भाजपा राष्ट्रवाद का उपदेश देती है, पर आतंक के आरोपियों के इससे संबंध का पता चला है: कांग्रेस

23 शहरों में संवाददाता सम्मेलन कर कांग्रेस ने भाजपा के आतंकवादियों के साथ कथित ‘संबंधों’ का खुलासा करने वाली कई घटनाओं का जिक्र करते हुए सवाल किया कि भाजपा नागरिकों को राष्ट्रवाद का पाठ कैसे पढ़ाती है. पार्टी ने कहा कि उदयपुर और अमरावती में हुई हत्याओं सहित कई अन्य अपराधों में पकड़े गए व्यक्ति भगवा पार्टी से जुड़े थे.

(फोटो: पीटीआई)

23 शहरों में संवाददाता सम्मेलन कर कांग्रेस ने भाजपा के आतंकवादियों के साथ कथित ‘संबंधों’ का खुलासा करने वाली कई घटनाओं का जिक्र करते हुए सवाल किया कि भाजपा नागरिकों को राष्ट्रवाद का पाठ कैसे पढ़ाती है. पार्टी ने कहा कि उदयपुर और अमरावती में हुई हत्याओं सहित कई अन्य अपराधों में पकड़े गए व्यक्ति भगवा पार्टी से जुड़े थे.

(फोटो: पीटीआई)

गुवाहाटी/पटना/भुवनेश्वर: कांग्रेस ने कहा कि वह आतंकवाद जैसे गंभीर राष्ट्रीय मुद्दों पर राजनीति करने में विश्वास नहीं करती है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आतंकी गतिविधियों में पकड़े गए व्यक्तियों के बीच घनिष्ठ संबंधों के खुलासे ने उसे सत्ताधारी पार्टी से सवाल पूछने के लिए मजबूर कर दिया.

कांग्रेस ने आगे कहा कि एक ऐसा पार्टी (भाजपा), जो भारतीयों को राष्ट्रवाद के बारे में उपदेश देने का कोई अवसर नहीं खोती है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा पर शनिवार को निशाना साधा और उस पर आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के संबंध में पकड़े गए व्यक्तियों से ‘निकट संबंध’ बनाए रखने के आरोप लगाए.

कांग्रेस नेताओं ने भाजपा के आतंकवादियों के साथ कथित ‘संबंधों’ का खुलासा करने वाली कई घटनाओं का जिक्र करते हुए सवाल किया कि भाजपा नागरिकों को राष्ट्रवाद का पाठ कैसे पढ़ाती है.

कांग्रेस ने देश भर के 23 शहरों में संवादादाता सम्मेलन कर आरोप लगाया कि भाजपा के राष्ट्रवादी होने के दावे फर्जी हैं. दूसरी ओर भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कई घटनाओं का हवाला देकर आरोप लगाया कि कांग्रेस सत्ता में बने रहने के लिए आतंकवादियों से भी हाथ मिला सकती है.

मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अजॉय कुमार ने इस दावे का समर्थन करने के लिए उदाहरण दिए कि उदयपुर और अमरावती में हुई हत्याओं सहित कई आतंक-संबंधी और अन्य अपराधों में पकड़े गए व्यक्ति भगवा पार्टी से जुड़े थे.

उन्होंने आरोप लगाया कि उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की हत्या के आरोपियों में से एक मोहम्मद रियाज अटारी भाजपा कार्यकर्ता था.

उन्होंने दावा किया, ‘वह एक वरिष्ठ स्थानीय नेता की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुआ था. उसे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में पार्टी के कई कार्यक्रमों में शामिल होते देखा गया था.’

हाल ही में यह खुलासा हुआ कि लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी तालिब हुसैन शाह, जिसे स्थानीय निवासियों ने जम्मू कश्मीर में पकड़ लिया था, वहां भाजपा का पदाधिकारी था. उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी से पहले वह अमरनाथ यात्रा पर हमले की योजना बना रहा था.

