निर्णय महाराष्ट्र के प्रति उनकी सच्ची निष्ठा व सेवाभाव का परिचायक है.
उन्होंने कहा, ‘इसके लिए मैं उन्हे हृदय से बधाई देता हूं.’
इससे पहले, दिन में शिंदे ने संवाददाताओं से कहा था, ‘फडणवीस ने मुझ पर जो भरोसा जताया है, उस पर मैं खरा उतरुंगा.’
वहीं, प्रेस वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा था कि भाजपा शिंदे गुट को अपना समर्थन देगी.
बता दें कि भाजपा महाराष्ट्र विधानसभा में सबसे बड़ा दल है.
फडणवीस ने कहा, ‘मैं सरकार से बाहर रहूंगा. हालांकि, सरकार का सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित करूंगा जो उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद विकल्प के तौर पर सामने आई है.’
फडणवीस ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान शिवसेना (बागी विधायक) और भाजपा विधायकों के अलावा कुछ निर्दलीय विधायक मंत्री के तौर पर शपथ लेंगे. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सत्ता के लिए नहीं, बल्कि सिद्धांतों और हिंदुत्व की विचारधारा के लिए है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा राज्य पर चुनाव थोपने के खिलाफ थी. उन्होंने कहा कि शिवसेना के पदाधिकारियों में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ गठबंधन करने के चलते रोष था क्योंकि ये कथित तौर पर 2019 विधानसभा चुनाव के जनमत का अपमान था. फडणवीस ने कहा कि भाजपा और शिवसेना ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था.
भाजपा नेता ने दावा किया, ‘उद्धव ठाकरे ने उन दलों (कांग्रेस और एनसीपी) के साथ गठबंधन किया, जिनके खिलाफ बाल ठाकरे पूरी जिंदगी लड़ते रहे.’
उन्होंने आरोप लगाया कि महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन भ्रष्ट था और उसके दो मंत्री भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में हैं.
फडणवीस ने कहा कि शिवसेना विधायकों को अपने विधानसभा क्षेत्र में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि एमवीए के गठबंधन सहयोगी उन्हें नुकसान पहुंचा रहे थे.
वहीं, एकनाथ शिंदे ने कहा कि उन्होंने राज्य के विकास को ध्यान में रखते हुए 50 विधायकों के समर्थन के साथ यह निर्णय (एमवीए सरकार से बगावत) लिया और इसमें उनका कोई निजी हित नहीं है.
उन्होंने एमवीए सरकार के संचालन के तौर-तरीकों पर सवाल उठाया और उन्हें मुख्यमंत्री बनने का अवसर देने के लिए फडणवीस का आभार जताया.
वहीं, इस दौरान एकनाथ शिंदे ने कहा कि जो फैसला हमने लिया है वह बालासाहेब के हिंदुत्व और हमारे विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्य को समर्पित है. हमारे साथ 50 विधायक हैं.
Mumbai | The decision that we have taken is committed to Balasaheb’s Hindutva & for the development work in the constituencies of our MLAs. We have 50 MLAs with us: Eknath Shinde pic.twitter.com/szBSBUQUj4
— ANI (@ANI) June 30, 2022
समाचार एजेंसी एनएआई के मुताबिक, उन्होंने आगे कहा कि हम पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे के समक्ष अपने विधानसभा क्षेत्रों की समस्यों और विकास कार्यों की समस्याएं लेकर जाने के साथ-साथ उन्हें सुधार करने की जरूरत संबंधी सुझाव देने गए थे क्योंकि हम महसूस करने लगे थे कि हमारे लिए अगला चुनाव जीतना मुश्किल होगा. हमने भाजपा के साथ गठबंधन की मांग की थी.
We went to former CM Thackeray with our constituency’s grievances & development work along with advising him on need for improvement as we started realizing that it would be difficult for us to win the next elections. We demanded for a natural alliance with BJP:Eknath Shinde pic.twitter.com/G8YkAvabT2
— ANI (@ANI) June 30, 2022
उन्होंने आगे कहा, ‘भाजपा के 120 विधायक होने के बावजूद देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री का पद नहीं लिया. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और अन्य भाजपा नेताओं के साथ-साथ उनका आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने उदारता दिखाते हुए बालासाहेब के सैनिक को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया.’
A total of 50 MLAs are with us, including 40 MLAs from Shiv Sena…We have fought this battle so far with their help…I will not let even a scratch mar the trust that these 50 people have placed in me – let alone break that trust: Maharashtra CM-designate Eknath Shinde pic.twitter.com/2f877rCMB5
— ANI (@ANI) June 30, 2022
उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे साथ कुल 50 विधायक हैं, जिनमें 40 शिवसेना के हैं. हमने अब तक यह लड़ाई उनके सहयोग से लड़ी है. जो विश्वास इन 50 विधायकों ने मुझ पर दिखाया है, मैं उस पर खरोंच भी नहीं आने दूंगा.’
