सरकार की शिकायत के बाद पंजाबी गायक कंवर ग्रेवाल के गीत को यूट्यूब से हटाया गया

यूट्यूब ने लोकप्रिय पंजाबी गायक कंवर ग्रेवाल के सिख क़ैदियों की रिहाई का आह्वान करने वाले गीत ‘रिहाई’ को सरकार के अनुरोध के बाद अपने मंच से हटा दिया है. इससे पहले बीते महीने सरकार की आपत्ति के बाद दिवंगत पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के गीत ‘एसवाईएल’ को भी इस मंच से हटा दिया गया था.

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'रिहाई' गीत का पोस्टर. (फोटो: ट्विटर/@KanwarGrewal1)

यूट्यूब ने लोकप्रिय पंजाबी गायक कंवर ग्रेवाल के सिख क़ैदियों की रिहाई का आह्वान करने वाले गीत ‘रिहाई’ को सरकार के अनुरोध के बाद अपने मंच से हटा दिया है. इससे पहले बीते महीने सरकार की आपत्ति के बाद दिवंगत पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के गीत ‘एसवाईएल’ को भी इस मंच से हटा दिया गया था.

‘रिहाई’ गीत का पोस्टर. (फोटो: ट्विटर/@KanwarGrewal1)

चंडीगढ़: यूट्यूब ने सरकार के कहने के बाद लोकप्रिय पंजाबी गायक कंवर ग्रेवाल के गीत ‘रिहाई’ को अपने मंच से हटा दिया है, जिसमें सिख कैदियों की रिहाई का आह्वान किया गया है.

सोशल मीडिया मंच ने कहा, ‘सामग्री अनुपलब्ध है. यह सामग्री सरकार की कानूनी शिकायत के कारण इस देश में उपलब्ध नहीं है.’

यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब यूट्यूब ने दिवंगत पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के गीत ‘एसवाईएल’ को हटा दिया था.

इस गीत को मूसेवाला की मौत के बाद रिलीज किया गया था. गाने का नाम सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर को लेकर था, जो कई दशक से पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद का विषय रहा है. यूट्यूब ने सरकार की इसी तरह की शिकायत के बाद इसे अपने मंच से हटा दिया था.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पिछले हफ्ते ग्रेवाल, जिनके यूट्यूब पर लगभग सात लाख सब्सक्राइबर्स हैं, द्वारा जारी गीत को हटाए जाने से पहले इसे सात लाख बार देखा गया था. गीत में यह कहते हुए कि पंजाबी केवल सिख कैदियों को रिहा करने के लिए कह रहे हैं, सरकार से पूछा गया था कि यह सिखों के खिलाफ क्यों जा रहा है, .

संगरूर लोकसभा सीट पर हाल ही में संपन्न हुए उपचुनाव में सिख कैदियों (बंदी सिंह) की रिहाई की मांग एक प्रमुख मुद्दा था, जहां शिरोमणि अकाली दल ने बलवंत सिंह राजोआना की बहन को मैदान में उतारा था, जो पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के लिए मौत की सजा काट रहे हैं. राजोआना को जुलाई 2007 में मौत की सजा सुनाई गई थी.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, ग्रेवाल ने पिछले साल के अंत में समाप्त हुए किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए अब निरस्त कृषि कानूनों के खिलाफ कई गाने जारी किए थे.

उनके नवीनतम गीत की टैगलाइन ‘असी बंधी सिंघन दी रिहा मांग रहे आ (हम सिख कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं)’ है.

इसी बीच, इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने केंद्र से ग्रेवाल के गाने पर ‘प्रतिबंध’ को हटाए जाने के लिए कहा.

केंद्र से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हुए बादल ने कहा, ‘इस तरह के प्रतिबंध से भारत के बारे में गलत धारणा बन सकती है.’

उन्होंने कहा, ‘हम हमारे संविधान में निहित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दमन होते नहीं देख सकते हैं. भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में जाना जाता है जो बहुलवाद का सम्मान करता है.’

बादल ने कहा, ‘कंवर ग्रेवाल ने उनकी इस शिकायत को सामने लाने के लिए कविता इस्तेमाल किया है और साथ ही कहा कि इतिहास की किताबों को फिर से न लिखा जाए. यह किसी भी परिस्थिति में प्रतिबंध लगाने की बात नहीं है.’

बादल सांसद भी हैं. उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को आगामी संसद सत्र में भी उठाएंगे.

उन्होंने कहा, ‘प्रसिद्ध कलाकार सिद्धू मूसेवाला द्वारा गाए गए गीत ‘एसवाईएल’ पर प्रतिबंध के तुरंत बाद ‘रिहाई’ गीत पर प्रतिबंध लगाया गया है. उस गाने में उन पंजाबियों की आकांक्षाओं को भी दर्शाया गया है जो नहीं चाहते कि उनका पानी सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के माध्यम से हरियाणा की ओर जाए.’

बादल ने कहा कि शिअद केंद्र से दोनों मामलों में की गई शिकायत का खुलासा करने के लिए भी कहेगा और यह भी पूछेगा कि ये किसने दर्ज करवाईं.

उन्होंने कहा, ‘हम इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा की भी मांग करेंगे ताकि सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें और इस ट्रेंड को रोका जा सके.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)