मालूम हो कि तालिब हुसैन शाह और उसके सहयोगी फैसल अहमद डार को ग्रामीणों द्वारा पकड़े जाने तथा पुलिस को सौंपे जाने की खबर आते ही भाजपा की जम्मू कश्मीर इकाई के प्रमुख रविंदर रैना के साथ शाह की कथित तस्वीरें और पार्टी के कार्यक्रमों में उसकी भागीदारी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की गई थीं.

तस्वीरों में से एक में रैना उसे एक गुलदस्ता देते नजर आ रहे हैं, जबकि एक अन्य में पार्टी के नेता शेख बशीर द्वारा जारी एक पत्र में उसे नौ मई को अल्पसंख्यक मोर्चा (जम्मू प्रांत) के नए आईटी एवं सोशल मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है.

भाजपा ने रियाज अटारी से संबंध होने की खबरों को खारिज किया है. वहीं, उसने दावा किया है कि लश्कर के आतंकवादी तालिब हुसैन ने मई में पार्टी में शामिल होने के 18 दिन बाद ही इस्तीफा दे दिया था.

कांग्रेस प्रवक्ता कुमार ने यह भी आरोप लगाया कि अमरावती के केमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या के मास्टरमाइंड के आरोपी इरफान खान के निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा के साथ घनिष्ठ संबंध हैं.

उन्होंने कहा कि खान को राणा के लिए प्रचार करने और वोट मांगने के लिए जाना जाता है. हालांकि राणा दंपत्ति इससे पहले केमिस्ट मर्डर केस के आरोपी से जुड़े होने के आरोपों से इनकार कर चुके हैं.

उन्होंने दावा कि कश्मीर के पूर्व भाजपा नेता तारिक अहमद मीर को हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर नवीद बाबू के लिए हथियार खरीदने के आरोप में 2020 में गिरफ्तार किया गया था. नवीद बाबू को पहले डीएसपी दविंदर सिंह के साथ गिरफ्तार किया गया था और आतंकियों को हथियार सप्लाई करने का आरोप लगाया गया था.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पुष्टि की है कि मीर, दविंदर सिंह का सहयोगी है. अगर दविंदर सिंह की जांच पूरी हो जाती, तो सच्चाई सामने आ जाती, लेकिन इसे बीच में ही रोक दिया गया.

कांग्रेस नेता ने अजॉय कुमार कहा कि साल 2017 में मध्य प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने भाजपा के आईटी सेल के सदस्य ध्रुव सक्सेना को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के लिए जासूसी करने के आरोप में 10 सहयोगियों के साथ गिरफ्तार किया था.

उन्होंने कहा कि जासूसी रिंग ने जासूसी की सुविधा के लिए एक अवैध टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित किया था. इसके दो साल बाद मध्य प्रदेश के बजरंग दल के नेता बलराम सिंह को आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था.

उन्होंने कहा कि 2017 में एक विशेष एनआईए अदालत ने असम भाजपा नेता निरंजन होजई को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. वह 1,000 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल पाया गया था, जिसे एक आतंकवादी समूह का समर्थन करने के लिए डायवर्ट किया गया था. उन्होंने कहा कि धन का इस्तेमाल हथियार खरीदने और हमारे सुरक्षा बलों पर हमले करने के लिए किया जाना था.

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने जानबूझकर मसूद अजहर के सहायक मोहम्मद फारूक खान को श्रीनगर नगर निगम चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया है. खान पहले जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट और हरकत-उल-मुजाहिदीन का सदस्य था.

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को 1999 में कंधार प्लेन हाईजैक के दौरान खूंखार आतंकवादी मसूद अजहर को रिहा करने का भी ‘गौरव’ प्राप्त है.

अजॉय कुमार ने दावा कि अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद आतंकी समूह की स्थापना की, जो 2001 के संसद हमले और 2008 के मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार था, जिसमें सैकड़ों मौतें हुईं.

उन्होंने यह भी कहा कि जैश 2019 के पुलवामा हमले का भी मास्टरमाइंड था, जिसमें सीआरपीएफ के 44 जवानों की मौत हो गई थी. पुलवामा की जांच क्यों नहीं हुई, यह एक रहस्य बना हुआ है?

