तमिलनाडु के सत्तारूढ़ दल डीएमके के नेता ए. राजा ने पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी को ‘स्वतंत्र तमिलनाडु’ की मांग करने के लिए विवश नहीं किया जाए और राज्य को स्वायत्तता दी जाए. जब तक राज्य को स्वायत्ता नहीं मिल जाती, हम अपनी लड़ाई नहीं रोकेंगे.
चेन्नई: द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) के नेता ए. राजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से तमिलनाडु को स्वायत्तता प्रदान करने का आग्रह करते हुए कहा कि उन्हें एक स्वतंत्र प्रदेश की मांग करने के लिए बाध्य नहीं किया जाए.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ए. राजा के बयान के दौरान मंच पर राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी मौजूद थे.
शहरी स्थानीय निकायों के पार्टी प्रतिनिधियों की बैठक को संबोधित करते हुए राजा ने कहा कि द्रविड़ आंदोलन के प्रतीक टी. पेरियार एक स्वतंत्र तमिलनाडु के लिए खड़े थे, लेकिन डीएमके इससे दूर हो गई.
उन्होंने कहा कि पार्टी ने पेरियार को स्वीकार करने के बावजूद देश की अखंडता और लोकतंत्र का समर्थन करते हुए ‘भारत की जय हो’ की आवाज बुलंद की तथा पार्टी आज भी इस पर कायम है.
राजा ने कहा, ‘मैं अमित शाह और प्रधानमंत्री से अत्यंत विनम्रता से कह रहा हूं, मैं आपसे अपने नेताओं की उपस्थिति में मंच पर प्रार्थना करता हूं, हमारे मुख्यमंत्री अन्ना (पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके संस्थापक) के रास्ते पर हैं, हमें पेरियार की राह पर नहीं धकेलें.’
‘அண்ணா வழியில் பயணம் செய்கிறார் முதலமைச்சர், எங்களை பெரியார் வழிக்கு தள்ளிவிடாதீர்கள்’
‘தனிநாடு கேட்க எங்களை விட்டு விடாதீர்கள்,
மாநில சுயாட்சி தாருங்கள்’‘அதுவரை நாங்கள் ஓயமாட்டோம்’ https://t.co/gFDZoOSrn7 pic.twitter.com/BEapnK60Rq
— A RAJA (@dmk_raja) July 3, 2022
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को एक अलग तमिलनाडु की मांग करने के लिए विवश नहीं किया जाए और राज्य को स्वायत्तता दी जाए.
राजा ने कहा, ‘मैं केंद्र से हमें स्वायत्तता प्रदान करने का आग्रह करता हूं. जब तक राज्य को स्वायत्तता नहीं मिल जाती, हम अपनी लड़ाई नहीं रोकेंगे.’
उन्होंने कहा कि उनकी मांग को केंद्र ने आर्थिक और साथ ही रोजगार के अवसरों के मामले में भी पीछे छोड़ दिया है.
उन्होंने कहा, ‘जब तक हम भारत में हैं, तमिलों का कोई आर्थिक विकास नहीं होगा और न ही नौकरियों में कोई हिस्सा मिलेगा’
राजा की टिप्पणी पर सोशल मीडिया में तीखी आलोचना हो रही है. कई लोगों ने ‘अलगाववादी’ टिप्पणी के लिए उन पर निशाना साधा, जबकि अन्य ने उनका समर्थन किया.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने कहा कि स्वतंत्र तमिलनाडु की मांग संबंधी बयान दर्शाता है कि क्षेत्रीय पार्टी ने यह मान लिया है कि उसकी द्रविड़ राजनीति विफल हो चुकी है.
तमिलनाडु के लिए भाजपा के प्रभारी रवि ने कहा कि राज्य में भाजपा के विकास ने सत्तारूढ़ डीएमके पर दबाव बढ़ा दिया है.
बेंगलुरु में रवि ने कहा, ‘अगर वे (डीएमके) पांच दशक की राजनीति करने के बाद तमिलनाडु में ऐसी बातें कर रहे हैं, तो स्पष्ट है कि भाजपा के विकास ने उन पर दबाव डाला है. यह महसूस करते हुए कि उनकी विचारधारा विफल हो गई है, वे ऐसी चीजों के बारे में बात कर रहे हैं.’
भाजपा की तमिलनाडु इकाई के उपाध्यक्ष नारायण त्रिपाठी ने भी राजा के बयान को विभाजनकारी बताते हुए अलोचना की. त्रिपाठी ने इस मामले में स्टालिन के मूक दर्शक बने रहने पर आश्चर्य जताया.
टिप्पणी के खिलाफ आलोचना को खारिज करते हुए डीएमके प्रवक्ता कॉन्सटेंटाइन रवींद्रन ने कहा कि राजा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी अन्ना के रास्ते पर चली, भारत की अखंडता और लोकतंत्र के सिद्धांतों का पूरा समर्थन किया.
रवींद्रन के मुताबिक, राजा ने यह संदेश देना चाहा कि तमिलनाडु को विकास की दिशा में काम करने और संविधान में निहित अपने अधिकारों को बनाए रखने के लिए स्वायत्तता दी जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने राज्य विधानसभा द्वारा पारित कई विधेयकों को अपनी सहमति नहीं दी है. उन्होंने जानना चाहा कि क्या विकास में बाधा डालना केंद्र सरकार का विचार था. रवींद्रन ने कहा कि भाजपा नीत सरकार में राज्य सरकार के पास कोई अधिकार नहीं है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)