जम्मू कश्मीर के बडगाम ज़िले के चादूरा में शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए एक परिपत्र में हर घर तिंरगा अभियान के लिए छात्रों से 20 रुपये मांगे जाने का मामला सामने आया है. इसी तरह अनंतनाग ज़िले में छात्रों और शिक्षकों के अलावा दुकानदारों से कथित तौर पर 20 रुपये फीस देने को कहा गया था. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि देशभक्ति स्वतः आती है और इसे थोपा नहीं जा सकता.
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के बडगाम में शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए एक परिपत्र से विवाद उत्पन्न हो गया है, जिसमें ‘हर घर तिंरगा’ अभियान के लिए छात्रों से 20 रुपये मांगे गए हैं.
इसी तरह स्वतंत्रता दिवस के लिए एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के हिस्से के रूप में अनंतनाग में दुकानदारों को तिरंगे के लिए डिपॉजिट राशि के तौर पर 20 रुपये का भुगतान करने या कार्रवाई का सामना करने के लिए कहा गया था. ये मामला सामने आने के बाद जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि झंडा अभियान पूरी तरह से स्वैच्छिक है.
बडगाम जिले के चादूरा जोनल शिक्षा अधिकारी (जेडईओ) द्वारा बीते 16 जुलाई को क्षेत्र के सभी स्कूलों को एक परिपत्र जारी किया गया था, जिसमें इन संस्थानों के प्रमुखों को आजादी का अमृत महोत्सव के तहत शुरू किए गए अभियान के लिए प्रत्येक छात्र और स्टाफ सदस्य से धन एकत्र करने का निर्देश दिया गया था.
परिपत्र में कहा गया, ‘मुख्य शिक्षा अधिकारी बडगाम के निर्देशों के अनुसार, इस क्षेत्र के सभी संस्थान प्रमुखों को छात्रों और स्कूल के स्टाफ सदस्यों से प्रति व्यक्ति 20 रुपये एकत्र करने के लिए कहा जाता है जो चार दिन के भीतर जेडईओ कार्यालय में जमा किए जाने चाहिए.’
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता और चरार-ए-शरीफ के पूर्व विधायक गुलाम नबी लोन हंजुरा ने परिपत्र की एक प्रति सोशल मीडिया पर पोस्ट की और प्रशासन से सवाल किया.
हंजुरा ने ट्वीट किया, ‘ऐसे आदेश से दुख होता है जो मंडलायुक्त के इस बयान के विपरीत है कि ‘हर घर तिरंगा’ पूरी तरह से एक स्वैच्छिक आंदोलन है और इसमें कोई बाध्यता नहीं है. प्रशासन को यह महसूस करना चाहिए कि राष्ट्रवाद स्वाभाविक रूप से आता है और इसे बंदूक के दम पर नहीं थोपा जा सकता.’
Sad to see such orders being issued which contradict Div Com's statement that “Har Ghar Tiranga” is totally a voluntary movement and there is no compulsion & insistence in it. Admin must realize that nationalism comes naturally & can't be imposed through the barrel of a gun. pic.twitter.com/8DPqezIUgG
— Ghulam Nabi Lone Hanjura (@LoneHanjura) July 24, 2022
बडगाम के उप-मुख्य शिक्षा अधिकारी इंद्रजीत सिंह ने हालांकि कहा कि परिपत्र गलती से जारी हो गया और अंशदान स्वैच्छिक है. उन्होंने कहा कि संबंधित जोनल शिक्षा अधिकारी ने पहले ही इस संबंध में शुद्धिपत्र जारी कर दिया है.
हंजुरा ने भाजपा द्वारा निकाली गई विजय दिवस तिरंगा यात्रा के चलते सोमवार को लाल चौक क्षेत्र में दो स्कूलों को बंद करने के प्रशासन के फैसले पर भी सवाल उठाया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इसी तरह अनंतनाग के मुख्य शिक्षा अधिकारी सीईओ ने बीते 22 जुलाई को जिले के स्कूलों के लिए सर्कुलर जारी कर छात्रों और शिक्षकों को 20 रुपये फीस देने को कहा. सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किए जाने के बाद इस सर्कुलर को वापस ले लिया गया.
दक्षिण कश्मीर के इस जिले में लाउडस्पीकर से लैस वाहन से दुकानदारों के लिए भी घोषणा की गई.
अनंतनाग के डिप्टी कमिश्नर डॉ. पीयूष सिंगला ने बीते रविवार को कहा कि यह उनकी अनुमति के बिना हुआ था और इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति (उद्घोषक) को निलंबित कर दिया गया है.
सिंगला ने बताया, ‘प्रशासन से इस तरह की घोषणा के लिए कोई मंजूरी नहीं थी. यह विशुद्ध रूप से एक स्वैच्छिक अभियान है और उद्घोषक ने इसे अपने दम पर किया.’
