आतंकी संबंध मामला: भाजपा ने जम्मू अल्पसंख्यक मोर्चा प्रमुख को कारण बताओ नोटिस जारी किया

बीते दिनों गिरफ़्तार किए गए लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर तालिब शाह के भाजपा के जम्मू प्रांत का आईटी और सोशल मीडिया सेल प्रभारी होने की ख़बर के बाद पार्टी ने जम्मू कश्मीर अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष को नोटिस जारी कर इस बारे में जवाब देने को कहा है. वहीं, विभिन्न दलों ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.

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उदयपुर में हत्या के आरोपी रियाज अटारी और गिरफ्तार लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के कमांडर तालिब हुसैन शाह का भाजपा के संबंध का आरोप लगाते हुए नई दिल्ली में भारतीय युवा कांग्रेस कार्यालय के पास एक होर्डिंग. (फोटो: पीटीआई)

बीते दिनों गिरफ़्तार किए गए लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर तालिब शाह के भाजपा के जम्मू प्रांत का आईटी और सोशल मीडिया सेल प्रभारी होने की ख़बर के बाद पार्टी ने जम्मू कश्मीर अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष को नोटिस जारी कर इस बारे में जवाब देने को कहा है. वहीं, विभिन्न दलों ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.

उदयपुर में हत्या के आरोपी रियाज अटारी और गिरफ्तार लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के कमांडर तालिब हुसैन शाह का भाजपा के संबंध का आरोप लगाते हुए नई दिल्ली में भारतीय युवा कांग्रेस कार्यालय के पास एक होर्डिंग. (फोटो: पीटीआई)

जम्मू/कोलकाता: लश्कर-ए-तैयबा के गिरफ्तार आतंकवादी तालिब हुसैन शाह के साथ अपने कथित संबंधों को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही भाजपा ने मंगलवार को पार्टी के जम्मू में अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष शेख बशीर को कारण बताओ नोटिस जारी किया.

इससे पहले एक कथित पत्र सामने आया था, जिसमें बशीर ने शाह को सोशल मीडिया के लिए पार्टी की एक इकाई में पदाधिकारी के तौर नियुक्ति का आदेश दिया था.

जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी शाह कुछ समय के लिए एक राजनीतिक दल से जुड़ा था और उसने खुद को एक मीडियाकर्मी भी बताया था.

जानकारी सामने आई थी कि शाह भाजपा का एक सक्रिय सदस्य था और पार्टी ने हाल में उसका चयन जम्मू क्षेत्र में अल्पसंख्यक मोर्चा के आईटी एवं सोशल मीडिया प्रकोष्ठ के प्रभारी के तौर पर किया था.

पुलिस ने बताया था कि हुसैन और उसके सहयोगी फैसल अहमद डार को रविवार तड़के रियासी जिले के सुदूर गांव टक्सन ढोक के ग्रामीणों ने घेरा और बाद में पुलिस को सौंप दिया. उसके पास से दो एके राइफल, एक पिस्तौल, सात ग्रेनेड और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया है.

उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें सामने आईं जिनमें कथित तौर पर हुसैन को भाजपा नेताओं के साथ दिखाया गया था. तस्वीरों में से एक में जम्मू कश्मीर के भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना द्वारा नौ मई को पार्टी नेता शेख बशीर की ओर से जारी एक गुलदस्ता और एक पत्र उसे भेंट करते हुए दिखाया गया है, जिसमें हुसैन को अल्पसंख्यक मोर्चा (जम्मू प्रांत) के नए आईटी प्रकोष्ठ और सोशल मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

हालांकि, भाजपा ने इस बात से इनकार किया है कि हुसैन पार्टी का सक्रिय सदस्य था. भाजपा ने दावा किया कि उसने खुद को एक समाचार पोर्टल के रिपोर्टर के रूप में पेश किया और पार्टी नेताओं को निशाना बनाने के लिए एक पाकिस्तानी साजिश के तहत पार्टी मुख्यालय का दौरा किया था.

वहीं, जम्मू कश्मीर भाजपा की अनुशासनात्मक समिति के प्रमुख सुनील सेठी ने सोशल मीडिया में प्रसारित एक पत्र के आधार पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है जिसमें संकेत दिया गया है कि, ‘आपने तालिब हुसैन को अल्पसंख्यक मोर्चा में एक अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया था जो आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाया गया है.’

सेठी ने कहा, ‘आपको (बशीर को) निर्देश दिया जाता है कि उक्त मुद्दे पर 48 घंटे के अंदर अपना पक्ष बताएं. कृपया आप बताएं कि क्या आपने उस व्यक्ति (शाह) की साख के बारे में जाने बिना उसके पक्ष में आदेश जारी किया था या नहीं जो आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक, पार्टी का प्राथमिक सदस्य भी नहीं है.’

