लुलु मॉल में अनधिकृत रूप से नमाज़ पढ़ने के सभी सात आरोपी गिरफ़्तार: लखनऊ पुलिस

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के नवनिर्मित लुलु मॉल में कथित तौर पर नमाज़ अदा करते लोगों का एक वीडियो बीते 13 जुलाई को सोशल मीडिया पर सामने आया था. पुलिस ने बताया कि वीडियो में सात आरोपी नज़र आए थे, जिन्हें अब गिरफ़्तार कर लिया गया है. एक हिंदुत्ववादी संगठन द्वारा मॉल में नमाज़ पर आपत्ति जताने और वहां हनुमान चालीसा पढ़ने की अनुमति मांगने के बाद विवाद खड़ा हो गया था.

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लखनऊ स्थित लुलु मॉल. (फोटो: पीटीआई)

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के नवनिर्मित लुलु मॉल में कथित तौर पर नमाज़ अदा करते लोगों का एक वीडियो बीते 13 जुलाई को सोशल मीडिया पर सामने आया था. पुलिस ने बताया कि वीडियो में सात आरोपी नज़र आए थे, जिन्हें अब गिरफ़्तार कर लिया गया है. एक हिंदुत्ववादी संगठन द्वारा मॉल में नमाज़ पर आपत्ति जताने और वहां हनुमान चालीसा पढ़ने की अनुमति मांगने के बाद विवाद खड़ा हो गया था.

लखनऊ स्थित लुलु मॉल. (फोटो: पीटीआई)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बने नवनिर्मित लुलु मॉल परिसर में कथित तौर पर अनधिकृत रूप से नमाज पढ़ने के आरोप में पुलिस ने रविवार को दो और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

दो और लोगों की गिरफ्तारी के बाद अब तक इस संबंध में गिरफ्तार कुल आरोपियों की संख्या सात हो गई है. कथित तौर पर नमाज पढ़ने से संबंधित वायरल वीडियो में कुल सात लोगों की पहचान की गई थी.

अपर पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया, ‘लखनऊ के सआदतगंज इलाके के रहने वाले इरफान अहमद और सऊद को गिरफ्तार किया गया है. मामले के अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं. गिरफ्तार लोगों में से कोई भी लुलु मॉल का कर्मचारी नहीं है.’

राजेश श्रीवास्तव ने बताया, ‘दो और लोगों के पकड़ में आने के साथ मामले के सभी सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.’

इससे पहले बीते 19 जुलाई को मॉल में अनधिकृत रूप से नमाज पढ़ने को लेकर चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था. उनकी पहचान मोहम्मद रेहान, आतिफ खान, मोहम्मद लोकमान और उनके भाई मोहम्मद नोमान के रूप में की गई थी.

पुलिस ने पांचवें आरोपी व्यक्ति मोहम्मद आदिल को शनिवार (23 जुलाई) को गिरफ्तार किया गया था.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, अपर पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) श्रीवास्तव ने कहा कि दोनों को रविवार को चौपटिया लेन से गिरफ्तार किया गया. दोनों की पहचान मोहम्मद रऊफ (28) और सऊद अजीज (25) के रूप में हुई है.

श्रीवास्तव ने कहा, ‘रऊफ और सऊद चौक इलाके में कशीदाकारी का काम करते हैं और दोस्तों के साथ मॉल गए थे.’

अधिकारी ने कहा कि मॉल के अंदर लगे सीसीटीवी में दोनों को मॉल में प्रवेश करते, कुछ सामान खरीदते और नमाज पढ़ते देखा गया.

मॉल में पुलिस के साथ पीएसी की एक कंपनी भी तैनात की गई है, ताकि निगरानी रखी जा सके और निगरानी के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.

गौरतलब है कि बीते 13 जुलाई को लुलु मॉल में नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल हुआ था.

रिपोर्ट के अनुसार, 14 जुलाई को मॉल प्रबंधन, जिसकी लोगों को नमाज अदा करने की अनुमति देने के लिए आलोचना की गई थी, ने अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295ए (धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर किया गया कार्य) के तहत एफआईआर) दर्ज की थी.

वीडियो क्लिप के आधार पर दक्षिणपंथी हिंदू समूह अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने लोगों द्वारा मॉल के अंदर नमाज अदा करने पर आपत्ति जताते हुए अधिकारियों से वहां हनुमान चालीसा पढ़ने की अनुमति मांगी थी, जिसे अस्वीकार कर दिया गया था.

महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता होने का दावा करने वाले शिशिर चतुर्वेदी ने आरोप लगाया था कि एक विशेष समुदाय के लोगों को मॉल के अंदर पूजा करने की अनुमति दी जा रही है.

शिशिर चतुर्वेदी और संगठन के अन्य लोगों ने थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी.

शिकायत में कहा गया था, ‘मॉल के अंदर नमाज पढ़ी गई, जो कि सार्वजनिक स्थलों पर नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं होने संबंधी नीति के खिलाफ है. सोशल मीडिया पर प्रसारित खबरों के मुताबिक लुलु मॉल में पुरुष कर्मचारियों में 70 प्रतिशत मुस्लिम हैं और 30 प्रतिशत महिला कर्मचारी हिंदू समुदाय से है. ऐसा करके लुलु मॉल प्रबंधन लव जिहाद को बढ़ावा दे रहा है.’

इसके बाद लुलु मॉल के महाप्रबंधक समीर वर्मा ने एक वीडियो जारी कर कहा था, ‘लुलु मॉल सभी धर्मों का आदर करता है. मॉल के अंदर किसी भी तरह का धार्मिक कार्य या इबादत की इजाजत नहीं है. हम अपने स्टाफ तथा सुरक्षाकर्मियों को ऐसी गतिविधियों पर नजर रखने का प्रशिक्षण देते हैं.’

मॉल प्रबंधन ने बीते 18 जुलाई को एक बयान जारी कर कहा था, ‘हमारे यहां जितने भी कर्मचारी हैं, उनमें स्थानीय उत्तर प्रदेश एवं देश के विभिन्न हिस्सों के लोग हैं. उनमें से 80 प्रतिशत से अधिक हिंदू तथा बाकी मुस्लिम, ईसाई एवं अन्य समुदायों से हैं.’

इस बीच 15 जुलाई को सरोज नाथ योगी, कृष्ण कुमार पाठक और गौरव गोस्वामी के रूप में पहचाने गए तीन लोगों को मॉल के अंदर हनुमान चालीसा पढ़ने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

16 जुलाई को मॉल की पूर्वी सीमा पर पूजा करने की कोशिश कर रहे और नारे लगाते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था. 17 जुलाई को एक हिंदू संगठन से जुड़े दो दर्जन से अधिक लोगों को मॉल के बाहर विरोध प्रदर्शन करने से रोका गया था.

बहरहाल स्थानीय पुलिस ने शहीद पथ स्थित मॉल के पास सुरक्षा बढ़ा दी है.

उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े मॉल कहे जा रहे लुलु मॉल का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 जुलाई को उद्घाटन किया था. इस दौरान राज्य सरकार के कई मंत्री तथा लुलु समूह के अध्यक्ष युसूफ अली भी मौजूद थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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