ब्रिटेन के वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय में आर्किटेक्चर की प्रोफेसर और शोध निदेशक लिंडसे ब्रेमर आईआईटी मद्रास और उनके विश्वविद्यालय के बीच एक अनुबंध के तहत बीते 17 जुलाई को भारत आई थीं, लेकिन चेन्नई हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें बिना कोई वैध कारण बताए वापस लंदन भेज दिया. बीते मार्च में प्रसिद्ध ब्रिटिश मानवविज्ञानी फिलिपो ओसेला को भी भारत आने से रोक दिया गया था.
नई दिल्ली: वर्ष 2022 में ऐसा दूसरा मामला सामने आया है, जब किसी अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लेखक या विद्वान को वैध पासपोर्ट और वीजा होने के बावजूद भारत में प्रवेश देने से मना कर दिया गया हो.
रविवार (17 जुलाई) को भी ऐसा हुआ जब कई पुरस्कार जीत चुकीं वास्तुकार (आर्किटेक्ट) और विद्वान लिंडसे ब्रेमर को चेन्नई हवाई अड्डे से वापस लौटा दिया गया. इसके पीछे अधिकारी केवल ‘’आव्रजन मुद्दों’ को वजह बता रहे हैं.
ब्रेमर वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर एंड सिटीज में वास्तुकला की प्रोफेसर और शोध निदेशक हैं. उन्होंने ट्वीट करके बताया कि उन्हें भारत में प्रवेश करने की अनुमति न देने के संबंध में कोई वैध कारण नहीं बताया गया और लंदन की फ्लाइट से वापस भेज दिया गया.
Was denied entry to India today despite having a valid visa and UK passport. Reason given – immigration issues. When pressed, was again told immigration issues. Put on a flight back to London without any room for recourse. pic.twitter.com/FXEQt8zPsl
— Lindsay Bremner (@lindsay_bremner) July 17, 2022
द वायर ने ब्रेमर से उनके भारत दौरे के संबंध में बात की, जिस पर उन्होंने जवाब दिया, ‘मुझे लंदन के उच्चायोग द्वारा बी-2 वीजा दिया गया था, जो कि आईआईटी मद्रास के साथ मेरे विश्वविद्यालय के एक समझौते के आधार पर था, ताकि आगे सहयोग के अवसर तलाशे जा सकें. इसलिए यह एक अकादमिक यात्रा थी.’
मार्च 2022 में भी प्रसिद्ध ब्रिटिश मानवविज्ञानी फिलिपो ओसेला को तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों द्वारा भारत में प्रवेश करने से रोक दिया गया था. जीवन भर केरल पर शोध और लेखन करने में बिता देने वाले विद्वान को इसका कोई कारण नहीं बताया गया था.
बहरहाल वेस्टमिंटर विश्वविद्यालय और आईआईटी मद्रास के बीच समझौता ज्ञापन होने के बावजूद भी ऐसा क्या था जिसके चलते अधिकारियों ने प्रोफेसर लिंडसे ब्रेमर को भारत में प्रवेश करने से रोका, यह अब तक अज्ञात है.
उनके प्रकाशित कार्यों में सेडिमेंटरी लॉजिक्स एंड द रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप इन बांग्लादेश (2020), प्लानिंग द चेन्नई फ्लड (2020), थिंकिंग आर्किटेक्चर फ्रॉम एन इंडियन ओसियन एक्वापेलैगो (2016), फ्लुइड ओन्टोलॉजीज इन द सर्च फॉर एमएच 370 (2014), फोल्डेड ओशन: द स्पैटियल ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ द इंडियन ओशन वर्ल्ड (2013) और जोहान्सबर्ग पर शोध शामिल हैं.
उनकी ट्विटर प्रोफाइल देखने पर पता चलता है कि वे अक्सर भारत से संबंधित मुद्दों को रीट्वीट करने के लिए जानी जाती हैं.
