पाकिस्तान ने उसकी जेलों में 682 भारतीय क़ैदी होने की पुष्टि की, भारत रिहा करने को कहा

पाकिस्तान और भारत राजनयिक पहुंच को लेकर 2008 में हुए एक समझौते के तहत जेलों में बंद असैन्य क़ैदियों और मछुआरों की सूची साझा करते हैं. भारत ने पाकिस्तान से 536 ऐसे भारतीय मछुआरों और तीन नागरिक क़ैदियों को रिहा करने का अनुरोध किया, जिन्होंने अपनी जेल की अवधि पूरी कर ली है और जिनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि हो गई है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

पाकिस्तान और भारत राजनयिक पहुंच को लेकर 2008 में हुए एक समझौते के तहत जेलों में बंद असैन्य क़ैदियों और मछुआरों की सूची साझा करते हैं. भारत ने पाकिस्तान से 536 ऐसे भारतीय मछुआरों और तीन नागरिक क़ैदियों को रिहा करने का अनुरोध किया, जिन्होंने अपनी जेल की अवधि पूरी कर ली है और जिनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि हो गई है.

भारत-पाकिस्तान के राष्ट्रीय झंडे. (फोटो: रॉयटर्स)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने शुक्रवार (एक जुलाई) को उसकी जेलों में 682 भारतीय कैदियों के बंद होने की पुष्टि की. भारत ने पाकिस्तान से अपनी जेलों में बंद भारतीय कैदियों को रिहा करने को कहा.

पाकिस्तान और भारत राजनयिक पहुंच को लेकर 2008 में हुए एक समझौते के तहत जेलों में बंद असैन्य कैदियों और मछुआरों की सूची साझा करते हैं. इसी सूची के आदान-प्रदान के दौरान पाकिस्तान ने उसकी जेलों में बंद भारतीय कैदियों की संख्या की पुष्टि की.

यह सूची साल में दो बार – एक जनवरी और एक जुलाई – को साझा की जाती है.

पाकिस्तान विदेश विभाग ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग को उसकी जेलों में बंद 682 भारतीय कैदियों की सूची साझा की, जिसमें 49 आम नागरिक और 633 मछुआरे शामिल हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान से 536 भारतीय मछुआरों और तीन नागरिक कैदियों को रिहा करने और वापस भेजने का अनुरोध किया, जिन्होंने अपनी जेल की अवधि पूरी कर ली है और जिनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि हो गई है.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा पाकिस्तान को 105 मछुआरों और 20 नागरिक कैदियों को तत्काल राजनयिक पहुंच (Consular Access) प्रदान करने के लिए कहा गया है, जो पाकिस्तान की हिरासत में हैं और माना जाता है कि वे भारतीय हैं.

भारत ने 2008 के समझौते के तहत हर वर्ष 1 जनवरी और 1 जुलाई को जानकारी आदान-प्रदान करने के अभ्यास के हिस्से के रूप में दोनों देशों द्वारा नागरिक कैदियों और मछुआरों की सूचियों के आदान-प्रदान के संदर्भ में अनुरोध किया था.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने अपने यहां हिरासत में 309 पाकिस्तानी नागरिक कैदियों और 95 मछुआरों की सूची पाकिस्तान को सौंपी है.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘सरकार ने पाकिस्तान की हिरासत से नागरिक कैदियों, लापता भारतीय रक्षा कर्मचारियोंऔर मछुआरों को उनकी नौकाओं के साथ जल्द से जल्द रिहा करने और स्वदेश भेजने का आह्वान किया है.’

बयान के अनुसार, ‘इस संदर्भ में पाकिस्तान से 536 भारतीय मछुआरों और तीन भारतीय नागरिक कैदियों की रिहाई और भारत में वापसी में तेजी लाने के लिए कहा गया है, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है और जिनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि की गई है और पाकिस्तान को अवगत करा दिया गया है.’

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत एक दूसरे के देश में कैदियों और मछुआरों से संबंधित सभी मानवीय मामलों को प्राथमिकता के आधार पर संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

भारत ने पाकिस्तान से मछुआरों सहित 57 पाकिस्तानी कैदियों की राष्ट्रीयता की स्थिति की पुष्टि करने के लिए आवश्यक कार्रवाई में तेजी लाने का भी आग्रह किया है, जिनकी प्रत्यावर्तन पाकिस्तान द्वारा राष्ट्रीयता की पुष्टि के लिए लंबित है.

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘कोविड-19 महामारी के मद्देनजर पाकिस्तान से सभी भारतीय नागरिक कैदियों और मछुआरों की सुरक्षा, सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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