बिहार: पुलिस अधिकारी ने पीएफआई की तुलना आरएसएस से की, विवाद

बिहार पुलिस द्वारा कथित तौर पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से संबद्ध संदिग्ध आतंकियों को गिरफ़्तार करने की जानकारी देते हुए पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि 'जैसे आरएसएस अपनी शाखा आयोजित कर लाठी का प्रशिक्षण देता है, उसी प्रकार से ये लोग युवाओं को बुलाकर शारीरिक प्रशिक्षण देते थे और ‘ब्रेनवॉश’ कर उनके माध्यम से अपना एजेंडा लोगों तक पहुंचाने का काम करते थे.'

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पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों. (स्क्रीनग्रैब साभार: ट्विटर/@UtkarshSingh_)

बिहार पुलिस द्वारा कथित तौर पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से संबद्ध संदिग्ध आतंकियों को गिरफ़्तार करने की जानकारी देते हुए पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि ‘जैसे आरएसएस अपनी शाखा आयोजित कर लाठी का प्रशिक्षण देता है, उसी प्रकार से ये लोग युवाओं को बुलाकर शारीरिक प्रशिक्षण देते थे और ‘ब्रेनवॉश’ कर उनके माध्यम से अपना एजेंडा लोगों तक पहुंचाने का काम करते थे.’

पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों. (स्क्रीनग्रैब साभार: ट्विटर/@UtkarshSingh_)

पटना: बिहार पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के साथ संबंधों के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इसकी जानकारी देते हुए पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मानवजीत सिंह ढिल्लों ने पीएफआई की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से तुलना की.

पत्रकारों से बृहस्पतिवार को बातचीत के दौरान मानवजीत सिंह ढिल्लों ने पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में गिरफ्तार संदिग्ध आतंकियों द्वारा युवाओं को शारीरिक प्रशिक्षण दिए जाने के बारे में कहा, ‘जैसे आरएसएस अपनी शाखा आयोजित करता है और लाठी का प्रशिक्षण देता है, उसी प्रकार से ये लोग युवाओं को बुलाकर उन्हें शारीरिक प्रशिक्षण देते थे और उनका ‘ब्रेनवॉश’ कर उनके माध्यम अपना एजेंडा लोगों तक पहुंचाने का काम करते थे.’

पटना पुलिस ने बुधवार को फुलवारीशरीफ थाना अंतर्गत नया टोला मुहल्ला में छापेमारी कर पीएफआई से जुडे झारखंड के सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी मोहम्मद जलालुद्दीन के साथ प्रतिबंधित संगठन सिमी के पूर्व कार्यकर्ता रहे अतहर परवेज को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद एक स्थानीय निवासी और उनके लिए प्रशिक्षण आयोजित करने वाले अरमान मलिक को गिरफ्तार किया गया था.

पुलिस के अनुसार, मोहम्मद जलालुद्दीन के मकान में युवाओं को ‘शारीरिक प्रशिक्षण’ दिया जा रहा था.

ढिल्लों ने बताया कि फुलवारीशरीफ मामले में कुल 26 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें अधिकांश लोग बिहार के हैं और कुछ लोग बिहार के बाहर कर्नाटक के रहने वाले हैं. अभी जांच जारी है.

उन्होंने बताया कि पीएफआई से जुड़े ये लोग मस्जिद और मदरसों में युवाओं को जुटाने और कट्टरता को लेकर लगातार सक्रिय थे.

भाजपा नेताओं ने आरएसएस से तुलना पर नाराज़गी जताई, बयान वापस लेने की मांग

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमत्री सुशील कुमार मोदी ने पटना एसएसपी की उक्त टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा, ‘धर्मनिरपेक्ष भारत को इस्लामी देश बनाने की साजिश में लिप्त पीएफआई के संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद इस प्रतिबंधित संगठन से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)जैसे देशभक्त संगठन की तुलना करना नितांत निंदनीय और अज्ञानतापूर्ण है.’

उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि पटना के एसएसपी को ऐसा बयान तुरंत वापस लेना चाहिए और इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.

 

राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ऐसा संगठन है, जो देशप्रेम, उच्च आदर्श और सर्वधर्म समभाव का प्रवर्तन करने में लगभग एक सदी से निष्ठापूर्वक लगा है.

उन्होंने कहा कि जिस संगठन ने अटल बिहारी वाजपेयी, नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह जैसे अनेक यशस्वी नेतृत्व देश को दिए, उसकी तुलना आतंकवाद और कट्टरता को बढ़ावा देने वालों से बिल्कुल नहीं की जा सकती.

पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पटना के एसएसपी का यह कहना कि आरएसएस की गतिविधि और पीएफआई का प्रशिक्षण एक तरह का है, बहुत ही गैरजिम्मेदाराना, दुर्भाग्यपूर्ण और भर्त्सना योग्य है.

उन्होंने कहा, ‘मैं इसकी पूरी भर्त्सना करता हूं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक प्रामाणिक राष्ट्रवादी संगठन है. देश के विकास, संस्कृति, संस्कार को लेकर और आतंकवाद के खिलाफ उसके स्वयंसेवक हमेशा खडे रहते हैं. हमें गर्व है उनके काम पर. उसकी तुलना पीएफआई जैसे राष्ट्र विरोधी संगठन से करना, इससे बडी कोई गैर जिम्मेदाराना बात हो नहीं सकती.’

पटना साहिब के सांसद प्रसाद ने कहा कि उन्हें आश्वासन मिला है कि बिहार सरकार का पुलिस महकमा इस पर उचित कार्यवाही करेगा.

भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह दर्शाता है कि एसएसपी ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है. आप आरएसएस जैसे राष्ट्रवादी संगठन की तुलना पीएफआई से कैसे कर सकते हैं.’

हालांकि, जीतनराम मांझी की हिंदुस्तान अवाम मोर्चा ने पुलिस अधिकारी का समर्थन किया है.

एनडीटीवी के अनुसार, पार्टी प्रवक्ता डॉ. दानिश रिजवान ने कहा कि अधिकारी पर आरोप लगाना सही नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘उन्होंने बस इतना ही तो कहा है कि जैसे आरएसएस की शाखाओं में होता है वैसा ही वो लोग कर रहे थे. इसका मतलब ये नहीं है कि वे आरएसएस को आतंकी संगठन कह रहे थे.’

उन्होंने यह भी जोड़ा, ‘भाजपा जानबूझकर पटना एसएसपी को इस विवाद में घसीट रही है. अगर इस्लामिक स्टेट की बात करना अपराध है तो फिर हिंदू राष्ट्र की वकालत करना कहां से ठीक है? यदि इस्लामिक राष्ट्र की कल्पना करने वालों को जेल तो फिर हिंदू राष्ट्र की बात करने वालों को छूट क्यों?’

एनडीटीवी के अनुसार, भाजपा नेताओं के पुलिस अधिकारी के बयान की आलोचना के बाद नीतीश कुमार ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से ढिल्लों से 48 घंटों के अंदर इस मामले में स्पष्टीकरण मांगने को कहा है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)