8 जुलाई को उन्होंने भू-वैज्ञानिक राममूर्ति श्रीधर के एक पोस्ट को रीट्वीट किया था, जिन्होने स्वयं किसी माजू वर्गीस के पोस्ट को उद्धृत किया था, जिसमें दावा किया गया था कि विझिनजाम में अडानी समूह द्वारा निर्माण के चलते तटीय क्षरण हुआ है, जिससे तिरुवनंतपुरम में समुद्र का पानी 200 से अधिक घरों में प्रवेश कर गया है.
The guys who did the EIA and the committee which cleared the project must be held liable apart from the proponents. https://t.co/CVg0YbsKq2
— Sreedhar Ramamurthi (@environicsindia) July 8, 2022
इस महीने की शुरुआत में उन्होंने एक खबर को रीट्वीट किया था कि क्या चेन्नई को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए एक जलवायु कार्य योजना की जरूरत है.
Notes on a possible Chennai Climate Action planhttps://t.co/qEzKLHCtGg
— Aditya Ramesh (@adityaramesh11) July 4, 2022
लगभग उसी समय उन्होंने इंडिया वाटर पोर्टल के एक लेख को भी रीट्वीट किया था, जिसमें मुद्दा उठाया गया था कि क्या भारी धातु प्रदूषण पूर्वी कोलकाता की आर्द्र भूमि को जहरीला कर रहा है, मछलियों को प्रभावित कर रहा है और उन लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर रहा है, जो अपने भोजन के लिए मछली पर निर्भर हैं.
Heavy metal pollution is poisoning the East Kolkata wetlands, affecting fish and posing a threat to the health of humans who depend on this fish for their food. Urgent action is needed!#wetlands #humanhealth #fish #foodsecurity
— India Water Portal (@indiawater) July 4, 2022
इससे पहले मई में ब्रेमर ने questionofcities.org में प्रकाशित नित्यानंद जयारमन के एक लेख ‘चेन्नई का नया हवाई अड्डा पानी पर कैसे बनाया जाएगा’ को भी शेयर किया था.
Future Tense: Chennai’s new airport will be built on water.
Check out QoC — the new online journal dedicated to all things urban. @lindsay_bremner @karencoelho12 @liquidperson @NayanikaM @itihaashtag @GhoshAmitav @tmkrishna @SundarrajanG https://t.co/9GYMqzHZEQ
— NityanandJayaraman (@NityJayaraman) May 21, 2022
यह विषय ब्रेमर के दिल के करीब है. चेन्नई पर उनके पेपर में कहा गया है कि चेन्नई में 2015 की बाढ़ विभिन्न नीतियों, योजनाओं और प्रक्रियाओं का परिणाम हो सकती है.
भारत से बाहर जाने पर भी अस्पष्टीकृत प्रतिबंध
आव्रजन अधिकारियों का यह दृष्टिकोण- जिसमें भारत में प्रवेश देने से इनकार करने की कार्रवाई के पीछे का कारण नहीं बताया जाता है- बिल्कुल उसी तरह का है जब वे विद्वान, पत्रकार और कार्यकर्ताओं को भारत छोड़ने से रोक देते हैं.
इस महीने की शुरुआत में कश्मीरी फोटो जर्नलिस्ट सना इरशाद मट्टू, जो अपनी तस्वीरों के लिए 2022 का पुलित्जर पुरस्कार जीत चुकी हैं, को वैध फ्रांसीसी वीजा होने के बावजूद दिल्ली से पेरिस के लिए उड़ान भरने से आव्रजन अधिकारियों ने रोक दिया था.
मट्टू एक बुक लॉन्च और सेरेन्डिपिटी आर्ल्स ग्रांट 2020 के10 विजेताओं में से एक के तौर पर फोटो प्रदर्शनी में शामिल होने के लिए फ्रांस की राजधानी पेरिस जा रही थीं.
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