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिंदे को बधाई देते हुए ट्वीट किया है, ‘शिंदे का समृद्ध राजनीतिक, प्रशासनिक और विधायी अनुभव रहा है. मुझे विश्वास है कि वे महाराष्ट्र को और ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में काम करेंगे’
महाराष्ट्राच्या मुख्यमंत्रीपदाची शपथ घेतल्याबद्दल मी @mieknathshinde जी यांचे अभिनंदन करतो. तळागाळातील नेता असलेल्या शिंदेंकडे समृद्ध राजकीय, विधिमंडळविषयक आणि प्रशासकीय अनुभव आहे. महाराष्ट्राला मोठ्या उंचीवर नेण्याचे कार्य ते करतील असा विश्वास मला वाटतो.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 30, 2022
अगर बागी विधायक भाजपा से समझौता करते हैं तो हम बाधा नहीं बनेंगे: राउत
वहीं, उपरोक्त पूरे घटनाक्रम से पहले दिन में शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि बागियों ने स्वयं अपना रास्ता चुना है और पार्टी की ओर से उनके भाजपा से गठबंधन करने पर कोई बाधा उत्पन्न नहीं की जाएगी. उन्होंने साथ ही कहा कि शिवसेना नई सरकार में सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी.
शिवसेना के अधिकतर विधायकों के बगावत के बाद पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे द्वारा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के एक दिन बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए राउत ने यह बात कही.
उन्होंने यह भी कहा कि बागी नेताओं को शिवसेना से अलग होने के अपने फैसले पर अफसोस होगा.
राउत ने कहा कि वह शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय भी जाएंगे जिसने उन्हें समन जारी किया है. उन्होंने कहा कि वह एजेंसी के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे.
राउत ने कहा, ‘आपको (बागी नेताओं को) इसके लिए अफसोस होगा. एकनाथ शिंदे (बागी विधायकों के नेता) कट्टर शिवसैनिक थे और कई सालों तक उन्होंने पार्टी के लिए काम किया. चाहे वह (विधायक) गुलाबराव पाटिल, संदीपन भुमरे और अन्य (जिन्होंने शिंदे का पक्ष लिया) हो, उन्होंने पार्टी के लिए कार्य किया और उसके लिए संघर्ष किया. उन्होंने अपना रास्ता स्वयं चुना है.’
उन्होंने कहा, ‘हम उनके रास्ते में कोई बाधा उत्पन्न नहीं करेंगे. वे अपना गठबंधन (भाजपा के साथ) कर सकते हैं. हम अपना काम करेंगे. अब रास्ते अलग हैं. हम सकारात्मक विपक्ष की तरह काम करेंगे.’
भाजपा का नाम लिए बिना राउत ने कहा कि वह उन लोगों को जानते हैं जिन्होंने शिवसेना के विधायकों पर दबाव डाला और जिसकी परिणीति पार्टी में बगावत के रूप में सामने आई.
उन्होंने कहा कि सभी को उद्धव नीत सरकार में भरोसा था, फिर चाहे वह एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार हों या कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सभी को उद्धव ठाकरे पर भरोसा था.
राउत ने कहा, ‘लेकिन पहले दिन से ही सरकार गिराने की कोशिश हो रही थी और हमें इसकी जानकारी थी. उन्होंने (भाजपा ने) केंद्रीय एजेंसियों व अन्य तरीकों से दबाव बनाया.’
गौरतलब है कि शिवसेना के बागी विधायकों ने राउत के बयान को उनके और पार्टी नेतृत्व के बीच दूरी बढ़ाने के लिए जिम्मेदार ठहराया था.
इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए राउत ने कहा, ‘अगर मैं शिवसैनिक को मंत्री बनाने के लिए जिम्मेदार हूं तो यह जिम्मेदारी मैं लेता हूं.’
उन्होंने कहा कि एमवीए का गठन ‘आत्म सम्मान की लड़ाई’ और दिवंगत शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे के शिवसैनिक मुख्यमंत्री बनाने के सपने को साकार करने के लिए था.
राउत ने सवाल किया कि क्या बागी विधायक शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाएंगे?
बागियों ने पार्टी से बगावत का मुख्य कारण कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन को बताया था. राउत ने इस पर कहा कि कई बागी विधायक जो यह तर्क दे रहे हैं, पहले एनसीपी के ही सदस्य थे और उनमें से कई विधायक मंत्री बनने के लिए शिवसेना में शामिल हुए थे.
राउत ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी नए जोश से काम करेगी. उन्होंने कहा, ‘शिवसेना सत्ता के लिए पैदा नहीं हुई है, बल्कि सत्ता शिवसेना के लिए जन्मी है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)