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, हैदराबाद में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने के बाद यहां लौटे जम्मू कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा, ‘उनके (बशीर) के पास कोई नियुक्ति करने का अधिकार नहीं है. पार्टी में हर नियुक्ति अध्यक्ष द्वारा की जाती है.’

रैना ने यहां पार्टी मुख्यालय में पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता और पार्टी सचिव अरविंद गुप्ता के साथ कहा, ‘तालिब के फोन में तस्वीरें और वीडियो दिखाई दे रहे हैं, जो परेशान करने वाले हैं.’

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि उन्होंने जम्मू कश्मीर भाजपा मुख्यालय को फिर से घेर लिया और नियंत्रण रेखा के पार लश्कर-ए-तैयबा के संचालकों को इसके वीडियो और तस्वीरें भेजीं, उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा एजेंसियां ​​​​पूरी तरह से जांच कर रही हैं और जल्द ही कुछ बड़े लिंक का खुलासा कर सकती हैं.’

रैना ने कहा, ‘तालिब पत्रकार की आड़ में भाजपा कार्यालय जाते थे और पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस, राजनीतिक रैलियों और अन्य कार्यक्रमों को कवर करते थे.’

उन्होंने कहा कि उनके मोबाइल फोन में फोटो और वीडियो के रूप में काफी हानिकारक सामग्री थी.

उन्होंने कहा, ‘तालिब ने मेरे कार्यालय की रेकी की. उसने मेरे ऑफिस के वीडियो अपने पाकिस्तानी आकाओं को भेजे. वह पत्रकार बनकर भाजपा नेताओं से मिलते थे. हम एनआईए जांच की मांग करते हैं.’

उन्होंने कहा कि उन्हें पहले भी कई बार सीमा पार से आतंकवादियों द्वारा धमकी भरे कॉल और पत्र प्राप्त हुए हैं.

भाजपा ने मामले में एनआईए जांच और अन्य दलों ने उच्चस्तरीय जांच की मांग उठाई

भाजपा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रवींद्र रैना ने कहा, ‘चूंकि यह गंभीर मामला है, इसलिए भाजपा जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से अपील कर रही है कि इस मामले के सभी पहलुओं की जांच एनआईए द्वारा करायी जानी चाहिए ताकि (भाजपा एवं उसके नेताओं के विरूद्ध) इस नयी आतंकी योजना का पर्दाफाश हो. उसे इस बात का जरूर ही पर्दाफाश करना ही चाहिए कि और कितने तालिब (आतंकवादी) इस साजिश का हिस्सा हैं और आतंकवादी संगठन से संबद्ध हैं.’

उन्होंने कहा कि व्यापक आतंकवादी साजिश, उसमें संलिप्त लोगों एवं अन्य ऐसे तत्वों के साथ उनके संबंध का पता करने के लिए इस आतंकवादी के विरूद्ध जांच होनी चाहिए.

रैना ने कहा, ‘इस साजिश के पीछे कौन है, उनके संबंध और भाजपा में उनके शिकार का पता लगाने के लिए हम पूर्ण जांच चाहते हैं. हम यह जानना चाहते हैं कि भाजपा से ऐसे कौन से लोग हैं जो उनका निशाना हैं.’

कांग्रेस ने भी इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है.

पीडीपी ने किया प्रदर्शन

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने मंगलवार को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी तालिब हुसैन के भाजपा के साथ कथित जुड़ाव को लेकर पार्टी के खिलाफ यहां विरोध प्रदर्शन किया और उसके पिछले रिकार्ड की जांच पड़ताल के बिना, उसके प्रवेश पर नेतृत्व के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच की मांग की.

पीडीपी के दर्जनों कार्यकर्ताओं और महासचिव अमरीक सिंह रीन के नेतृत्व में गांधी नगर में पार्टी मुख्यालय के बाहर लश्कर के आतंकवादी को प्रवेश की सुविधा देने और उसे एक शीर्ष पद प्रदान करने के लिए भाजपा की निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.

पीडीपी के प्रवक्ता वरिंदर सिंह सोनू ने संवाददाताओं से कहा, ‘वे झूठे दावे करके लोगों को गुमराह कर रहे हैं. हकीकत यह है कि वह भाजपा का सदस्य था और उसके अल्पसंख्यक समुदाय प्रकोष्ठ के आईटी और सोशल मीडिया का नेतृत्व कर रहा था.’

सोनू ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक में हुसैन की मौजूदगी पर सवाल उठाया और कहा, ‘अगर सोशल मीडिया में खबर लीक होने से पता चलता है, तो भाजपा में उसकी उपस्थिति राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है.’

उन्होंने कहा कि यह वही भाजपा है जो लोगों को राष्ट्रवादी प्रमाण पत्र मुहैया करा रही है और अन्य दलों को आतंकवादियों के करीब होने के लिए बदनाम कर रही है.

