गुजरात चुनाव का कार्यक्रम नहीं घोषित करने पर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने चुनाव आयोग की आलोचना की.
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने चुनाव आयोग की यह कहते हुए आलोचना की कि आयोग द्वारा गुजरात चुनाव कार्यक्रम घोषित करने में देरी कर उसने प्रधानमंत्री मोदी को अपनी अंतिम रैली में सारी चुनावी सौगातें बांटने के बाद चुनाव की तारीखें घोषित करने के लिए अधिकृत कर दिया.
पूर्व वित्त और गृहमंत्री ने यह भी दावा किया है कि गुजरात सरकार द्वारा सभी रियायतों और सौगातों की घोषणा करने के बाद अब चुनाव आयोग को उसकी लंबी छुट्टी से वापस बुला लिया जाएगा.
EC has authorised PM to announce date of Gujarat elections at his last rally (and kindly keep EC informed).
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) October 20, 2017
उन्होंने ट्वीट कर कहा, चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री को उनकी अंतिम रैली में गुजरात चुनाव की तारीख घोषित करने के लिए अधिकृत किया. चुनाव आयोग ने 12 अक्तूबर को घोषणा की थी कि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव नौ नवंबर को होंगे लेकिन गुजरात चुनाव कार्यक्रम की घोषणा नहीं की थी.
आयोग ने अब जाकर कहा है कि गुजरात में चुनाव 18 दिसंबर से पहले होंगे. हिमाचल प्रदेश में 09 नवंबर को वोटिंग होगी, मगर नतीजे 18 दिसंबर को आएंगे. वोटिंग और काउंटिंग के बीच इतने दिनों के अंतर को लेकर कांग्रेस समेत विपक्षी दल पहले ही सवाल खड़े कर चुके हैं.
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एक पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने ‘द वायर’ से बातचीत में कहा था कि गुजरात विधानसभा चुनाव की तिथि की घोषणा करने में देरी करके चुनाव आयोग की प्रतिष्ठा ख़त्म कर दी गई है. यह सालों से परंपरा रही है कि छह महीने के भीतर जिन राज्यों में चुनाव होता है, उनकी तैयारी और तिथियों की घोषणा चुनाव आयोग द्वारा एक साथ की जाती रही है.
उन्होंने आशंका जताई थी कि गुजरात विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा न किए जाने के पीछे का कारण यह दौरा हो सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी बिना आचार संहिता का उल्लंघन किए हुए नई योजनाओं, पैकेज और कार्यों की घोषणा कर सकते हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)