महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में भाजपा नेता राहुल नार्वेकर को 164 मत प्राप्त हुए. उन्होंने उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के उम्मीदवार राजन साल्वी को हराया, जिन्हें 107 वोट मिले थे. नार्वेकर मुंबई की कोलाबा सीट से विधायक हैं और अतीत में शिवसेना तथा राकांपा से उनका नाता रहा है. उनके भाई मकरंद कोलाबा से पार्षद हैं, जबकि उनके ससुर राकांपा नेता रामराजे नाइक विधान परिषद के सभापति हैं.
मुंबई: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता राहुल नार्वेकर को रविवार को महाराष्ट्र विधानसभा का अध्यक्ष चुन लिया गया. नार्वेकर को 164 मत प्राप्त हुए और उन्होंने उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के उम्मीदवार राजन साल्वी को हराया, जिन्हें 107 वोट मिले.
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नार्वेकर देश में अब तक के सबसे युवा विधानसभा अध्यक्ष हैं. उनके ससुर और राकांपा नेता रामराजे नाइक विधान परिषद के सभापति हैं. महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र रविवार पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुआ.
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार को सोमवार को 288 सदस्यीय विधानसभा में विश्वास मत का सामना करना होगा.
शिवसेना के विधायक रमेश लटके के निधन के कारण विधानसभा में एक सीट रिक्त है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नरहरि जिरवाल अध्यक्ष पद के चुनाव में वोट नहीं डाल सके क्योंकि वह उपाध्यक्ष हैं.
मतगणना के बाद जिरवाल ने कहा, ‘शिवसेना के कुछ विधायकों ने पार्टी सचेतक के विरुद्ध मतदान किया है. इसकी रिकॉर्डिंग की जांच की जाएगी और उनके खिलाफ आवश्यक कदम उठाया जाएगा.’
रविवार को सदन की कार्यवाही के दौरान 12 विधायक अनुपस्थित रहे. जगताप मलिक और मुक्ता तिलक बीमार हैं, जबकि अनिल देशमुख और नवाब मलिक जेल में हैं.
एआईएमआईएम के विधायक मुफ्ती मोहम्मद इस्माइल सत्र में शामिल नहीं हुए. इसके अलावा समाजवादी पार्टी के रईस शेख और अबू आजमी तथा एआईएमआईएम के शाह फारुख ने भी मतदान नहीं किया. कांग्रेस विधायक प्रणीति शिंदे सदन की कार्यवाही के दौरान अनुपस्थित रहीं.
महाराष्ट्र रविवार को देश का एकमात्र राज्य बन गया, जहां विधानसभा और विधान परिषद के पीठासीन अधिकारी दामाद-ससुर हैं. विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर मुंबई की कोलाबा सीट से विधायक हैं और अतीत में शिवसेना तथा राकांपा से उनका नाता रहा है. उनके भाई मकरंद कोलाबा से पार्षद हैं.
45 वर्षीय नार्वेकर अपने शुरुआती दिनों में शिवसेना की युवा इकाई के प्रवक्ता थे और उन्होंने 2014 में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व (उद्धव ठाकरे) तक आम कार्यकर्ता की पहुंच नहीं होने का आरोप लगाते हुए शिवसेना छोड़ राकांपा का दामन थाम लिया था.
नार्वेकर ने 2014 में मावल से लोकसभा चुनाव लड़ा और शिवसेना के उम्मीदवार से हार गए. इसके बाद साल 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले वह भाजपा में शामिल हो गए थे. उन्होंने भाजपा से कोलाबा विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस के अशोक जगताप को हराकर विजय हासिल की.
शिवसेना के दोनों गुटों ने अलग-अलग ह्विप जारी किए
शिवसेना के अंदर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले दो गुटों के बीच जारी लड़ाई के बीच रविवार को राज्य विधानसभा अध्यक्ष चुनाव के दौरान दोनों पक्षों ने पार्टी विधायकों को अपने-अपने उम्मीदवारों के पक्ष में वोट देने के लिए अलग-अलग ह्विप जारी किए थे.
शिंदे के नेतृत्व वाले समूह ने अध्यक्ष के रूप में भाजपा नेता राहुल नार्वेकर के पक्ष में मतदान किया, जबकि ठाकरे के नेतृत्व वाले खेमे के 16 विधायकों ने उनके (नार्वेकर के) खिलाफ मतदान किया.
ठाकरे के नेतृत्व वाले समूह ने बाद में विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल को एक पत्र सौंपा, जिसमें दावा किया गया कि कुछ विधायकों ने पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन किया है.
शिवसेना के सदन में 55 विधायक हैं. शिवसेना के अलावा 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के 106, राकांपा के 53, कांग्रेस के 44 विधायक हैं.
नए विधानसभा अध्यक्ष की घोषणा के बाद जिरवाल ने सदन को सूचित किया कि उन्हें शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु (ठाकरे पक्ष के) से कुछ विधायकों के खिलाफ उनकी पार्टी के निर्देशों के कथित उल्लंघन के लिए एक पत्र मिला है.
प्रभु ने सदन में यह भी कहा, ‘हमने पार्टी के निर्देश का उल्लंघन करने वाले शिवसेना के 39 विधायकों के बारे में जिरवाल को एक पत्र सौंपा है.’
बाद में एकनाथ शिंदे गुट के विधायक दीपक केसरकर ने कहा, ‘हमारे खिलाफ एक पत्र विधानसभा उपाध्यक्ष को दिया गया है. हमने बाकी 16 विधायकों को भी ह्विप जारी किया था जो हमारे साथ नहीं हैं.’
जिरवाल ने कहा कि उन्हें कुछ विधायकों द्वारा पार्टी ह्विप का पालन नहीं करने के संबंध में शिवसेना (ठाकरे समूह) से एक पत्र मिला है.
इस मामले में अब तक कोई निर्देश जारी नहीं करने वाले जिरवाल ने कहा, ‘मतदान की वीडियो रिकॉर्डिंग अन्य दस्तावेजी सबूतों के अलावा उपलब्ध है.’
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार सोमवार को विधानसभा में शक्ति परीक्षण का सामना करेगी.
पिछले महीने विधायक शिंदे ने शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत का बिगूल फूंक दिया था. पार्टी के ज्यादातर विधायकों ने उनका साथ दिया, जिसके कारण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई. एमवीए में शिवसेना के अलावा राकांपा और कांग्रेस भी शामिल हैं.
एकनाथ शिंदे ने बीते 30 जून को महाराष्ट्र के 20वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, जबकि भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने उप-मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को समर्थन देने वाले शिवसेना के बागी विधायक राज्य विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र की पूर्व संध्या पर शनिवार को गोवा से मुंबई लौट आए थे.
शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने बीते शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ में शामिल होने के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था. ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को संबोधित एक पत्र में लिखा, ‘शिवसेना पार्टी अध्यक्ष के रूप में मुझे निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए मैं आपको पार्टी संगठन में शिवसेना नेता के पद से हटाता हूं.’
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ 16 विधायक हैं और शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोही समूह के पास 39 विधायक हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)