अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से मृतक संख्या बढ़कर 16 हुई, यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित

जम्मू कश्मीर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर के पास बादल फटने से शुक्रवार को आई बाढ़ के बाद से 40 लोग लापता हैं. हादसे के बाद फंसे हुए 15,000 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है. अधिकारियों के अनुसार, बचाव अभियान ख़त्म होने के बाद अमरनाथ यात्रा फिर से शुरू करने पर फैसला किया जाएगा.

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जम्मू कश्मीर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर के पास बादल फटने से आई बाढ़ में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई है और 40 लोग लापता है. (फोटो: ट्विटर/@KashmirPolice)

जम्मू कश्मीर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर के पास बादल फटने से शुक्रवार को आई बाढ़ के बाद से 40 लोग लापता हैं. हादसे के बाद फंसे हुए 15,000 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है. अधिकारियों के अनुसार, बचाव अभियान ख़त्म होने के बाद अमरनाथ यात्रा फिर से शुरू करने पर फैसला किया जाएगा.

जम्मू कश्मीर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर के पास बादल फटने से आई बाढ़ में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई है और 40 लोग लापता है. (फोटो: ट्विटर/@KashmirPolice)

श्रीनगर/नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के गांदरबल जिले में बादल फटने से आई बाढ़ में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई है. पीड़ित अमरनाथ गुफा मंदिर के पास डेरा डाले हुए थे, जब शुक्रवार शाम करीब छह बजे बादल फटा. अचानक आई बाढ़ से शिविर का एक हिस्सा बह गया.

पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर के पास बचाव अभियान रात भर जारी रहा और सेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा छह तीर्थयात्रियों को वहां से निकाला गया. यह जानकारी अधिकारियों ने शनिवार को दी.

दक्षिण कश्मीर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम को बादल फटने से अचानक आई बाढ़ के कारण कई लोग बह गए एवं कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई.

अधिकारियों के अनुसार, भारी बारिश के बीच शुक्रवार शाम करीब 5:30 बजे बादल फटा तथा पहाड़ की ढलानों से पानी एवं गाद की मोटी धारा घाटी की ओर बहने लगी.

अधिकारियों के अनुसार, तीर्थस्थल के बाहर स्थित आधार शिविर में पानी घुस गया, जिससे 25 टेंट और तीन सामुदायिक रसोई क्षतिग्रस्त हो गई, जहां तीर्थयात्रियों को भोजन परोसा जाता है.

एक अधिकारी ने कहा कि 30 जून से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा इस त्रासदी के बाद स्थगित कर दी गई है और बचाव अभियान खत्म होने के बाद इसे फिर से शुरू करने पर फैसला किया जाएगा.

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के डीजी अतुल करवाल के मुताबिक, बादल फटने से अब तक 16 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, करवाल ने कहा कि 16 लोगों की मौतों की पुष्टि हुई, लगभग 40 लोग अभी भी लापता हैं. भूस्खलन नहीं, लेकिन बारिश जारी है, हालांकि बचाव कार्य में कोई दिक्कत नहीं है. बचाव कार्य में 100 से अधिक बचावकर्मियों के साथ एनडीआरएफ की 4 टीमें, भारतीय सेना, एसडीआरएफ, सीआरपीएफ और अन्य शामिल हैं.

एक अधिकारी ने शनिवार को कहा, ‘आज सुबह हवाई बचाव अभियान शुरू किया गया और छह तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला गया. मरीजों को नीलागरार हेलीपैड पहुंचाया जा रहा है, जहां पर सैन्य चिकित्सा दल उनका इलाज कर रहे हैं और उन्हें फिर आगे भेजा जा रहा है.’

सेना के अधिकारी ने कहा कि पर्वतीय बचाव दल और गश्ती दल लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं. शुक्रवार को एक अधिकारी ने कहा कि करीब 40 लोग लापता हैं, जबकि पांच को बचा लिया गया है.

केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) ने बादल फटने से प्रभावित हुए लोगों के परिवारों की मदद के लिए चार टेलीफोन नंबर जारी किये हैं.

अमरनाथ: फंसे हुए 15,000 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया

जम्मू कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ के चलते फंसे कम से कम 15,000 तीर्थयात्रियों को निचले आधार शिविर पंजतरणी (अनंतनाग जिला) स्थानांतरित कर दिया गया है. आईटीबीपी के प्रवक्ता ने शनिवार को यह जानकारी दी.

प्रवक्ता ने बताया कि आईटीबीपी ने पवित्र गुफा के निचले हिस्से से पंजतरणी तक जाने वाले मार्ग में लगे दलों की संख्या भी बढ़ा दी है.

उन्होंने कहा, ‘शुक्रवार शाम आई बाढ़ के कारण पवित्र गुफा क्षेत्र के पास फंसे अधिकांश यात्रियों को पंजतरणी में स्थानांतरित कर दिया गया है. निकासी अभियान तड़के 3:38 बजे तक चला.’

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के प्रवक्ता ने कहा, ‘रास्ते में कोई यात्री नहीं है. अब तक करीब 15,000 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा चुका है.’

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक प्रवक्ता ने कहा कि अर्धसैनिक बल के डॉक्टर और चिकित्साकर्मियों ने बाढ़ में गंभीर रूप से घायल नौ मरीजों का इलाज किया. उन्होंने कहा, ‘उन्हें कम ऊंचाई वाले नीलग्राथ आधार शिविर पहुंचाया गया है.’

पवित्र गुफा से आने वाले तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए नीलग्राथ हेलीपैड पर बीएसएफ की एक छोटी टीम भी तैनात है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात पंजतरणी में बनाए गए बीएसएफ शिविर में करीब 150 यात्री रुके थे और शनिवार सुबह 15 मरीजों को हवाई मार्ग के जरिये बालटाल पहुंचाया गया.

इसी बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से दक्षिण कश्मीर हिमालय में अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना को लेकर बात की और कहा कि प्रभावितों को हरसंभव सहायता मुहैया कराई जा रही है.

प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘श्री अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना से दुखी हूं. शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना. मनोज सिन्हा जी से बात की और स्थिति की जानकारी ली.’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बचाव और राहत अभियान जारी है. प्रभावितों को हरसंभव सहायता मुहैया कराई जा रही है.’

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से कई लोगों की मौत का समाचार पाकर उन्हें बेहद दुख हुआ. कोविंद ने मृतकों के शोकाकुल परिजनों को सांत्वना दी है.

उन्होंने कहा कि फंसे हुए लोगों के लिए राहत और बचाव कार्य तेजी से किए जा रहे हैं और उन्हें आशा है कि यात्रा शीघ्र बहाल हो जाएगी.

कोविंद ने ट्वीट किया, ‘अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से कई लोगों की जान जाने की सूचना पाकर व्यथित हूं. शोकाकुल परिजनों को मेरी सांत्वना. फंसे हुए लोगों के लिए राहत और बचाव कार्य तेजी से किये जा रहे हैं. प्रार्थना करता हूं और आशा करता हूं कि यात्रा शीघ्र बहाल हो जाएगी.’

प्रधानमंत्री कार्यालय में केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में जानकर दुख हुआ और वह जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रशासन के लगातार संपर्क में हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)