श्रीलंका: राष्ट्रपति राजपक्षे इस्तीफ़ा देने से पहले ही मालदीव भागे, देश में आपातकाल लगाया गया

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शनिवार को घोषणा की थी कि वे 13 जुलाई को अपने पद से इस्तीफ़ा देंगे, लेकिन उससे पहले ही वे आधी रात को सेना के विमान से अपने परिजनों संग मालदीव चले गए. बताया जा रहा है कि वे नई सरकार द्वारा गिरफ्तार किए जाने की आशंका के चलते इस्तीफ़ा देने से पहले विदेश जाना चाहते थे. इस बीच, भारत पर आरोप लगे हैं कि उसने राजपक्षे की देश छोड़ने में मदद की. श्रीलंका स्थित भारतीय उच्चायोग ने आरोपों का खंडन किया है.

Sri Lanka People's Front party presidential election candidate and former wartime defence chief Gotabaya Rajapaksa speaks during the launching ceremony of his election manifesto in Colombo, Sri Lanka October 25, 2019. REUTERS/Dinuka Liyanawatte

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शनिवार को घोषणा की थी कि वे 13 जुलाई को अपने पद से इस्तीफ़ा देंगे, लेकिन उससे पहले ही वे आधी रात को सेना के विमान से अपने परिजनों संग मालदीव चले गए. बताया जा रहा है कि वे नई सरकार द्वारा गिरफ़्तार किए जाने की आशंका के चलते इस्तीफ़ा देने से पहले विदेश जाना चाहते थे. इस बीच, भारत पर आरोप लगे हैं कि उसने राजपक्षे की देश छोड़ने में मदद की. श्रीलंका स्थित भारतीय उच्चायोग ने आरोपों का खंडन किया है.

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे. (फोटो: रॉयटर्स)

कोलंबो: श्रीलंका में जारी प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे बुधवार को देश छोड़कर मालदीव चले गए. उनके देश छोड़ने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने देश में आपातकाल लगाने की घोषणा कर दी. वहीं, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है.

इस बीच, श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग पर आरोप लगे हैं कि उसने देश छोड़ने में राजपक्षे की मदद की, जिसका उसने खंडन किया है.

बहरहाल, राजपक्षे देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण अपने और अपने परिवार के खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच देश छोड़ कर सेना के विमान से मालदीव गए. इससे पहले उन्होंने घोषणा की थी कि वे बुधवार को अपने पद से इस्तीफा देंगे.

श्रीलंका की वायु सेना ने एक संक्षिप्त बयान में बताया कि 73 वर्षीय नेता अपनी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों के साथ सेना के एक विमान में देश छोड़कर चले गए हैं.

बयान में कहा गया है, ‘सरकार के अनुरोध पर और संविधान के तहत राष्ट्रपति को मिली शक्तियों के अनुसार, रक्षा मंत्रालय की पूर्ण स्वीकृति के साथ राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों को 13 जुलाई को कातुनायके अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से मालदीव रवाना होने के लिए श्रीलंकाई वायु सेना का विमान उपलब्ध कराया गया.’

प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी राष्ट्रपति के देश छोड़ने की पुष्टि की है.

ऐसा बताया जा रहा है कि राजपक्षे नई सरकार द्वारा गिरफ्तार किए जाने की आशंका के चलते इस्तीफा देने से पहले विदेश जाना चाहते थे.

राजपक्षे ने शनिवार को घोषणा की थी कि वह बुधवार को इस्तीफा देंगे. उन्होंने गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर कब्जा जमाने के बाद यह घोषणा की थी.

राष्ट्रपति राजपक्षे ने संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को सूचित किया था कि वह 13 जुलाई को इस्तीफा देंगे.

जबकि, प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने पहले ही कह चुके थे कि वह इस्तीफा देने तथा सर्वदलीय सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए तैयार हैं.

लेकिन, राजपक्षे के देश छोड़ने के बाद संसद अध्यक्ष अभयवर्दने ने घोषणा की कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने अपने विदेश प्रवास के दौरान कामकाज संभालने के लिए प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे की नियुक्ति की है.

उन्होंने बताया कि यह संविधान के अनुच्छेद 37(1) के तहत किया गया है.

इस बीच, बड़ी संख्या में प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने इमारत को घेर लिया है.

प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय के बाहर 13 जुलाई को प्रदर्शनकारियों का हुजूम. (फोटो: रॉयटर्स)

बहरहाल, बीबीसी की एक खबर में कहा गया है कि राजपक्षे स्थानीय समयानुसार देर रात करीब तीन बजे मालदीव की राजधानी माले पहुंचे.

यहां सूत्रों ने मालदीव के अधिकारियों के हवाले से बताया कि गत रात वेलाना हवाई अड्डे पर मालदीव सरकार के प्रतिनिधियों ने राजपक्षे की अगवानी की. उन्हें पुलिस की सुरक्षा में अज्ञात स्थान पर ले जाया गया.

मालदीव की राजधानी माले में सूत्रों ने बताया कि राजपक्षे की देश छोड़कर मालदीव जाने में मालदीव के संसदीय अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मदद की है.

सूत्रों ने बताया कि मालदीव सरकार का तर्क है कि राजपक्षे अब भी श्रीलंका के राष्ट्रपति हैं और उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है या किसी उत्तराधिकारी को अपनी शक्तियां नहीं सौंपी हैं. अत: अगर वह मालदीव आना चाहते हैं तो इससे इनकार नहीं किया जा सकता है.

