संसद भवन परिसर का इस्तेमाल धरना-प्रदर्शन के लिए नहीं किया जा सकता: राज्यसभा सचिवालय

राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि संसद भवन परिसर का इस्तेमाल धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, अनशन या धार्मिक समारोहों के लिए नहीं किया जा सकता. यह निर्णय ऐसे समय में सामने आया है, जब एक दिन पहले ही लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी असंसदीय शब्दों के संकलन को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा था.

New Delhi: Congress President Sonia Gandhi with senior party leaders leads a protest against Maharashtra government formation issue, at Parliament premises in New Delhi, Monday, Nov. 25, 2019. (PTI Photo/Shahbaz Khan) (PTI11_25_2019_000042B)

राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि संसद भवन परिसर का इस्तेमाल धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, अनशन या धार्मिक समारोहों के लिए नहीं किया जा सकता. यह निर्णय ऐसे समय में सामने आया है, जब एक दिन पहले ही लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी असंसदीय शब्दों के संकलन को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा था.

विपक्ष के सदस्य विभिन्न मुद्दों को लेकर संसद भवन परिसर में धरना देते रहे हैं. (फाइल फोटो: पीटीआई)नई दिल्ली: संसद भवन परिसर का इस्तेमाल धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, अनशन या धार्मिक समारोहों के लिए नहीं किया जा सकता. राज्यसभा सचिवालय के बुलेटिन में यह बात कही गई है.

धरना, प्रदर्शन को लेकर यह बुलेटिन ऐसे समय में सामने आया है, जब एक दिन पहले ही लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी असंसदीय शब्दों के संकलन को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा था.

मानसून सत्र से पहले राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी द्वारा जारी बुलेटिन में इस विषय पर सदस्यों से सहयोग का अनुरोध किया गया है.

बुलेटिन में कहा गया है, ‘सदस्य संसद भवन परिसर का इस्तेमाल धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, अनशन या धार्मिक समारोहों के लिए नहीं कर सकते.’

कांग्रेस महासचिव एवं राज्यसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘विषगुरु का ताजा प्रहार… धरना मना है.’ उन्होंने इसके साथ 14 जुलाई का बुलेटिन भी साझा किया.

तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर ​कहा, ‘बाय द वे माननीय सांसद वाराणसी (नरेंद्र मोदी) ने अभी 4 दिन पहले नए संसद भवन के ऊपर एक धार्मिक समारोह किया था.’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘परिसर से गांधी जी की प्रतिमा को ही क्यों नहीं हटा देते और संविधान के अनुच्छेद 19(1) (ए) को मिटा देते?’

शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘क्या वे आगे संसद में पूछे जाने वाले सवालों पर भी प्रतिबंध लगाएंगे? आशा है कि मैंने ये जो सवाल पूछा है वह असंसदीय प्रश्न नहीं है.’

एक दिन पहले ही संसद में बहस आदि के दौरान सदस्यों द्वारा बोले जाने वाले कुछ शब्दों को असंसदीय शब्दों की श्रेणी में रखे जाने के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरते हुए कहा था कि सरकार की सच्चाई दिखाने के लिए विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी शब्द अब ‘असंसदीय’ माने जाएंगे.

इस श्रेणी में ‘जुमलाजीवी’, ‘बाल बुद्धि सांसद’, ‘शकुनी’, ‘जयचंद’, ‘लॉलीपॉप’, ‘चांडाल चौकड़ी’, ‘गुल खिलाए’ आदि तमाम शब्दों को शा​मिल किया गया हैं, जिनका संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) की कार्यवाही के दौरान सदस्य चर्चा में हिस्सा लेते हुए इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे.

इस सूची में ‘चमचा’, ‘चमचा​गीरी’, ‘चेला’, ‘शर्म’, ‘दुर्व्यवहार’, ‘नाटक’, ‘पाखंड’ और ‘अक्षम’ जैसे शब्द भी शामिल किए गए हैं. ‘अराजकतावादी’, ‘तानाशाही’, ‘तानाशाह’, ‘तड़ीपार’, ‘जयचंद’, ‘विनाश पुरुष’, ‘निकम्मा’, ‘खालिस्तानी’, ‘दोहरा चरित्र’, ‘नौटंकी’, ‘ढिंडोरा पीठना’, ‘बहरी सरकार’ को भी रखा गया है.

इसके अलावा ‘दंगा’, ‘दलाल’, ‘दादागीरी’, ‘बेचारा’, ‘विश्वासघात’, ‘संवेदनहीन’, ‘मूर्ख’, ‘पिट्ठू’ और ‘यौन उत्पीड़न’ जैसे शब्दों को भी असंसदीय माना जाएगा. ऐसे शब्दों के प्रयोग को अमर्यादित आचरण माना जाएगा और वे सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं होंगे.

इस संकलन में अंग्रेजी के कुछ शब्दों एवं वाक्यों को भी शामिल किया गया है, जिनमें ‘कोविड स्प्रेडर’, ‘स्नूपगेट’, ‘आई विल कर्स यू’, ‘बिटेन विद शू’, ‘बिट्रेड’, ‘ब्लडशेड’, ‘ब्लडी’, ‘चीटेड’, ‘शेडिंग क्रोकोडाइल टियर्स’, ‘डंकी’, ‘गून्स’, ‘माफिया’, ‘रबिश’, ‘स्नेक चार्मर’, ‘टाउट’, ‘ट्रेटर’, ‘विच डाक्टर’, ‘अशेम्ड’, ‘अब्यूज़्ड’, ‘चाइ​ल्डिशनेस’, ‘करप्ट’, ‘कॉवर्ड’, ‘क्रिमिनल’ आदि शमिल हैं. ‘डिस्ग्रेस’, ‘ड्रामा’, ‘आईवॉश’, ‘फज’, ‘हूलीगनिज़्म’, ‘हिप्पोक्रेसी’, ‘इनकॉम्पीटेंट’, ‘मिसलीड’, ‘लाई’, ‘अनट्रू’ जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर भी रोक लगाई गई है.

हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्पष्ट किया था कि संसदीय कार्यवाही के दौरान किसी शब्द के प्रयोग को प्रतिबंधित नहीं किया गया है, बल्कि उन्हें संदर्भ के आधार पर कार्यवाही से हटाया जाता है तथा सभी सदस्य सदन की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं.

लोकसभा सचिवालय ने ‘असंसदीय शब्द 2021’ शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों एवं वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है, जिसमें जुमलाजीवी, बाल बुद्धि सांसद, शकुनी, जयचंद, लॉलीपॉप, चांडाल चौकड़ी, गुल खिलाए, तानाशाह, भ्रष्ट, ड्रामा, अक्षम, पिट्ठू जैसे शब्द शामिल हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)