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दों पर राजनीति करने में विश्वास नहीं करती है, लेकिन भाजपा और आतंकवादी गतिविधियों में पकड़े गए व्यक्तियों के बीच घनिष्ठ संबंधों के खुलासे ने सत्तारूढ़ दल से सवाल पूछने के लिए मजबूर किया, जो भारतीयों को राष्ट्रवाद के बारे में प्रचार करने का कोई मौका नहीं खोता है.’

राष्ट्रवाद की आड़ में भाजपा राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त है. उन्होंने आरोप लगाया कि आतंकवादी गतिविधियों में शामिल लोगों से पार्टी के संबंध राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं.

कांग्रेस नेता एवं सांसद रंजीत रंजन ने गुवाहाटी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘कांग्रेस आतंकवाद जैसे गंभीर राष्ट्रीय मुद्दों पर राजनीति करने में विश्वास नहीं करती.’

पटना में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरूपम ने आरोप लगाया कि उदयपुर में दर्जी की हत्या का मुख्य आरोपी भी भाजपा का सदस्य है. इस मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) कर रहा है.

भुवनेश्वर में कांग्रेस नेता विंग कमांडर अनुमा आचार्य (सेवानिवृत्त) ने आरोप लगाया कि लश्कर-ए-तैयबा के जिस आतंकवादी तालिब हुसैन शाह को लोगों ने पकड़ा था और जिसे बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था, वह जम्मू कश्मीर में भाजपा का पदाधिकारी था.

राज्यसभा सदस्य रंजन ने कहा, ‘भारतीयों को राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाने का कोई मौका नहीं चूकने वाली भाजपा और आतंकवादी गतिविधियों में पकड़े गए लोगों के बीच निकट संबंधों के कई खुलासे हमें सत्तारूढ़ दल से कुछ सीधे सवाल पूछने के लिए मजबूर करते हैं.’

उन्होंने कहा कि उग्रवादी से नेता बने निरंजन होजई वर्तमान में राज्य में भाजपा के नेता हैं. होजई को 2017 में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अदालत ने उग्रवादी गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए सरकारी धन के हेर-फेर से संबंधित एक मामले में दोषी ठहराया था.

आचार्य ने आरोप लगाया कि उसी वर्ष मध्य प्रदेश के आतंकवाद विरोधी दस्ते ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में भाजपा आईटी सेल के एक सदस्य को 10 सहयोगियों के साथ गिरफ्तार किया था.

निरूपम ने पटना में कहा कि भाजपा के पूर्व नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व सरपंच तारिक अहमद मीर को आतंकवादी गतिविधियों के वित्त पोषण के आरोप में दो साल पहले गिरफ्तार किया गया था.

तीनों नेताओं ने कहा कि खूंखार आतंकवादी मसूद अजहर को कंधार अपहरण के दौरान 1999 में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने रिहा किया था. अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह का गठन किया, जो 2001 के संसद हमले और 2008 के मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार है.

उन्होंने कहा कि इस संगठन ने 2019 के पुलवामा हमले का भी षड्यंत्र रचा था, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 44 जवान शहीद हो गए थे.

गौरतलब है कि उदयपुर हत्याकांड में दो आरोपियों की पहचान रियाज अटारी और गौस मोहम्मद के तौर पर की गई है. दोनों पर आरोप है कि उन्होंने पेशे से दर्जी कन्हैयालाल का 28 जून को सिर कलम कर दिया और घटना के ऑनलाइन वीडियो जारी कर दावा किया कि उन्होंने इस्लाम का अपमान करने का बदला लिया है.

इसी तरह महाराष्ट्र पुलिस ने बताया था कि बीते 21 जून को राज्य के अमरावती शहर में केमिस्ट उमेश प्रह्लादराव कोल्हे की चाकू मारकर हत्या कर दी. उन्होंने भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर कथित तौर पर कुछ टिप्पणी की थी. पुलिस ने संदेह जताया था कि इसी पोस्ट को लेकर उनकी हत्या कर दी गई.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)