टीवी समाचार चैनलों पर प्रसारित खबरों के अनुसार, राजपक्षे के साथ 13 लोग मालदीव गए हैं. वे एएन32 विमान से मालदीव पहुंचे.

खबरों के अनुसार, मालदीव में नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने देश में किसी सैन्य विमान के उतरने के शुरुआती अनुरोधों को ठुकरा दिया था लेकिन बाद में अध्यक्ष नशीद के आग्रह पर विमान को उतरने की अनुमति दी गई.

राजपक्षे मालदीव से किसी अन्य देश जा सकते हैं, जिसके बारे में अभी जानकारी नहीं है.

श्रीलंका के ‘द मॉर्निंग’ समाचार पोर्टल की खबर में सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि राजपक्षे बुधवार की शाम को अंतिम गंतव्य देश में पहुंचने के बाद इस्तीफा भेज सकते हैं.

खबर के अनुसार, समझा जाता है कि राजपक्षे का इस्तीफा पत्र श्रीलंका के समयानुसार रात करीब आठ बजे अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्दने को भेजा जाएगा.

इस बीच, खबरें आ रही हैं कि राजपक्षे ने स्पीकर जयवर्दने को फोन करके आज ही इस्तीफा भेजे जाने की बात कही है.

राजपक्षे के देश छोड़ने की खबरें आने के बाद उत्साहित भीड़ सिंहली भाषा में ‘संघर्ष की जीत’ और ‘गो होम गोटा’ के नारे लगाते हुए गाले फेस ग्रीन में एकत्रित हो गई.

बीबीसी ने सूत्रों के हवाले से खबर दी कि राजपक्षे के छोटे भाई और पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे भी देश छोड़कर चले गए हैं.

द्वीपीय देश के सबसे खराब आर्थिक संकट के लिए काफी हद तक बासिल (71) को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. बासिल के पास अमेरिका का पासपोर्ट है.

इससे पहले सोमवार की रात को राजपक्षे और उनके भाई बासिल ने अपने और अपने परिवार के खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच देश छोड़ने की कोशिश की, लेकिन हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया था.

बासिल ने ईंधन, खाद्य पदार्थ और अन्य जरूरी वस्तुओं की कमी के खिलाफ लोगों की नाराजगी बढ़ने के बाद अप्रैल की शुरुआत में वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और जून में संसद में अपनी सीट त्याग दी थी.

आपातकाल

वहीं, राजपक्षे के देश छोड़ने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने मीडिया संगठनों को सूचना दी कि देश में आपातकाल लागू किया गया है और पश्चिमी प्रांत में कर्फ्यू लगाया गया है.

प्रधानमंत्री ने सुरक्षा बलों को उपद्रव कर रहे लोगों को गिरफ्तार करने तथा उनके वाहन जब्त करने का भी आदेश दिया.

इससे पहले पुलिस ने कोलंबो में फ्लावर स्ट्रीट पर प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के कार्यालय के समीप एकत्रित हुए प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे. इसके बावजूद वे अवरोधकों (बैरिकेड) को हटाकर प्रधानमंत्री के कार्यालय में घुस गए.

प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति राजपक्षे के देश छोड़कर मालदीव चले जाने की खबरें आने के बाद फ्लावर स्ट्रीट पर प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय की ओर कूच करते हुए उनसे इस्तीफा देने की मांग कर रहे थे.

‘कोलंबो गजट’ समाचार पोर्टल की खबर के अनुसार, प्रदर्शनकारी संसद अध्यक्ष के आवास के आसपास भी एकत्रित हो गए. स्थिति को काबू में करने के लिए सेना को तैनात किया गया है.

कोलंबो में अमेरिकी दूतावास ने अगले दो दिनों के लिए एहतियात के तौर पर अपनी सेवाएं बंद कर दी हैं.

भारत ने गोटबाया के देश छोड़ने में मदद करने की खबरों का खंडन किया

इस बीच, भारत ने बुधवार को मीडिया में आईं उन खबरों को ‘निराधार और कयास आधारित’ बताया जिनमें दावा किया गया था कि उसने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर मालदीव जाने में मदद की है.

श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया, ‘उच्चायोग मीडिया में आईं उन खबरों को ‘निराधार तथा महज अटकल’ के तौर पर खारिज करता है कि भारत ने गोटबाया राजपक्षे को श्रीलंका से बाहर जाने में मदद की.’

उसने कहा, ‘यह दोहराया जाता है कि भारत लोकतांत्रिक माध्यमों और मूल्यों, स्थापित लोकतांत्रिक संस्थानों और संवैधानिक रूपरेखा के जरिये समृद्धि एवं प्रगति की आकांक्षाओं को पूरा करने में श्रीलंका के लोगों का सहयोग करता रहेगा.’

नए राष्ट्रपति का चुनाव करने प्रयास तेज

वहीं, श्रीलंका के राजनीतिक दलों ने एक सर्वदलीय सरकार बनाने तथा दिवालिया हुए देश में अराजकता फैलने से रोकने के लिए 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं.

मुख्य विपक्षी दल समागी जन बालवेगया (एसजेबी) और पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना की श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) के बीच बैठक हुई.

राजनीतिक दलों ने संभावित उम्मीदवारों के समर्थन के लिए प्रचार अभियान शुरू कर दिया है. एसजेबी ने कहा कि वह सजित प्रेमदास को अंतरिम राष्ट्रपति नियुक्त करने के लिए प्रचार करेगी.

प्रेमदास ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री स्तर पर देश का नेतृत्व करने तथा अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए तैयार है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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