पश्चिम बंगाल की कोलकाता पुलिस ने पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ टिप्पणी करने के मामले में भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को अपने समक्ष पेश होने के लिए बार-बार समन जारी किए, लेकिन उनके पेश न होने पर अब उनके ख़िलाफ़ शनिवार को लुकआउट नोटिस जारी किया गया है.
कोलकाता: कोलकाता पुलिस ने पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ टिप्पणी करने के मामले में उसके अधिकारियों के समक्ष चार बार पेश होने में विफल रहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ शनिवार को लुकआउट नोटिस जारी किया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.
शर्मा की टिप्पणी के बाद पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे.
अधिकारी ने कहा कि शर्मा अमहर्स्ट स्ट्रीट और नारकेलडांगा थानों के अधिकारियों द्वारा जारी समन पर पेश होने में विफल रही हैं.
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘कई बार समन जारी करने के बावजूद हमारे अधिकारियों के समक्ष पेश होने में विफल रहने के बाद नूपुर शर्मा के खिलाफ आज लुकआउट नोटिस जारी किया गया.’
उन्होंने बताया कि दोनों थानों की ओर से शर्मा को दो-दो बार समन जारी किया गया था. उन्होंने बताया कि शर्मा के खिलाफ पिछले महीने दोनों थानों में मामला दर्ज होने के बाद समन जारी किए गए थे.
शर्मा ने कोलकाता का दौरा करने के दौरान उन पर हमला होने की आशंका जताई थी और पुलिस अधिकारियों के समक्ष पेश होने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा था.
द हिंदू के मुताबिक, नूपुर के खिलाफ एफआईआर लोगों द्वारा व्यक्तिगत रूप से की गईं शिकायतों के आधार पर दर्ज की गई थीं. शर्मा के खिलाफ कोलकाता पुलिस के अधिकार क्षेत्र में विभिन्न पुलिस थानों में कम से कम 10 शिकायतें दर्ज की गईं.
दिलचस्प बात यह है कि लुक आउट नोटिस, शर्मा को सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई फटकार के बाद आए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा था, ‘देश में जो हो रहा है उसके लिए यह महिला अकेले जिम्मेदार हैं. उन्होंने और उनकी अनियंत्रित जुबान ने पूरे देश में आग लगा दी है.’
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उदयपुर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए उनकी टिप्पणी जिम्मेदार है, जहां एक दर्जी की हत्या कर दी गई थी.
इस दौरान मामले पर सुनवाई कर रही पीठ के एक जज जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ‘जिस तरह से उन्होंने देश भर में भावनाओं को भड़काया है… वर्तमान में देश में जो कुछ हो रहा है उसके लिए यह महिला अकेले जिम्मेदार हैं. हमने इससे संबंधित (टीवी) बहस देखी कि कैसे उन्हें उकसाया गया था, लेकिन उसके बाद उन्होंने जिस तरह से यह सब कहा और बाद में पता चला कि वह वकील भी हैं, वह शर्मनाक है. उन्हें पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए.’
बहरहाल, बता दें कि लुकआउट नोटिस एक क़ानून प्रवर्तक एजेंसी द्वारा एक ऐसे व्यक्ति के खिलाफ जारी किया जाता है जो किसी जांच में वांछित या फरार है, नोटिस उसे देश छोड़ने से रोकता है.
नारकेलडांगा पुलिस थाने में शर्मा के खिलाफ 13 जून को एफआईआर दर्ज की गई थी और उन्हें 20 जून को पुलिस के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था. अमहर्स्ट स्ट्रीट पुलिस थाने में एफआईआर 23 जून को दर्ज हुई थी और नूपुर शर्मा को 25 जून को पुलिस के समक्ष प्रस्तुत होने के लिए कहा गया था. शर्मा दोनों समन पर पेश नहीं हुईं और पेशी के लिए और समय की मांग की.
पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर की टिप्पणी के बाद हावड़ा समेत पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन हुए. जिसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारियों से आग्रह किया कि वे सड़कें जाम करने और सार्वजनिक संपत्ति पर हमला करने के बजाय पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं.
वहीं, इस सप्ताह की शुरुआत में ममता बनर्जी ने कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और पत्रकार मोहम्मद जुबैर के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए इस ओर इशारा किया था कि राज्य की पुलिस भाजपा की पूर्व प्रवक्ता के खिलाफ कार्रवाई करेगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)