उनके स्पष्टीकरण से पहले बीते 23 जुलाई को लाउडस्पीकरों के माध्यम से निम्नलिखित घोषणा की गई थी, ‘अनंतनाग जिला प्रशासन के आदेश से प्रत्येक दुकानदार को कार्यालय में 20 रुपये जमा करने के लिए कहा जाता है, जो उन्हें व्यापार लाइसेंस देता है. संभव है कि 20 रुपये जमा नहीं करने वाले पर कार्रवाई हो सकती है, इसलिए खुद को बचाने और इस औपचारिकता को पूरा करने के लिए आपको 20 रुपये जमा करने होंगे.’
स्वतंत्र भारत के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. इसके तहत केंद्र सरकार 13 से 15 अगस्त तक ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रही है
जिले के बिजबेहरा कस्बे में सोमवार दोपहर तक दुकानदारों को पैसे जमा कराने को कहा गया था. घोषणा में यह नहीं बताया गया था कि अनुपालन करने में विफल रहने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा सकती है.
रिपोर्ट के अनुसार, इस संबंध में कश्मीर स्कूल शिक्षा निदेशक तसदुक हुसैन मीर का बयान लेने के लिए कई कॉल किए गए, लेकिन उनसे जवाब नहीं मिल सका.
इस घटनाक्रम पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जम्मू कश्मीर प्रशासन पर ‘हर घर तिरंगा’ मुहिम के तहत लोगों को राष्ट्रीय ध्वज खरीदने के लिए ‘मजबूर’ करने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि देशभक्ति स्वत: आती है और इसे थोपा नहीं जा सकता.
मुफ्ती द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए एक कथित वीडियो में दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले की बिजबेहरा नगरपालिका में एक वाहन के ऊपर लगे लाउडस्पीकर से एक सार्वजनिक घोषणा होती सुनाई दे रही है, जिसमें क्षेत्र के दुकानदारों से मुहिम के लिए तिरंगा खरीदने के उद्देश्य से 20-20 रुपये जमा करने के लिए कहा जा रहा है.
The manner in which J&K admin is forcing students, shopkeepers & employees to pay for national flag to hoist it is as if Kashmir is an enemy territory that needs to be captured. Patriotism comes naturally & can’t be imposed. pic.twitter.com/FdMDBrouev
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) July 24, 2022
मुफ्ती ने कहा, ‘जम्मू कश्मीर प्रशासन जिस तरह से छात्रों, दुकानदारों और कर्मचारियों को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए भुगतान करने को मजबूर कर रहा है, उससे ऐसा लगता है कि कश्मीर एक दुश्मन क्षेत्र है, जिस पर कब्जा करने की जरूरत है. देशभक्ति स्वत: आती है और इसे थोपा नहीं जा सकता.’
पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन के प्रवक्ता और माकपा नेता तारिगामी ने प्रशासन के इस दावे पर सवाल उठाया कि अभियान स्वैच्छिक था.
Div Com, Kashmir has said that #HarGharTiranga is a voluntary initiative. But,on the other hand, local administration makes announcements on loudhailers asking traders to deposit Rs 20 to buy Tiranga,and non-compliance may result in action. Whose writ runs, I wonder? pic.twitter.com/CRNmiXETd1
— M Y Tarigami (@tarigami) July 24, 2022
तारिगामी ने ट्वीट में कहा, ‘संभागीय आयुक्त कश्मीर ने कहा है कि हर घर तिरंगा एक स्वैच्छिक पहल है, लेकिन दूसरी ओर स्थानीय प्रशासन लाउडस्पीकर पर घोषणा करते हुए व्यापारियों को तिरंगा खरीदने के लिए 20 रुपये जमा करने के लिए कहा जाता है और गैर-अनुपालन के परिणामस्वरूप कार्रवाई हो सकती है.’
इसी बीच, लाउडस्पीकर पर हर घर तिरंगा योजना के तहत व्यापारियों ओर दुकानदारों से 20 रुपये जमा करने के लिए उद्घोष करने वाले कर्मचारी को निकाल दिया गया.
लाउडस्पीकर से घोषणा करने वाले के निलंबन पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उच्च अधिकारियों द्वारा पारित क्रूर आदेश का खामिजया निचले पायदान के सरकारी कर्मचारी को भुगतना पड़ा.
Unfortunately a lower rung government employee who announced the diktat to hoist Indian flag was fired & will bear the brunt of an atrocious order passed by higher ups. FYI here is another directive asking students to purchase the national flag for Har Ghar Tiranga. pic.twitter.com/C5snpvNOmX
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) July 25, 2022
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘दुर्भाग्य से एक निचले पायदान के सरकारी कर्मचारी, जिसने भारतीय ध्वज फहराने का फरमान सुनाया था, को निकाल दिया गया और उसे उच्च अधिकारियों द्वारा पारित एक क्रूर आदेश का खामियाजा भुगतना पड़ेगा.’
उन्होंने कहा कि एक और निर्देश है, जिसमें छात्रों को हर घर तिरंगा अभियान के लिए राष्ट्रीय ध्वज खरीदने का निर्देश दिया गया है.
इससे पहले जम्मू कश्मीर शिक्षक मंच ने शनिवार को आरोप लगाया था कि पूरे कश्मीर में हर घर तिरंगा अभियान के तहत शिक्षकों और छात्रों को तिरंगा खरीदने के लिए पैसे देने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)