सोनू ने कहा, ‘अगर लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी किसी अन्य दल से जुड़ा होता, तो भाजपा उस पार्टी पर प्रतिबंध लगाने और नेतृत्व की गिरफ्तारी के लिए जोर-जबरदस्ती करती. रविंदर रैना (जम्मू कश्मीर भाजपा प्रमुख) और अन्य नेताओं के साथ उसकी तस्वीरें, पार्टी में ऐसे आतंकवादी के प्रवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए पार्टी नेताओं के उच्च स्तरीय जांच और इस्तीफे की मांग करती हैं.’

विरोध प्रदर्शन के दौरान पीडीपी के युवा कार्यकर्ताओं के एक समूह ने उनके उपाध्यक्ष रजत गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा विरोधी नारे लगाने के बीच पास के जम्मू-हवाईअड्डा रोड की ओर मार्च करने का प्रयास किया.

हालांकि, भारी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को मुख्य मार्ग पर रोक दिया और बाद में उन्हें पीछे धकेल दिया. बाद में प्रदर्शनकारी शांतिपूर्वक पीडीपी मुख्यालय लौट गए.

उदयपुर हत्या व कश्मीर में आतंकवादी के ‘भाजपा से संबंध’ की न्यायिक जांच जरूरी: टीएमसी

वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को भाजपा पर अपने ‘सदस्यों’ का इस्तेमाल वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले देश में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने में करने का आरोप लगाते हुए उदयपुर में दर्जी की हत्या मामले के मुख्य आरोपी और कश्मीर में हाल में गिरफ्तार आतंकवादी के भाजपा से कथित संबंध की न्यायिक जांच की मांग की.

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल ने श्रीनगर से गिरफ्तार आतंकवादी और उदयपुर में दर्जी कन्हैलाल की हत्या के मुख्य आरोपी की भाजपा नेताओं के साथ तस्वीर साझा करते हुए सवाल किया कि भाजपा का उनके साथ क्या संबंध है.

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा साझा की गई तस्वीरों की सत्यता की स्वतंत्र तौर पुष्टि नहीं करती.

तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हाल में हमने देखा कि कैसे भाजपा नेता की टिप्पणी की वजह से पूरे देश में हिंसा हुई. भाजपा नेतृत्व उन्हें बाहरी तत्व करार देता है लेकिन वास्तविकता है कि वे बाहरी तत्व नहीं बल्कि भागवा खेमे द्वारा सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगाड़ने की विस्तृत योजना का हिस्सा हैं.’

उन्होंने दावा किया कि इसकी वजह से राजस्थान के उदयपुर में एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई और इस घटना को लाइव स्ट्रीम (सजीव प्रसारण) किया गया.

घोष ने कुछ भाजपा नेताओें की उदयपुर हत्याकांड के आरोपी रियाज अटारी के साथ तस्वीर साझा करते हुए कहा, ‘बाद में पाया गया कि उदयपुर में दर्जी की हत्या का मुख्य आरोपी रियाज अटारी भी भाजपा का सदस्य है. यह केवल साबित करता है कि भाजपा अपने सदस्यों का इस्तेमाल वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले देश में सांप्रदायिक हिंसा को हवा देने के लिए कर रही है.’

संवाददाता सम्मेलन में मौजूद तृणमूल कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और मंत्री शशि पांजा ने आरोप लगाया कि श्रीनगर से गिरफ्तार आतंकवादी तालिब शाह का भी भाजपा से संबंध है.

उन्होंने कहा, ‘तालिब शाह की तस्वीरें वायरल हो रही हैं. आतंकवादी का भाजपा से संबंध है. यह गंभीर मुद्दा है जिसकी जांच करने की जरूरत है. इन दोनों घटनाओं की न्यायिक जांच होनी चाहिए और सच सामने लाना चाहिए. भाजपा अपने सदस्यों का इस्तेमाल देश में सांप्रदायिक हिंसा को हवा देने के लिए कर रही है.’

वहीं, भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने तृणमूल कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों को महत्व देने से इंकार किया.

उन्होंने कहा, ‘हम इन आरोपों पर प्रतिक्रिया नहीं देना चाहते हैं. जहां तक तस्वीरों का सवाल है, पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इसे देख रहा है.’

गौरतलब है कि उदयपुर हत्याकांड में दो आरोपियों की पहचान रियाज अटारी और गौस मोहम्मद के तौर पर की गई है. दोनों पर आरोप है कि उन्होंने पेशे से दर्जी कन्हैयालाल का 28 जून को सिर कलम कर दिया और घटना के ऑनलाइन वीडियो जारी कर दावा किया कि उन्होंने इस्लाम का अपमान करने का बदला लिया है.

उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की हत्या के आरोपियों में एक रियाज अटारी के भाजपा से कथित संबंध होने की खबरें आई थीं.

भाजपा ने रियाज अटारी से संबंध होने की खबरों को खारिज किया है. वहीं, उसने दावा किया है कि लश्कर के आतंकवादी तालिब हुसैन ने मई में पार्टी में शामिल होने के 18 दिन बाद ही इस्तीफा दे दिया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)