बेरोज़गारी दर दोगुनी होने और रुपये की गिरती कीमत को लेकर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को घेरा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सेंटर फॉर मॉनीटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के हवाले से बताया है कि 2017-18 में 20 से 24 साल के युवाओं के बीच बेरोज़गारी दर 21 प्रतिशत थी, जो वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़कर 42 प्रतिशत हो गई.  राहुल गांधी ने कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री से पूछा है कि क्या भारत के बेरोज़गार युवा दो करोड़ नौकरी प्रति वर्ष देने के आपके झूठ के लिए गुमराह, विश्वासघात और धोखे जैसे ‘असंसदीय’ शब्दों का इस्तेमाल कर सकते हैं?

राहुल गांधी. (फोटो साभार: फेसबुक)

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सेंटर फॉर मॉनीटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के हवाले से बताया है कि 2017-18 में 20 से 24 साल के युवाओं के बीच बेरोज़गारी दर 21 प्रतिशत थी, जो वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़कर 42 प्रतिशत हो गई.  राहुल गांधी ने कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री से पूछा है कि क्या भारत के बेरोज़गार युवा दो करोड़ नौकरी प्रति वर्ष देने के आपके झूठ के लिए गुमराह, विश्वासघात और धोखे जैसे ‘असंसदीय’ शब्दों का इस्तेमाल कर सकते हैं?

राहुल गांधी. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले पांच वर्षों के दौरान 20 से 24 साल के युवाओं में बेरोजगारी दर दोगुनी होने को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए पूछा कि क्या प्रधानमंत्री के ‘झूठ’ के लिए देश के नौजवान ‘गुमराह’, ‘विश्वासघात’ और ‘धोखे’ जैसे ‘असंसदीय’ शब्दों का इस्तेमाल कर सकते हैं.

उन्होंने सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) के आंकड़े का हवाला देकर एक ग्राफ ट्विटर पर साझा करते हुए कहा, ‘गुमराह, विश्वासघात, धोखा… प्रधानमंत्री जी, क्या भारत के बेरोजगार युवा आपके झूठ के लिए इन ‘असंसदीय’ शब्दों का इस्तेमाल कर सकते हैं?’

राहुल गांधी ने जो ग्राफ साझा किया उसमें दर्शाया गया है कि वित्त वर्ष 2017-18 में 20 से 24 साल के नौजवानों के बीच बेरोजगारी दर 21 प्रतिशत थी, जो वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़कर 42 प्रतिशत हो गई.

ग्राफ में पिछले पांच वर्षों में बेरोजगारी के प्रतिशत को एक पोस्टर के साथ दिखाया गया जिसमें प्रधानमंत्री से पूछा गया है, ‘कहां हैं हर वर्ष 2 करोड़ नौकरियां प्रधानमंत्री?’

गांधी का यह हमला लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी एक पुस्तिका में आम इस्तेमाल के कुछ शब्दों को ‘‘असंसदीय’ शब्दों के रूप में वर्गीकृत किए जाने पर विपक्ष की आपत्तियों के बाद आया है.

सीएमआईई द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर 14 जुलाई 2021 तक भारत में बेरोजगारी दर 7.3 फीसदी है. इससे पहले भारत में बेरोजगारी दर मार्च 2021 में 6.5 फीसदी से बढ़कर अप्रैल 2021 में 8 फीसदी हो गई थी, जो मई के अंत तक 14.7 फीसदी हो गई, जबकि रोजगार दर मार्च में 37.6 फीसदी से गिरकर अप्रैल में 36.8 फीसदी रह गई.

जून के महीने में हरियाणा में सबसे अधिक बेरोजगारी दर है, जो कि 30.6 फीसदी है, जबकि इसी महीने में मध्य प्रदेश में सबसे कम 0.5 फीसदी की दर दर्ज की गई है.

देश में बढ़ती बेरोजगारी का एक प्रमुख कारण कोविड-19 महामारी और उसके बाद सरकार द्वारा इसे रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन हैं. लॉकडाउन के दौरान व्यापार में काफी घाटा होने के कारण कई उद्योगों को बंद करना पड़ा और श्रमिकों की छंटनी करनी पड़ी थी.

बहरहाल, राहुल गांधी इतने पर ही नहीं रुके. उन्होंने डॉलर के मुकाबले कमजोर होते रुपये की कीमतों को लेकर भी प्रधानमंत्री पर निशाना साधा.

उन्होंने अगले ट्वीट में एक 33 सेकंड की वीडियो क्लिप साझा की, जिसमें जुलाई 2014 से जुलाई 2022 के बीच डॉलर के मुकाबले गिरती रुपये की कीमत को एक ग्राफ में दिखाया गया है.

साथ ही, इस वीडियो में बैकग्राउंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आवाज है, जिसमें वे कह रहे हैं, ‘सवा सौ करोड़ का देश आज निराशा की गर्त में डूबा हुआ है. तेजी से रुपये की कीमत टूटती गई है, गिरावट आई है. दूसरी तरफ सरकार की ओर से एक भी कदम लिया गया हो, ऐसे कोई भी संकेत नजर नहीं आ रहे हैं. कभी-कभी तो लगता है कि दिल्ली की सरकार और रुपये के बीच कॉम्पटीशन चल रहा है कि किसकी आबरू तेजी से नीचे गिरती चली जा रही है. इस प्रकार से रुपया इतनी तेजी से गिर नहीं सकता. क्या कारण है कि हिंदुस्तान का रुपया पतला होता जा रहा है?’

इस वीडियो के साथ राहुल गांधी ने कैप्शन में लिखा है, ‘देश निराशा में डूबा है… ये आपके ही शब्द हैं न प्रधानमंत्री जी?’ गांधी ने आगे कटाक्ष करते हुए लिखा है, ‘उस वक़्त आप जितना शोर मचाते थे, आज रुपये की मत तेजी से गिरती देखकर उतने ही मौन हैं.’

साथ ही, हैशटैग देते हुए रुपये के 80 रुपये प्रति डॉलर के पार जाने की संभवाना व्यक्त करते हुए लिखा है, ‘अबकी बार, अस्सी पार.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)