ईरानी ने कांग्रेस नेताओं को क़ानूनी नोटिस भेज कहा- झूठे और निराधार आरोपों के लिए माफ़ी मांगें

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेताओं जयराम रमेश और पवन खेड़ा को क़ानूनी नोटिस है. रमेश और खेड़ा ने उनकी बेटी ज़ोइश ईरानी पर गोवा में अवैध रूप से बार चलाने का आरोप लगाया था. उन्होंने मंत्री पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें मंत्रिमंडल से बर्ख़ास्त करने की मांग भी की थी.

स्मृति ईरानी. (फोटोः पीटीआई)

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेताओं जयराम रमेश और पवन खेड़ा को क़ानूनी नोटिस है. रमेश और खेड़ा ने उनकी बेटी ज़ोइश ईरानी पर गोवा में अवैध रूप से बार चलाने का आरोप लगाया था. उन्होंने मंत्री पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें मंत्रिमंडल से बर्ख़ास्त करने की मांग भी की थी.

स्मृति ईरानी. (फोटोः पीटीआई)

नई दिल्ली/पणजी: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने रविवार को कांग्रेस नेताओं – जयराम रमेश और पवन खेड़ा को कानूनी नोटिस भेजकर कहा कि वे उन पर तथा उनकी बेटी पर लगाए गए ‘निराधार और झूठे’ आरोपों के लिए माफी मांगें.

ईरानी ने यह कदम कांग्रेस नेताओं द्वारा आरोप लगाए जाने के एक दिन बाद उठाया है. रमेश और खेड़ा ने ईरानी की 18 वर्षीय बेटी ज़ोइश ईरानी पर गोवा में अवैध रूप से बार चलाने का आरोप लगाया था. उन्होंने मंत्री पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग भी की थी.

कानूनी नोटिस में कहा गया है कि अगर कांग्रेस नेता बिना शर्त और स्पष्ट रूप से माफी नहीं मांगते हैं तथा अपने आरोप वापस नहीं लेते हैं, तो ईरानी उनके खिलाफ दीवानी और आपराधिक कार्यवाही शुरू करेंगी.

ईरानी द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि कांग्रेस नेताओं ने मंत्री की युवा बेटी पर हमला किया, जो विश्वविद्यालय में पहले वर्ष की छात्रा हैं.

नोटिस में कहा गया है कि ज़ोइश ईरानी ने कभी भी कोई बार या कोई व्यावसायिक उद्यम ‘चलाने’ के लिए किसी लाइसेंस के वास्ते आवेदन नहीं किया है. इसमें कहा गया है कि उन्हें गोवा में आबकारी विभाग ने कोई कारण बताओ नोटिस नहीं भेजा है, जैसा कि कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है.

बयान में कहा गया है, ‘ये आरोप न केवल हमारी मुवक्किल और उनकी बेटी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि उनकी गरिमा को भंग करने का भी प्रयास हैं.’

महिला कांग्रेस नेता नेट्टा डिसूजा और कांग्रेस पार्टी को भी नोटिस भेजा गया है.

कांग्रेस ने बीते 23 जुलाई को ईरानी की बर्खास्तगी की मांग करते हुए उनकी बेटी पर गोवा में एक अवैध बार चलाने का आरोप लगाया था.

वहीं, स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के इस आरोप को दुर्भावनापूर्ण करार देते हुए उस पलटवार करते हुए दावा किया था कि नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल गांधी की ‘5,000 करोड़ रुपये की लूट’ पर उनके मुखर रुख के कारण उनकी बेटी को निशाना बनाया गया है.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ईरानी की बेटी के कथित रेस्टोरेंट के बाहर प्रदर्शन किया

इस बीच युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने रविवार को गोवा के उस रेस्टोरेंट के बाहर प्रदर्शन किया, जिसके बारे में कांग्रेस का दावा है कि यह केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की पुत्री का है.

युवा कांग्रेस की गोवा इकाई के अध्यक्ष वराड मारदोलकर तथा प्रदेश इकाई के प्रवक्ता अमरनाथ पणजीकर ने रविवार को असगांव में ‘सिली सोल्स कैफे एंड बार’ के बाहर प्रदर्शन की अगुवाई की और इस रेस्टोरेंट को बंद करने की मांग की.

गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमित पाटकर ने दावा किया था कि स्मृति ईरानी की पुत्री के बार के लाइसेंस के नवीनीकरण का आवेदन एक ऐसे व्यक्ति के नाम पर किया गया, जिसकी मौत हो चुकी है.

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि ईरानी भावनात्मक राग अलापकर अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकतीं और उन्हें आरोपों का जवाब देना होगा.

पणजीकर ने कहा कि ईरानी भावनात्मक बयान देकर और दूसरों को जिम्मेदार ठहराकर इसे छिपा नहीं सकतीं. उन्होंने आरोप लगाया कि ईरानी अपने ही परिवार के सदस्यों द्वारा किए गैरकानूनी काम के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहरा रही हैं.

कांग्रेस नेता ने मांग की कि रेस्टोरेंट तथा इस अवैध काम में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

मालूम हो कि स्मृति ईरानी की बेटी ज़ोइश द्वारा उत्तरी गोवा के असगांव में संचालित एक रेस्टोरेंट विवादास्पद तरीके से सुर्खियों में आ गया. विवाद इस बात पर है कि यह रेस्टोरेंट पिछले कुछ समय से एक मृत व्यक्ति के नाम पर शराब लाइसेंस का नवीनीकरण हासिल करता रहा है.

बीते 21 जुलाई को गोवा के आबकारी आयुक्त नारायण एम. ने वकील एरेस रोड्रिग्स द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर ज़ोइश ईरानी द्वारा संचालित ‘सिली सोल्स कैफे एंड बार’ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. आरोप है कि शराब लाइसेंस पाने के लिए धोखाधड़ी वाले और मनगढ़ंत दस्तावेज पेश किए गए.

यह नोट किया गया कि लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन 22 जून 2022 को एंथनी डीगामा के नाम पर किया गया था. हालांकि पिछले साल मई में उनकी मौत हो गई थी.

कारण बताओ नोटिस में कहा गया है, ‘लाइसेंस धारक की 17/05/2021 को मृत्यु हो जाने के बावजूद पिछले महीने लाइसेंस का नवीनीकरण किया गया था.’

इस मामले की सुनवाई 29 जुलाई को तय की गई है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)